मेक इन इंडिया के अनुरूप रक्षा के लिए अत्याधुनिक सामरिक संचार प्रणाली का उत्पादन करेगा एआरसी (एस्ट्रा राफेल कम्युनिकेशन सिस्टम)
हैदराबाद में एक नई अत्याधुनिक सुविधा के साथ शुरू हुआ उत्पादन
वैश्विक बाजार में भारतीय रक्षा आवश्यकताओं और निर्यात का समर्थन करने पर ध्यान
हैदराबाद। एस्ट्रा माइक्रोवेव प्राइवेट लिमिटेड और इजराइल की राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम एस्ट्रा राफेल कम्युनिकेशन सिस्टम (एआरसी) ने हैदराबाद के हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क में 27 अगस्त, 2019 को अपनी अत्याधुनिक फैसिलिटी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री जी किशन रेड्डी, माननीय राज्य मंत्री, गृह मंत्रालय और श्री रॉन मलका, भारत में इजरायल के माननीय राजदूत मौजूद थे।
51ः49 फीसदी के सेटअप के आधार पर सभी विनियामक अनुमोदन के साथ यह संयुक्त उद्यम सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप है और भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अत्याधुनिक सामरिक संचार प्रणाली विनिर्माण (बीएनईटी) के साथ डिजाइन, विकास व निर्माण करते हुए उच्च तकनीक और उन्नत उत्पादन तकनीकों में निवेश करेगा। संयुक्त उद्यम का ध्यान ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए आरएएफएएल की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता के साथ संयुक्त रूप से एएमपीएल की तकनीकी क्षमता और स्वदेशी निर्माण क्षमता का लाभ उठाने पर है। यह कल्पना की गई है कि सामरिक संचार डोमेन में प्रौद्योगिकी के मामले में एआरसी एक अग्रणी के रूप में उभरेगा। यह ग्रीन फील्ड ज्वाइंट वेंचर देश में महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों, आयात प्रतिस्थापन और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के निर्माण की परिकल्पना करता है।
एआरसी जल्द ही भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी होगी, जो कई वेरिएंट में अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो का निर्माण करेगी, ये फैसिलिटी 20,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैली हुई है। नए निर्यात बाजार खोलने के उद्देश्य से एआरसी अन्य उन्नत क्षमताओं की एक विस्तृत शृंखला के विकास और निर्माण में भी शामिल होगी।
राफेल के अध्यक्ष और सीईओ, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) योव हर-इवन ने कहा, ‘भारत के साथ हमारा सहयोग रणनीतिक है। यह केवल कथनी तक सीमित नही बल्कि हमने यह एक नहीं कई बार कर के भी दिखाया है। आज यहां इस फैसिलिटी का उद्घाटन राफेल के भारत के प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया रणनीति और नीति के कार्यान्वयन और भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों और आवश्यकताओं के लिए हमारे समर्थन का एक और सबूत है।’
एआरसी के सीओओ ब्रिगेडियर रवि हरिहरन ने कहा, ‘एआरसी एक कंपनी है जो रक्षा के परिदृश्य में संचार क्षेत्र में क्रांति लाने पर काम कर रही है। वर्तमान में हमारे पास भारतीय वायु सेना के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो की स्थिति प्रदान करने के लिए आदेश हैं। हम इस रणनीतिक क्षेत्र में सभी कंपनियों के साथ काम करने का इरादा रखते हैं, हम सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक शानदार वातावरण बनाने के लिए काम करेंगे। एआरसी इस कंपनी को जीवित करने में मदद करने में एस्ट्रा माइक्रोवेव और राफेल दोनों की ओर से किए गए योगदान को स्वीकार करती हैं जिससे हमें देश की स्वदेशी रक्षा क्षमता में योगदान करने का अवसर मिला है।’
No comments:
Post a Comment