जयपुर। चना वायदा ने 3270 रुपये के स्तर से 4385 रुपये का स्तर बहुत तेजी से छुआ। अब चना वायदा में मुनाफा वसूली का दौर शुरू हुआ है। ऐसे में खरीद पॉजिशन वालों को 3765 और 3665 के स्तर पर खरीद करनी चाहिए ओर शार्ट पॉजिशन वालों को प्रोफिट बुकिंग। गौरतलब है कि सरकार ने चना उत्पादन को बढाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए चने की न्यूनतम खरीद मूल्य एमएसपी प्रति 100 किलो 400 रुपये कर दी थी। सरकार ने चना कीमतों को समर्थन देने के लिए एक्सपोर्ट को खोला था। दिसम्बर 2017 में सरकार ने चना पर से कस्टम ड्यूटी छूट को हटा लिया था और सस्ते चने के आयात को रोकने के लिए आयात शुल्क में 30 प्रतिशत की बढोतरी की थी। इसके बाद फरवरी 2018 में चना पर आयात शुल्क बढाकर 40 प्रतिशत और मार्च 2018 में 60 प्रतिशत कर दिया गया था। इससे चने की कीमतों को सहारा मिला। सरकार ने राजस्थान,कर्नाटक,आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से चना खरीद निर्धारित की। मध्प्रदेश सरकार ने किसानों को प्रति 100 100 रुपये का अनुदान देने की घोषणा की। छत्तिसगढ सरकार ने किसानों को प्रति क्विंटल 1500 रुपये देने की घोषणा की। वहीं 20 जून तक सरकार ने चना निर्यातकों को एमईआईएस स्कीम के तहत 7 प्रतिशत अनुदान दिया था। इन कारणों से चना में तेजी बनी थी। लेकिन अब इसमें मुनाफा वसूली का दौर शुरू हुआ है। विषेषज्ञों के अनुसार चना वायदा को त्यौहारी मौसम में निकली मांग से समर्थन मिल सकता है। हालांकि मानसून का रुख सकारात्मक होने से आगे चना उत्पादन में बढोतरी की संभावना है। चना वायदा ने एक बार 3765 पर सपोर्ट ले लिया है। इसके नीचे जाने पर अगला मेजर सपोर्ट 3665 रुपये पर आयेगा।
स्त्रोत - कारोबार टूडे रिसर्च
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