जयपुर। चीन ने भारत से सरसों खल का आयात करने पर करीब 1 वर्ष से प्रतिबंध लगा रखा था। लेकिन अब चीन में फिर से भारत से सरसों खल का आयात करने पर प्रतिबंध हटाया है। सरसों खल का प्रयोग पशु आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए किया जाता है। गौरतलब है कि सरसो राजस्थान की प्रमुख फसल है और यहां पर सरसों खल का भी प्रमुखता से उत्पादन होता है, ऐसे में सरसों खल पर चीन द्वारा आयात पर रोक हटाना राजस्थान के लिए फायदेमंद है।
कस्टम विभाग के अधिकारियों के अनुसार सोमवार से चीन के लिए भारत से सरसों खल का शिपमेंट कुछ निर्धारित मानकों पर खरा उतरने पर भेजा जा सकेगा। गौरतलब है कि चीन और अमेरिका में ट्रेड वार चल रहा है और चीन अमेरिका से आयात किए जाने वाले सोयाबीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। इसीलिए ही उसने भारत से आयात होने वाले सरसों खल पर प्रतिबंध हटाया है। गौरतलब है कि चीन दुनिया में सोयाबीन के कुल कारोबार का करीब 60%अपने इस्तेमाल के लिए खरीदता है और अमेरिका से सोयाबीन का सबसे ज्यादा निर्यात चीन को ही किया जाता है। वर्ष 2011 में क्वालिटी दिक्कतों को लेकर चीन ने भारत से आयात की जाने वाली सरसों खल पर प्रतिबंध लगाया था। उससे पहले चीन ही भारत से सबसे ज्यादा सरसों खल का आयात करता था।
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