-टाटा पावर सोलर ने वर्ल्ड क्लास कैटेगरी में जीपीईए 2018 जीता; “भावी सस्थानों द्वारा अनुसरण करने के लिए रोल मॉडल” के तौर पर सम्मानित किया गया
राष्ट्रीय। टाटा पावर सोलर, भारत की सबसे बड़ी एकीकृत सोलर एनर्जी कंपनी और टाटा पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी, को एशिया पेसिफिक क्वालिटी ऑर्गेनाइजेशन(एपीक्यूओ) के तत्वधान के तहत “वर्ल्ड क्लास” कैटेगरी में प्रतिष्ठित ग्लोबल परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवार्ड (जीपीईए) 2018 प्राप्त किया है। कंपनी 10 एशिया एवं पेसिफिक रिम देशों से 30 रोल मॉडल संस्थानों में से एक बन गई है जिन्हें उनकी बिजनेस एक्सीलेंस यात्रा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया है।
यह प्रतिष्ठित अवार्ड 11 दिसंबर 2018 को जुमैराह एतिहाद टावर्स होटल, अबू धाबी में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान टाटा पावर को दिया गया। यह पुरस्कार एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित पुरस्कार है जोकि गुणवत्ता के क्षेत्र में संस्थानों के विकास को दर्शाता है। जीपीईए मुख्य रुप से बैलड्रिज या ईएफक्यूएम (यूरोपीयन फाउंडेशन फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट) आधारित मॉडल है जोकि प्रमाणित सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों को अपनाने के जरिये संस्थागत सफलता को प्रबंधित करने का व्यापक दृष्टिकोण मुहैया कराता है। टाटा पावर सोलर को “भावी सस्थानों द्वारा अनुसरण करने के लिए रोल मॉडल” के तौर पर सम्मानित किया गया है।
इस उपलब्धि पर प्रवीर सिन्हा, सीईओ एवं प्रबंध निदेशक, टाटा पावर ने कहा, “हमें प्रतिष्ठित ग्लोबल परफॉर्मेंस एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त कर गर्व हो रहा है। यह सम्मान हमारे ग्राहकों को विश्वस्तरीय सेवा प्रदान करने के हमारे दृढ़ संकल्प की पुष्टि करता है। इस पुरस्कार ने सोलर उद्योग में हमारी नेतृत्वकारी स्थिति को उत्कृष्ट बनाने और उसे बरकरार रखने के हमारे जोश को मजबूत किया है।”
इस अवसर पर आशीष खन्ना, एमडी एवं सीईओ, टाटा पावर सोलर ने कहा, “टाटा पावर सोलर में हम एकमात्र भारतीय सौर कंपनी बनकर अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहे हैं जिसे वैश्विक मंच पर यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ाने के हमारे अटल विजन के साथ, यह पुरस्कार ऐसे समय में मिला है जब 29 से अधिक वषों की हमारी मजबूत धरोहर और अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति को सम्मानित किया गया है। यह हमारे हितधारकों को भी आश्वस्त करता है कि हम उन्हें स्थायी वैल्यू प्रदान करते हैं और मानक स्थापित करते हैं।”
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