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Tuesday, September 17, 2019

नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा फर्मिंग 3.0 के नये युग का सूत्रपात




Mahindra Agri Article (Innovations and Artificial Intelligence to herald the new Age of Farming 3.0)

अशोक शर्मा 
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मंिहंद्रा एग्री सॉल्यूशंस लिमिटेड


ऐसे देश में जहां की दो-तिहाई आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, वहां इस क्षेत्र के महत्व को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। हमारे देश के जीडीपी में इस क्षेत्र का लगभग 17 प्रतिशत योगदान है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह क्षेत्र हमारी 1.3 बिलियन की आबादी को भोजन मुहैया कराता है।
पिछले कुछ दशकों में, कृषि में विभिन्न चरणों में विकास हुआ है। पहला चरण, जिसे फार्मिंग 1.0 के रूप में जानते हैं, वष 1947 से 1966 तक रहा। इसे क्रांतिकारी भूमि सुधार कहा गया, जिसने शोषणकारी जमींदारी प्रथा को नष्ट कर दिया। दूसरा चरण हरित क्रांति का था, जिसने भारत की कृषि उत्पादकता में कई गुनी वृद्धि की और विदेशी खाद्य पदार्थों पर हमारी निर्भरता खत्म की। फार्मिंग 2.0 के रूप में जाना जाने वाला, यह चरण भारतीय कृषि के इतिहास का स्वर्ण-युग था। पूर्वोक्त कारणों से ही, आज हम खाद्य पदार्थों हेतु सुरक्षित देश हैं।
आज, भारत की कृषि योग्य भूमि गंभीर संकटकालीन स्थिति की ओर बढ़ रही है। हमारी जनसंख्या अनियंत्रित रूप से लगातार बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्र पर पड़ने वाला दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यही नहीं, हमारा देश तेजी से औद्योगिकीकरण के दौर से गुजर रहा है और पूरी आबादी शहरों की ओर पलायन कर रही है। खेती से होने वाली आय घट रही है और भारत की कृषि योग्य भूमि खतरे की स्थिति में है।
ऐसे में, एक अन्य क्रांति की आवश्यकता पैदा हो गई हैः भारतीय कृषि के क्षेत्र में एक नया चरण, जो नवाचार और प्रौद्योगिकी पर निर्भर होगा; एक ऐसा युग जहां हम उत्पादकता व अर्थशास्त्र का समाज एवं पर्यावरणीय स्थितियों के साथ संतुलन स्थापित करने का प्रयास करेंगे। इस दौर को हम हमारे किसानों के लिए हमारे खेतों एवं समृद्धि हेतु अपूर्व उत्पादकता के युग में प्रवेश के रूप में देख रहे हैं। हम हमारी कृषि योग्य भूमि में क्रांति लाने वाले इस युग को आज ‘फार्मिंग 3.0’ कहते हैं। यह नया दौर विस्फोटक नवाचारों से जुड़ा है, जैसे-स्मार्ट फार्म मशीनरी, माइक्रो इरिगेशन, प्रेसिजन फार्मिंग, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स एवं पार्टनरिंग स्टेकहोल्डर्स।
स्मार्ट फार्म मशीनरी कम से कम इनपुट में अधिक से अधिक आउटपुट के बारे में है। स्मार्ट मशीनों और तकनीकी उपलब्धियों में आउटपुट बढ़ाने, लागत कम करने और कृषि से होने वाली आय को बढ़ाने की क्षमता है।
माइक्रो इरिगेशन किसान को मौसमी अनिश्चितता से चिंतामुक्त करता है, और साथ ही भारत के सीमित जल संसाधन को संरक्षित भी रखता है। भारत के कुल नवीकरणीय जल संसाधन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा कृषि में उपयोग हो जाता है, ऐसे में माइक्रो-इरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) पद्धतियों से हमारे बहुमूल्य जल संसाधन को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी और इससे पैदावार एवं कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी। सूक्ष्म-सिंचाई पद्धतियों में पानी को सीधे फसल की जड़ तक पहुंचाया जाता है।
प्रेसिजन फार्मिंग एक अन्य संभावनाशील नवाचार है। यह कृषि प्रबंधन हेतु प्रयुक्त एप्रोच है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर फसलों, मिट्टी, मौसम आदि के बारे में रियल टाइम आंकड़े का आकलन किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फसलों और मिट्टी को उनके सर्वोत्तम स्वास्थ्य एवं उत्पादकता हेतु आवश्यक तत्व मिले।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए किसान सीधे लक्षित ग्राहक से संपर्क कर सकते हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जायेगी और किसानों को उनके पैदावार के लिए पूरा पूरा एवं उचित कीमत मिलेगी। अर्थात सरकार कुछ राज्यों के साथ मिलकर एपीएमसी - एग्रीकल्चर प्रोड्युस मार्केट कमिटीज को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म, इनैम की ओर ले जाने की दिशा में काम कर रही है, जिससे किसान अपने फलों व सब्जियों की बिक्री कर सकें। कृषि के डिजिटलीकरण से देश भर के किसान न केवल एक-दूसरे के संपर्क में आ सकेंगे बल्कि कृषि विशेषज्ञों से भी सलाह मशविरा कर सकेंगे, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी।
पार्टनरिंग स्टेकहोल्डर्स सहयोगियों के विस्तृत तंत्र से सहयोग के बारे में है और यह कृषि की मौजूदा एवं भावी चुनौतियों के लिए मिलजुलकर समाधान ढूंढने के बारे में है। इसमें कृषि महाविद्यालयों, शोध संस्थानों, वैज्ञानिकों, वाणिज्यिक निवेशकों, अनुदानदाता संगठनों, मुख्य इनफ्लुएंसर्स, सरकार और आम जनता का साथ मिलकर काम करना शामिल है।
फार्मिंग 3.0, कृषि को गुजारा से टिकाऊ बनाने की कोशिशों में बदलाव ला रहा है। मेरा मानना है कि कृषक समुदाय के साथ मजबूत जुड़ाव, और प्रमुख तकनीकों जैसे सूक्ष्म सिंचाई, फसल देखभाल, उन्नत बीच और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में निवेश, कृषि हितभागियों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वो इस नयी क्रांति में अहम भूमिका निभा सकें। मुझे विश्वास है कि तकनीक एवं नवाचार ऐसा आधार कायम करेंगे जो इस नई क्रांति फार्मिंग 3.0 के लिए सहायक होगा, और यह किसानों की आमदनी को दोगुना करने और फार्मटेक प्रॉस्पेरिटी के सपने को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा।



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