‘एक्सपो कैपइंडिया 2019‘ का आयोजन 2-4 दिसंबर 2019 को होगा - Karobar Today

Breaking News

Home Top Ad

Post Top Ad

Tuesday, September 10, 2019

‘एक्सपो कैपइंडिया 2019‘ का आयोजन 2-4 दिसंबर 2019 को होगा


 India's largest export sourcing expo for MSME - 5th CAPINDIA 2019 from 2-4 December 2019




प्लास्टिक, रसायन, निर्माण और खनन उद्योग, शेलैक, वन और संबद्ध उत्पादों के निर्यातकों के लिए बहुप्रतीक्षित मेगा इंडिया-इंटरनेशनल शो के लिए पंजीकरण शुरू
यह आयोजन भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के तत्वावधान में होगा, जिसे रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग का समर्थन हासिल है
प्लैक्सकौंसिल, कैमेक्सिल, कैपेक्सिल और षैफेक्सिल का संयुक्त आयोजन
35 देशों के 400 विदेशी खरीदारों को लक्षित करने वाले सैकड़ों उत्पादों के साथ 500 से अधिक प्रदर्शकों की मेक इन इंडिया प्रस्तुति

मुंबई, प्लास्टिक, रसायन, निर्माण और खनन उद्योग, शेलैक , वन और संबद्ध उत्पादों के सबसे बड़े सोर्सिंग और नेटवर्किंग इवेंट कैपइंडिया 2019 के 5वें संस्करण को भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा, जिसे रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स विभाग का समर्थन हासिल है। चार निर्यात संवर्द्धन परिषदों प्लैक्सकौंसिल, कैमेक्सिल, कैपेक्सिल और षैफेक्सिल की ओर से संयुक्त रूप से इसका आयोजन किया जा रहा है। भारत की विनिर्माण क्षमताओं और संभावनाओं के प्रदर्शन (विदेशी बाजारों में सेवा करने की अपनी क्षमताओं सहित) वाले इस ‘मेड इन इंडिया’ शो को को मुंबई के गोरेगांव स्थित बॉम्बे एक्जीबिशन सेंटर में 2 से 4 दिसंबर 2019 तक आयोजित किया जाएगा।
3-दिवसीय प्रदर्शनी 10,000 वर्ग मीटर में फैली होगी। और 500 से अधिक निर्माताओं / निर्यातकों की मेजबानी करेगी, जो प्लास्टिक, उपभोक्ता आइटम, पैकेजिंग आइटम, प्लास्टिक प्रसंस्करण मशीनरी, रसायन, डाई, इंटरमीडिएट, औद्योगिक और कृषि के कच्चे माल, निर्माण सामग्री, खनन और खनिज उत्पाद, शेलैक, वन और अन्य संबद्ध उत्पाद की एक व्यापक रेंज के साथ 35 देशों के 400 से अधिक विदेशी खरीदारों के सामने अपने सैकड़ों उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। इसमें प्रदर्शकों के लिए क्रेता-विक्रेता बैठकें होंगी, ब्रांडिंग और साझेदारी के अवसर; और उद्योग से संबंधित सेमिनार होंगे। कैपइंडिया 2019 में घरेलू और विदेशी खरीदारों, अंतरराष्ट्रीय निर्यातकों और भारतीय निर्यातकों से बाजार प्रतिनिधित्व की मांग करने वाले वितरकों, कैप्टिव उपभोग के लिए कच्चे माल की मांग करने वाले उपभोक्ता, निजी निर्यातकों, व्यापारिक निर्यातकों, औद्योगिक और विपणन परामर्शदाता, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों व एजेंसियों सहित बड़ी संख्या में भागीदारी होगी।
मुख्य क्षेत्रों में भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के विजन 2022, के अनुरूप कैपइंडिया 2019 को अब तक की सबसे बड़ी प्रदर्शनी बनाना लक्ष्य है, सभी भारतीय निर्यातकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और समझदार वैश्विक खरीदारों को आकर्षित करना है।
प्लैक्सकौंसिल के अध्यक्ष रवीश कामथ ने कहा, ‘कैपइंडिया 2019 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कैलेंडर इवेंट है और  हमारे केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री  पीयूष गोयल की ओर से भारत के निर्यात को, 5 साल की छोटी अवधि के भीतर 331 बिलियन से 1 ट्रिलियन यूएस डालर करने यानी तीन गुना करने का लक्ष्य निर्धारित करने के संदर्भ में अधिक महत्वपूर्ण है। 2018-19 के दौरान, भारत ने 10.89 बिलियन यूएस डालर के प्लास्टिक का निर्यात किया जो कि नवंबर 2017-18 के 8.85 बिलियन यूएस डालर से 24 फीसदी अधिक था। वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक 1 ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था है और यह उस विशाल क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है जो हमारी बिरादरी में हो सकती है। भारत में प्लास्टिक उद्योग आज, दुनिया के आर्थिक विकास में सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं में से एक है और इसके आवेदन में ऑटोमोटिव, कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थकेयर, टेक्सटाइल, एफएमसीजी, और अधिक जैसे विभिन्न प्रमुख सेगमेंट शामिल हैं। भारत दुनिया भर में 210 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है और भारत का प्लास्टिक उद्योग 5 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है और इसमें 50,000 से अधिक विनिर्माण इकाइयां शामिल हैं।’
कैपेक्सिल के अध्यक्ष अजय के कडाकिया ने कहा, ‘कैपइंडिया 2019 पहले से कहीं ज्यादा बड़ा और बेहतर होगा और इसमें घरेलू / निर्यात व्यापार, दुनिया भर के प्रवासी खरीदार, उद्योग के नेता, सरकार के सरकारी अधिकारी और नीति निर्माता, कंसल्टेंट्स, बिल्डर्स, शिक्षा और अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञ, ओईएम (मूल उपकरण निर्माता), निवेशक, एमएसएमई / एसएमई उद्यमी और कई अन्य शामिल होंगे। कैपेक्सिल द्वारा अप्रैल 2018 से मार्च 2019 की अवधि के लिए कवर की गई वस्तुओं का कुल निर्यात प्रदर्शन 19.10 बिलियन यूएस डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष (अप्रैल-2017-मार्च-2018) की इसी अवधि के 15.91 बिलियन यूएस डॉलर की तुलना में 19 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। वर्ष 2018-19 के दौरान डाइस और डाई इंटरमीडिएट का निर्यात प्रदर्शन 2.8 बिलियन डॉलर रहा है जो कि पिछले वर्ष 2.8 बिलियन डॉलर था, इसमें 16.84 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, बेसिक इनऑर्गेनिक, ऑर्गेनिक और एग्रोकेमिकल्स का निर्यात प्रदर्शन वर्ष 2018-19 के दौरान 13.55 बिलियन डॉलर रहा पिछले वर्ष के 10.67 बिलियन डॉलर की तुलना में 26.96 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। 2018-19 में कॉस्मैटिक, टॉयलेट्री और एसेंशियल ऑयल का निर्यात 1.84 बिलियन डॉलर का रहा, इससे पिछले वर्ष के 1.8 बिलियन डॉलर की तुलना में 2.31 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, कैस्टर ऑयल और इसके डैरिवैटिव्स का निर्यात प्रदर्शन 2018-19 में 0.8 बिलियन डॉलर रहा, पिछले वर्ष से 15.35 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
145 बिलियन यूएस डॉलर के बाजार आकार के साथ भारतीय रसायन उद्योग दुनिया भर में रसायनों का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक है और चीन व जापान के बाद एशिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत वैश्विक स्तर पर कृषि रसायनों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और अपने उत्पादन का 50 फीसदी निर्यात करता है। घरेलू खपत के कारण पिछले पांच वर्षों में विशेष रसायन बाजार में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है और बाजार का आकार 2020 तक 70 बिलियन यूएस डॉलर तक जाने की उम्मीद है। यह एक पूंजी गहन उद्योग है, भारत में लगभग 20 लाख लोग इससे जुड़े हुए हैं। कैपइंडिया हमें विकास के लिए अपार अवसर प्रदान करने में मदद करेगा, जो कि विशेष रसायन, पॉलिमर और एग्रोकेमिकल्स उद्योगों के क्षेत्र में पहले से मौजूद हैं, ‘मेक इन इंडिया’ पहल विकास और निवेश की सुविधा प्रदान करते हुए उन अवसरों को पाने में मदद करेगी।’
कैपेक्सिल के अध्यक्ष आर. वीरामणी ने कहा, ‘सरकार ने अगले पांच वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर के माल निर्यात की महत्वाकांक्षी योजना निर्धारित की है। इसका मतलब है कि अगले पांच वर्षों में निर्यात दोगुना हो जाएगा। भारत से केमिकल आधारित मित्र देशों के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कैपइंडिया 2019 एक महत्वपूर्ण घटना होगी। वर्ष 2019-20 के लिए कैपेक्सिल उत्पादों के लिए निर्धारित निर्यात लक्ष्य 25.57 बिलियन यूएस डॉलर है जो 2017-18 के 22.24 बिलियन यूएस डॉलर के निर्यात की तुलना में निर्यात को लेकर पर्याप्त वृद्धि को दर्शाता है। 2017-18 की तुलना में खनिज और अयस्कों का निर्यात 9.39 फीसदी और गैर-खनिज उत्पाद क्रमशः 22.42 फीसदी बढ़ा है। देश के कुल माल के निर्यात में रसायन आधारित संबद्ध क्षेत्र की अहमियत 7 फीसदी से अधिक है।’
षैफेक्सिल के चेयरमैन  अश्विन के. नायक ने कहा, ‘जुलाई 2018 की तुलना में 23.64 फीसदी की सकारात्मक वृद्धि दर्ज करते हुए जुलाई 2019 में षैफेक्सिल का निर्यात 218.2 मिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया है। जून 2019 में किए गए निर्यात की तुलना में, जुलाई 2019 में निर्यात 18.87 फीसदी बढ़ा है। अप्रैल-जुलाई 2019-20 के दौरान किए गए संचयी निर्यात में अप्रैल-जुलाई 2018-19 के संचयी निर्यात की तुलना में 14.88 फीसदी की वृद्धि हुई है। ‘फिक्स्ड वेजिटेबल ऑयल केक और अन्य’ व ‘वेजिटेबल सैप और अर्क’ को छोड़कर सभी पैनल के संचयी निर्यात में कमी आई है। निर्यात की उच्चतम वृद्धि ‘वेजिटेबल सैप और अर्क“ में दर्ज की गई, .51.99 फीसदी।’

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad