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Wednesday, May 1, 2019

अमेज़न का 2023 तक ई-कॉमर्स निर्यात में 5 बिलियन डॉलर का लक्ष्‍य





बेंगलुरु। अमेज़न एक्‍सपोर्ट्स डाइजेस्‍ट के दूसरे संस्‍करण के लॉन्‍च के दौरान, अमेज़न ने घोषणा की है कि इसके ग्‍लोबल सेलिंग प्रोग्राम ने भारत में लॉन्‍च होने के महज तीन साल के अंदर ई-कॉमर्स निर्यात बिक्री में 1 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार करने की महत्‍वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। अमेज़न के ग्‍लोबल सेलिंग प्रोग्राम को देश में मई 2015 में चंद सैकड़ों विक्रेताओं के साथ शुरू किया गया था और अब 50 हजार से ज्यादा भारतीय निर्यातक इसका हिस्‍सा हैं, जो देश भर में 140 मिलियन से ज्यादा मेड इन इंडिया प्रॉडक्ट्स की दुनिया भर में अपने फैले गए अपने मार्केटप्लेस, जैसे Amazon.com,Amazon.co.uk के माध्यम से विश्वव्यापी स्तर पर अमेज़न के उपभोक्ताओं को बिक्री कर रहे हैं।

अमित अग्रवाल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं कंट्री हेड, अमेज़न इंडिया ने कहा, “6 साल पहले, हमने भारत में परिचालन शुरु किया और हमारा विजन प्रत्‍येक प्रेरित भारतीय विक्रेता को भारत और दुनिया के हरेक देश तक पहुंचाने में सक्षम बनाना था। अमेज़न ने चार वर्ष पूर्व भारत में ग्‍लोबल सेलिंग प्रोग्राम लॉन्‍च किया जोकि इस विजन के बिल्‍कुल अनुरूप है। इस प्रोग्राम ने तब से काफभ्‍ वृद्धि की है और यह भारत से 1 बिलियन डॉलर के आंकड़े पर पहुंच चुका है। यह प्रोग्राम “मेड इन इंडिया” प्रोडक्‍ट्स को दुनिया भर में पहुंचाने और 50 हजार भारतीय एमएसएमई को उनका घर छोड़े बगैर 300 मिलियन से अधिक वैश्विक ग्राहकों तक पहुंच बनाने के सरकार के विजन को भी सपोर्ट कर रहा है। अगले पांच सालों में इंडिया गो ग्‍लोबल में काफी बड़ा बनने की क्षमता है और अमेज़न को भरोसा है कि ग्‍लोबल सेलिंग प्रोग्राम2023 तक 5 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लेगा और लाखों विनिर्माताओं,निर्यातकों एवं छोटे उद्यमियों के विकास में मदद करेगा।“”

उन्‍होंने बताया, “भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर इस वृद्धि के बहुगुणक प्रभाव काफी उल्‍लेखनीय होंगे। इससे नये आधारभूत संरचना निर्माण होंगे, रोजगार सृजन होगा,खासतौर से बदले में सफल सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम आकार के उपक्रम अपने स्‍थानीय समुदायों में दोबारा निवेश करेंगे- जिससे नौकरियां पैदा होंगी, स्‍थानीय अर्थव्‍यवस्‍था को सहयोग मिलेगा और इस तरह उनके आसपास का समूचा पारितंत्र विकसित होगा।”

अमेज़न ने आज अपने सालाना एक्सपोर्ट डाइजेस्ट का दूसरा संस्करण रिलीज किया, जिसने 2018 में भारत से वैश्विक विक्रेताओं की संख्या में 56 फीसदी की बढ़ोतरी होने का खुलासा किया। अमेज़न के इंटरनेशनल मार्केटप्लेस से विश्व स्तर पर पेश किए जाने वाले भारतीय उत्पादों के संग्रह में 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस अवधि में उन विक्रेताओं की संख्या 71 फीसदी बढ़ गई, जो अमेज़न के फुलफिल्ड कार्यक्रमों का हिस्सा बने। अमेज़न एक्सपोटर्स डाइजेस्ट ने अपने दूसरे संस्करण में कई दिलचस्प तथ्यों का खुलासा किया। इससे ग्लोबल मार्केटप्लेस में भारतीय प्रॉडक्ट्स की डिमांड में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की झलक मिली। विश्व भर में अपने प्रॉडक्ट्स की बिक्री करने वाले भारतीय निर्यातकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। भारतीय निर्यातकों की ओर से दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय और उभरते हुए प्रॉडक्ट्स की श्रेणियां पेश की गई।

इस साल की रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलिया को अपने प्रॉडक्ट्स का निर्यात कर रहे भारतीय विक्रेताओं का प्रदर्शन भी संख्याओं की शक्ल में एक्सपोर्ट डाइजेस्ट में शामिल किया गया। ऑस्ट्रेलिया भारतीय विक्रेताओं के लिए नया मार्केटप्लेस है, जिसे 2018 में ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम के हिस्से के तौर पर शामिल किया गया था। थोड़े ही समय में अब 500 से ज्यादा भारतीय निर्यातक ऑस्ट्रेलिया में अपने उपभोक्ताओं को 12 मिलियन से ज्यादा प्रॉडक्ट्स पेश कर रहे हैं। यह रिपोर्ट ग्लोबल सेलिंग बिजनेस टु बिजनेस प्रोग्राम के विकास को भी उभारती है, जिससे भारतीय निर्यातकों को दुनिया भर में अपने उपभोक्ताओं को सर्विस प्रदान करने की इजाजत मिलती है। केवल 1 एक साल में ग्लोबल सेलिंग बी2 बी प्रोग्राम में 6000 से ज्यादा भारतीय बिजनेस टु बिजनेस विक्रेता जुड़ गए हैं।

वार्षिक एक्सपोर्ट्स डाइजेस्ट में टॉप भारतीय राज्यों और शहरों के साथ अंतर्राष्‍ट्रीय निर्यात और दुनिया भर में फैली सबसे लोकप्रिय प्रॉडक्ट की श्रेणियों का प्रदर्शन किया गया। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा उन प्रमुख राज्यों के तौर पर उभरे, जिनके सबसे ज्यादा निर्यातकों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2018 में अपने प्रॉडक्ट्स की बिक्री की। घरेलू सामान, किताबों, कपड़ों, ज्‍वैलरी, किचन, हेल्थ और पर्सनल केयर की श्रेणियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न जातियों और समूहों से संबंध रखने वाले उपभोक्ताओं की मांग में काफी बढ़ोतरी देखी गई।

भारत में अमेज़न ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम के लिए 2018 सफलता से भरपूर वर्ष रहा है। इस वर्ष अमेज़न सेलिंग प्रोग्राम की विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं जैसे फिक्की, सीआईआई और एफआईएसएमई से साझेदारी की। इसी के साथ सूक्ष्‍म, लघु, मध्यम श्रेणी के उपक्रमों को मजबूत बनाने के लिए तिरुपुर, करूर, आगरा, सूरत गुवाहाटी के निर्यात संगठनों से भी साझेदारी की गई। भारतीय विक्रेताओं को दुनिया भर के ग्राहकों से जोड़ने के लिए अमेज़न के पास ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम के एक हिस्से के तौर पर समर्पित टीम है। यह टीम दुनिया भर में फैले अमेज़न के 11 मार्केटप्लेस में छोटे-बड़े सभी भारतीय निर्यातकों को अपने प्रॉडक्ट्स की बिक्री में सक्षम बनाती है।

अमेज़न इंडिया में सेलर सर्विसेज विभाग के उपाध्यक्ष गोपाल पिल्लई ने कहा, ““अमेज़न ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम एक अनोखी पहल हैजोकि एमएसएमई को 300 मिलियन से अधिक वैश्विक ग्राहकों तक पहुंचाने, उन्‍हें टूल्‍स एवं टेक्‍नोलॉजी से सुसज्जित करने और गंतव्‍य देशों में अमेज़न के आधारभूत ढांचे का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है। यह देखना काफी दिलचस्प है कि किस तरह यह प्रोग्राम देश में फल-फूल रहा है इसके तहत 80 फीसदी से ज्यादा निर्यातक गैर-महानगरों एवं टियर 2 एवं इससे छोटे शहरों से आ रहे हैं। हम ज्यादा से ज्यादा छोटे व्‍यावसायों को मेक इन इंडिया  पहल का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए अपने प्रोग्राम का विस्तार करना चाहते हैं, जिससे ई-कॉमर्स निर्यात को सक्षम बनाया जा सके और वे दुनिया भर में फैले उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच बनाने के काबिल बनें।

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