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Tuesday, May 28, 2019

बैंगलोर और गुड़गांव एशिया पेसिफिक के टॉप 5 टैक शहरों में शामिल





 REALTY BYTES: BANGALORE AND GURGOAN EMERGE AS TOP 5 TECH CITIES IN ASIA PACIFIC




नई दिल्ली। भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कन्सल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्रा लिमिटेड ने  अपनी रिपोर्ट “Programming Asia Pacific’s Tech Cities as Global Tech Hubs परिणामों को ऐलान किया है। रिपोर्ट के अनुसार सिलिकॉन वैली के समान स्तर के मुख्य शहर या क्लस्टर की अनुपस्थिति के बावजूद टेक्नोलॉजी कंपनियांें के द्वारा एपीएसी क्षेत्र में कार्यालय स्थलों की मांग बढ़ रही है। क्षेत्र में टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ती मांग ने 2018 में कुल लीज़िंग गतिविधि में 23 फीसदी का योगदान दिया।
अंशुमन मैगज़ीन, चेयरमैन एवं सीईओ, भारत,दक्षिण-पूर्वी एशिया, मध्यपूर्व एवं अफ्रीका, सीबीआरई ने कहा, ‘‘भारत में बड़ी संख्या में टेक यूनिकॉर्न हैं और एशिया पेसिफिक में डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी को तेज़ी से अपनाया जा रहा है। हालांकि ऐसे मंच की आवश्यकता है जहां कारोबार, इनोवेशन और प्रतिभा एक साथ एक ही मंच पर आकर विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी डिजिटल हब बना सकें। दिल्ली-एनसीआर और बैंगलोर में बड़ी संख्या में मौजूद आईटी प्रतिभा तथा बेहतर इन्क्यूबेटर एवं एक्सेलरेटर प्रोग्रामों के चलते नए विचारों को प्रोत्साहन मिला है। एशिया पेसिफिक में 8.4 मिलियन उम्मीदवार हैं जो  (Science, Technology, Engineering and Mathematics -STEM) में ग्रेजुएट हैं, इनमें से 30 फीसदी भारत में हैं, जोकि एक बड़ी संख्या है।’’
दुनिया के अग्रणी टेक हब सिलिकॉन वैली का वातावरण टेक्नोलॉजी सेक्टर के विकास के लिए अनुकूल है, एशिया पेसिफिक के कई शहरों में अपनी विशिष्ट क्षमताएं और कमज़ोरियां हैं। अग्रणी टेक्नोलॉजी शहर जैसे बीजिंग, बैंगलोर, शंघाई, सिंगापुर और गुड़गांव एक गतिशील प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं और तकनीक के द्वारा सेक्टर के विकास के प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिसका श्रेय इन क्षेत्रों में मौजूद कारोबार की व्यवहारिक परिस्थितियों, आधुनिक तकनीकों तथा कारोबार के अनुकूल लागत एवं उपलब्धता को जाता है। इन सभी पहलुओं केे नज़रिए से देखा जाए तो ये शहर अग्रणी स्थिति पर हैं और  बड़ी संख्या में पारम्परिक एवं आधुनिक कंपनियों के लिए पंसदीदा गंतव्य बने हुए हैं जो एशिया पेसिफिक में अपने आप को मजबूती से स्थापित करना चाहती हैं।
बैंगलोर इस दृष्टि से भारत में सबसे अग्रणी है, इसके बाद अगला स्थान गुड़गांव का है। जिसका श्रेय इन शहरों में मौजूदा प्रतिभा, आधुनिक बुनियादी सुविधाओं, सशक्त आर एण्ड डी प्रणाली तथा प्रतिस्पर्धी लागत को जाता है।
भारत की स्टार्ट-अप राजधानी कहलाने वाले शहर बैंगलोर में देश के 30 फीसदी स्टार्ट-अप हैं जो भारत में टेक सेक्टर के विकास में उल्लेखनीय योगदान देते हैं। 155 मिलियन वर्ग फीट के साथ शहर में देश का सबसे बड़ा ऑफिस स्टॉक है, 2021 से पहले यहां 30 मिलियन वर्ग फीट कार्यालय स्थल था। शहर में रेंटल क्षेत्र भी तेज़ी से विकसित हो रहा है, क्योंकि टेक स्पेस में लगातार विकास की उम्मीद है।
इसी तरह ‘मिलेनियल सिटी’ कहलाने वाले शहर गुड़गांव में कुछ सबसे बड़े विश्वस्तरीय एवं घरेलू कोरपोरेशन हैं। बड़ी संख्या में संगठन अपने बैक-ऑफिस/ फ्रंट ऑफिस यहां शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। देश की राजधानी तथा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नज़दीक होने के कारण यह क्षेत्र अधिकतर सॉफ्टवेयर पेशेवरों के लिए सुलभ है। इसके ऑफिस स्टॉक के आकार और गुणवत्ता तथा टैक सेक्टर में सरकारी प्रोत्साहनों के चलते गुड़गांव निवेशकों के राडार पर है। 
सीबीआरई के परिणाम एशिया पेसिफिक में टेक्नोलॉजी द्वारा  अपनाए गए बहु-आयामी दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं, जो विशिष्ट कारोबारों और युनिट्स की उपयुक्तता के अनुसार लोकेशन का चयन करते हैं।
एशिया-पेसिफिक में स्थित टैक कंपनियां तेज़ी से विस्तारित हो रही हैं। 2018 में एशिया पेसिफिक कंपनियों ने दुनिया की टॉप 100 टेक्नोलॉजी फर्मों के राजस्व में 43 फीसदी का योगदान दिया। उल्लेखनीय है कि एशिया पेसिफिक टेकनोलॉजी में निवेश की दृष्टि से सबसे तेज़ी से विकसित होता क्षेत्र है, इस क्षेत्र में वेंचर कैपिटल फंडरेज़िंग 2014 में 20 बिलियन डॉलर थी जो 2018 में चार गुना बढ़कर 80 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गई। बड़े उद्यम टेक्नोलॉजी सेक्टर में, विशेष रूप से इंटरनेट और सॉफ्टवेयर फर्मों में निवेश करते हैं।
टेक्नोलॉजी कंपनियां आज ऐसे माहौल की तलाश में हैं जो स्टार्ट-अप्स एवं यूनिकॉर्न्स को आधुनिक उत्पाद एवं सेवाएं उपलब्ध कराए। यह रूझान कई बाज़ारों में टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों के गठन को प्रोत्साहित कर रहा है।
सीबीआरई ने एशिया पेसिफिक के 15 बाज़ारों में कारोबार की स्थितियों, इनोवेशन्स, लागत एवं उपलब्धता का मूल्यांकन किया है।
कारोबार का वातावरणः सरकारी नीतियां तकनीकी अनुसंधान एवं विकास, वित्तपोषण की उपलब्धता, बाज़ार के आकार और प्रतियोगिता को सुनिश्चित करती हैं।
आधुनिक वातावरणः स्टार्ट-अप्स की संख्या और आकार, शिक्षा की गुणवत्ता, तकनीकी क्षेत्र में प्रतिभाशाली युवाओं की संख्या तथा अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक और निजी निवेश।
लागत और उपलब्धताः इसका मूल्यांकन ऑक्यूपेन्सी एवं श्रम की लागत के आधार पर किया गया, साथ ही कार्यालय स्थलों एवं टेक्नोलॉजी पार्कों की उपलब्धता और लागत का मूल्यांकन भी किया गया।
पांच प्रमुख बाज़ारों की बात करें तो सियॉल, टोकियो, हैंगझोउ,शेंजेन और हैदराबाद एशिया पेसिफिक के टेक्नोलॉजी केन्द्रों के रूप में उभरे हैं। ये क्षेत्र पहले से सीबीआरई द्वारा पहचाई गई कई श्रेणियों में शानदार परफोर्मेन्स दे रहे हैं। इसके अलावा होंग कोंग, सिडनी, हसिंचु, टैपेई और ऑकलैण्ड भी आला दर्जे की सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।
रिपोर्ट के मुख्य पहलुओं में शामिल हैंः
टेक्नोलॉजी और रेंटल कीमतेंः कॉमर्शियल रियल एस्टेट रेंट और टेक्नोलॉजी सेक्टर में उछाल के बीच संबंध ज़्यादा मजबूत नहीं है। इसका श्रेय सरकारी नीतियों को जाता है जो लागत प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती हैं। 2019-21 में प्रमुख शहरों में ऑफिस रेंटल का विकास जारी रहने की उम्मीद है।
मुनाफ़े में विविधताः बैंगलोर में कॉमर्शियल रियल एस्टेट बाज़ार में कीमतों में उछाल की उम्मीद है, जहां सेक्टर में तेज़ी से विस्तार हो  रहा है। बीजिंग में उच्च गुणवत्ता के कार्यालय स्थल के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले यूनिकॉर्न और स्टार्ट-अप्स की संख्या हाल ही में तेज़ी से बढ़ी है, लेकिन अन्य विकल्पों की उपलब्धता निरंतर वृद्धि को सुनिश्चित करती है।
तकनीक के साथ बढ़ता स्थायी लीज़िंग वॉल्युमः सिंगापुर, सियॉल, शंघाई और टोकियो में टेक्नोलॉजी सेक्टर में मांग लगातार बढ़ रही है। यह इन शहरों में कुल लीज़िंग वॉल्युम का 15 फीसदी बना हुआ है।
यह अध्ययन सीबीआरई के द्वारा जनवरी से मार्च 2019 के बीच किया गया। एशिया पेसिफिक के  15 शहरों में उत्तरदाताओं से जानकारी जुटाई गई जहां टेक्नोलॉजी सेक्टर कुल कार्यालय स्टॉक का 10 फीसदी या अधिक हिस्सा बनाता है। 




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