जयपुर। सरकार नहीं चाहती की दालों व अन्य किसी कमोडिटी में भारी तेजी आये, इसके लिए सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण निधि का प्रावधान किया।
मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) के अंतर्गत यह रहे प्रयास
प्रभावी बाजार हस्तक्षेप और दलहन की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए घरेलू खरीद एवं आयात के जरिये 20.50 लाख मीट्रिक टन तक का बफर स्टॉक तैयार किया गया है।कुल 20.50 लाख मीट्रिक टन में से 16.73 लाख मीट्रिक टन के निपटान के बाद फिलहाल 3.77 लाख मीट्रिक टन दाल बफर के लिए उपलब्ध है। इसमें से 3.79लाख मीट्रिक टन दालों का आयात किया गया और 16.71 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद घरेलू बाजार से की गई थी। घरेलू स्तर 16.71 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद की गई जिसमें से 13.67लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 के दौरान एमएसपी पर की गई जिससे 8.49 लाख किसान लाभान्वित हुए। प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए नेफेड, एसएफएसी और एमएमटीसी के माध्यम से प्याज की खरीद और आयात किए गए।
वर्ष 2018-19 में पीएसएफ के तहत 13,508 मीट्रिक टन प्याज की घरेलू खरीद हुई।वर्ष 2017-18 में 5,131 मीट्रिक टन प्याज की घरेलू खरीद हुई थी। बफर स्टॉक से दालों का उपयोग राज्यों को उनकी योजनाओं के तहत वितरण के लिए आपूर्ति करने में किया जा रहा है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों/ विभागों की भी पोषण घटक वाली योजनाएं हैं जो सीधे तौर अथवा निजी एजेंसियों के जरिये आतिथ्य सेवाएं मुहैया कराती हैं। इसके अलावा, बफर स्टॉक से दालों का इस्तेमाल सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की दाल जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। अफगानिस्तान को दी गई खाद्य सहायता के साथ-साथ केरल में बाढ़ राहत उपायों के लिए खाद्य सहायता भी प्रदान की गई। बाजार में नीलामी के जरिये भी दालों को निपटाया जा रहा है।इन हस्तक्षेपों के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया गया कि पूरे साल दालों और प्याज की कीमत उचित स्तर पर बरकरार रहे।
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