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Thursday, September 12, 2019

आईसीआईसीआई आरएसईटीआई ने देश की पहली आईजीबीसी रेटेड ‘नेट जीरो एनर्जी- प्लेटिनम’ नई इमारत का उद्घाटन किया


 ICICI RSETI inaugurates India's first IGBC rated 'Net Zero Energy- Platinum' new building in Jodhpur

इस भवन में आईसीआईसीआई आरएसईटीआई वंचित और आर्थिक रूप से पिछडे वर्ग के लोगों को उपलब्ध कराएगा निशुल्क कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम।

जोधपुरः जोधपुर में वंचित वर्ग के युवाओं को निशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्था आईसीआईसीआई रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आईसीआईसीआई आरएसईटीआई) की नई इमारत का उद्घाटन आज किया गया। इस भवन को भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा ‘नेट जीरो एनर्जी- प्लेटिनम’ रेटिंग से सम्मानित किया गया है, जिससे यह प्रतिष्ठित प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाला देश का पहला नया भवन बन गया है। यह पुरस्कार इस इमारत में उपलब्ध उन सुविधाओं की सीरीज को दी गई एक किस्म की मान्यता है, जिसकी वजह से इमारत में एक सस्टेनेबल एनवायर्नमेंट संभव हो पाता है। यह भवन पानी की कम खपत करता है, ऊर्जा का अनुकूलन करता है, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करता है, कम अपशिष्ट उत्पन्न करता है और एक पारंपरिक इमारत की तुलना में अपने रहने वालों के लिए स्वस्थ और बेहतर माहौल प्रदान करता है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की अतिरिक्त सचिव अलका उपाध्याय और आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन गिरीशचंद्र चतुर्वेदी ने आयोजन की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन  गिरीशचंद्र चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आईसीआईसीआई ग्रुप की सीएसआर इकाई ‘आईसीआईसीआई फाउंडेशन फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ‘ वर्ष 2011 से उदयपुर और जोधपुर में आईसीआईसीआई रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आईसीआईसीआई आरएसईटीआई) का संचालन कर रहा है। आईसीआईसीआई आरएसईटीआई का प्राथमिक फोकस उन विषयों पर व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है जिनकी स्थानीय मांग है ताकि प्रशिक्षण पूरा होने पर प्रशिक्षु अपना उद्यम शुरू कर सकें और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें। आईसीआईसीआई आरएसईटीआई ने ग्रामीण युवाओं को उनके घरों के नजदीक ही प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विभिन्न ब्लॉकों में सैटेलाइट केंद्र स्थापित किए हैं। मुझे यह जानकारी देते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आईसीआईसीआई आरएसईटीआई ने 88,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है और इनमें आधे से अधिक संख्या महिलाओं की हैं। इस तरह संस्थान के माध्यम से हासिल प्रशिक्षण उन्हें अपने गांवों में स्थायी आजीविका कमाने में मदद कर रहा है।
‘‘हमें लगता है कि एक उपयुक्त शिक्षण संबंधी माहौल के भीतर सस्टेनेबल प्रेक्टिसेज को अपनाने से प्रशिक्षुओं को पर्यावरणीय रूप से और अधिक जिम्मेदार बनाने मंे सहायता मिलेगी। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने इस ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण किया है, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाएं और उद्योग में बेंचमार्क कायम करने वाले प्रशिक्षण उपकरण शामिल हैं। पारंपरिक इमारत की तुलना में यह बिजली और पानी की 50 प्रतिषत कम खपत करती है। पारंपरिक भवनों की तुलना में यह भवन बिजली और पानी की 50 फीसदी खपत ही करता है।‘‘

इस सुविधा के विकास के लिए राजस्थान सरकार ने भूमि प्रदान की और भारत सरकार ने 1 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया। भवन की नींव राजस्थान के  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रखी थी।

इस भवन की प्रमुख विशेषताएंः-
इस भवन के निर्माण में जोधपुर के विशिष्ट श्चित्तर पत्थरश् उपयोग में लाये गए हैं जो हवाए सूरज की रोशनी और प्रतिकूल मौसम को सहने में सक्षम होते हैं।
भवन की दीवारें बहुत मोटी हैं, ग्रिल्स भी पत्थरों की हैं और गलियारे खुले.खुले हैं ताकि भवन के अंदर का माहौल ठंडा बना रहे।
पर्यावरण के अनुकूल इंस्टॉलेशन, जैसे- रूफटॉप सोलर सिस्टम और पूरी तरह कुदरती फाइटोर्मेडियेशन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, जिसमें विभिन्न प्रकार के झाड़ियाँ और पौधे हैं जिनकी जड़ें गंदे पानी को साफ करती हैं। परिसर में लगे पेड-पौधों की सिंचाई के लिए पुनर्नवीनीकरण वाले पानी का उपयोग किया जाता है।
इमारत के बाहरी परिसर की रोशनी के लिए एलईडी आधारित प्रकाश व्यवस्था और स्टैंडअलोन सौर स्ट्रीट लाइट स्थापित करना
भवन के अंदर तापमान बनाए रखने के लिए कूल रूफ टाइल्स का उपयोग
ऊर्जा के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए स्टार रेटेड उपकरणों, ऊर्जा कुशल डीसी पंखों और एक ऊर्जा निगरानी प्रणाली का उपयोग करना
प्राकृतिक रूप से दिन की रोशनी का उपयोग, जो इसके विशेष डिजाइन के कारण इमारत के 80 प्रतिशत से अधिक कार्यात्मक क्षेत्रों में उपलब्ध है
जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन और ड्रिप सिंचाई सुविधा के साथ लैंडस्केपिंग की डॉट टॉलरेंट वैरायटी
भवन को दिव्यांग लोगों के लिए पूरी तरह से सुलभ बनाने के लिए रैंप और शौचालय।




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