एक अनोखा ऐप जो विजुअल्स, जेस्चर और अल्फाबेट्स को जोड़ता है
चेन्नई. लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी संबंधी गतिविधियों के तहत डेफ एनेबल्ड फाउंडेशन (डीईएफ) के सहयोग से भारतीय साइन लैंग्वेज (आईएसएल) मोबाइल ऐप - डीईएफ-आईएसएल लॉन्च किया है।
डीईएफ-आईएसएल ऐप सांकेतिक भाषा को आसान, सुलभ और दिलचस्प बनाता है। 5000 से अधिक आसान और जल्द समझ में आने वाले संकेतों और वाक्यांशों, इन-बिल्ट वीडियो, चित्रों के साथ आने वाले और आसानी से नेविगेट किए जाने वाले इस एप्लिकेशन का उपयोग ऐसे वयस्क और बच्चे दोनों कर सकते हैं, जिनकी सुनने की क्षमता कम है या बिलकुल नहीं है। अनुकूलित मोबाइल ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। डीईएफ-आईएसएल ऐप उन लोगों को भी साइन लैंग्वेज सीखने का एक अवसर प्रदान करता है, जिन्हें सुनाई देने की कोई समस्या नहीं है। इस तरह साइन लैंग्वेज को सीखने के बाद वे सुनने की कम क्षमता वाले लोगों से आसानी से और प्रभावी तरीके से संवाद कर सकते हैं।
लार्सन एंड टुब्रो के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर एस. एन. सुबह्मण्यन कहते हैं, “एलएंडटी ने हमारे दिन-प्रतिदिन के व्यवसाय में डिजिटल टैक्नोलॉजी को शामिल करते हुए इसे अगले स्तर तक ले जाने का महत्वपूर्ण काम किया है। डीईएफ-आईएसएल ऐप को लॉन्च करना श्रवण बाधित लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद करने के लिए डिजिटलीकरण का उपयोग करने की दिशा में एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने आगे कहा, ‘‘एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करना जो सुनने में अक्षम लोगों, दुभाषियों और उनके परिवार के लोगों और शिक्षकों को सांकेतिक भाषा को समझने में मदद करेगा, निश्चित तौर पर एक उपयोगी और महत्वपूर्ण कदम है और इस तरह आसान बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा के साथ अधिक समावेशी समाज को सक्षम किया जा सकेगा।‘‘
डीईएफ बोर्ड के जनरल सेक्रेट्री और डायरेक्टर हरि हारा कुमार कहते हैं, ‘‘हमारे देश में श्रवण बाधित लोगों की संख्या 18 मिलियन है, जो दुनिया में सर्वाधिक है। वर्तमान में केवल 0.25 प्रतिशत लोग ही द्विभाषी शिक्षा हासिल कर पाते हैं, जहां सांकेतिक भाषा का ज्ञान प्राथमिक है और एक स्थानीय भाषा भी है। डीईएफ-आईएसएल ऐप विजुअल्स, जेस्चर और अल्फाबेट्स को प्रभावी तरीके से जोड़ते हुए साइन लैंग्वेज सीखने और अंग्रेजी भाषा में संचार कौशल को बढ़ाने के लिए एक अनूठा समाधान विकसित करता है। इस अनूठे ऐप को तैयार करने और लोगों को इसका उपयोग करने का अवसर प्रदान करने के लिए एल एंड टी का सपोर्ट बेहद मूल्यवान है।‘‘
प्रख्यात अभिनेत्री और डेफ एनेबल्ड फाउंडेशन की ब्रांड एंबेसडर प्रिया आनंद ने जिंदगी में कदम-कदम पर आने वाली चुनौतियों का सामना करने में श्रवण बाधित लोगों को सक्षम बनाने के लिए डेफ एनेबल्ड फाउंडेशन और एल एंड टी कंस्ट्रक्शन के सामूहिक प्रयासों की सराहना की।
डेफ एनेबल्ड फाउंडेशन बधिरों द्वारा, बधिरों का, बधिरों के लिए बना एक संगठन है, जो बधिरों के लिए कम्युनिकेशन से संबंधित मुद्दों पर काम करता है और बड़े पैमाने पर समाज के साथ उनके जुड़ाव को बेहतर बनाने के लिए विकासशील विधियों और संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करता है। संगठन का उद्देश्य हजारों श्रवण बाधित बच्चों और वयस्कों के जीवन में टैक्नोलॉजी के माध्यम से ऐसा बदलाव लाना है, जिसकी सहायता से वे श्रवण तकनीक और विशेषज्ञता तक पहुँच हासिल करते हुए अपनी पूर्ण क्षमता के साथ आगे बढ सकें।
पृष्ठभूमिः
लार्सन एंड टुब्रो एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, निर्माण, विनिर्माण और वित्तीय सेवाओं में 18 बिलियन डालर के राजस्व के साथ कार्यरत है। यह दुनिया भर में 30 से अधिक देशों में काम करती है। एक मजबूत, ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और उच्च-श्रेणी की गुणवत्ता के लिए निरंतर प्रयासों के बूते एल एंड टी पिछले आठ दशकों से अपने प्रमुख व्यवसायों में अगुवा की स्थिति बनाए रखने में कामयाब रही है।
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