उदयपुर।दिव्यांगों के लिए कार्यरत चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन नारायण सेवा संस्थान ने रविवार को उदयपुर के स्मार्ट विलेज बड़ी गांव में दिव्यांगों के लिए सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया। इस सामूहिक विवाह समारोह के दौरान 51 जोड़े अपने जीवन के प्रति एक नया कदम उठाते हुए विवाह सूत्र में बंधे। विवाह समारोह बेहद शानदार तरीके से आयोजित किया गया और दिव्यांग जोड़ों के सपनों को साकार करते हुए उनके लिए इसे जीवनभर का एक यादगार अनुभव बनाने के लिहाज से व्यापक तौर पर इंतजाम किए गए। उल्लेखनीय है कि पिछले 19 वर्षों में नारायण सेवा संस्थान ने दिव्यांग और अभावग्रस्त जोड़ों के लिए 32 सामूहिक विवाह समारोहों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।
तैंतीसवें सामूहिक विवाह समारोह में शादी रचाने वाले 51 जोड़ों को नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक पद्मश्री कैलाश ‘मानव‘ अग्रवाल, कमलादेवी अग्रवाल, प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल, डायरेक्टर वंदना अग्रवाल और शहर के सरकारी अधिकारियों ने अपना आशीर्वाद दिया।
विवाह समारोह के दौरान, प्रशांत अग्रवाल ने कहा, “दिव्यांग लोगांे को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए, हमने कुछ अभियान चलाए हैं, जैसे निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी, व्यावसायिक पाठ्यक्रम, मुफ्त प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराना, दिव्यांग सामूहिक विवाह समारोह और दिव्यांग टैलेंट शो का आयोजन करना और ऐसे ही अन्य प्रयास किए गए हैं। इसके अलावा, एनएसएस पूरे भारत में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग मापन और वितरण शिविर संचालित कर रहा है। इन्हीं सारे प्रयासों का नतीजा है कि सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने वाले दंपतियों को संस्थान में ‘सुधारात्मक सर्जरी‘ की सुविधा उपलब्ध कराई गई है और अब अपना नया जीवन शुरू करने के लिए उन्होंने अपना कौशल प्रशिक्षण भी पूरा किया है।‘‘
अपनी शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद सभी जोड़ों ने सामूहिक विवाह समारोह में उत्साह और अपार खुशी के साथ बढ-चढकर भाग लिया। वर-वधुओं ने पारंपरिक रस्मों को पूरा किया और एक दूसरे के गले में वरमाला डाली तथा आयोजन में उपस्थित बुजुर्गों से आशीर्वाद ग्रहण किया।
इस समारोह में विवाह सूत्र में बंधे दिव्यांग दंपति गुंजा और जितेंद्र की पहली मुलाकात तब हुई थी, जब वे दसवीं कक्षा में अध्ययन कर रहे थे। आज यह जोडा जीवन भर साथ निभाने की कसम के साथ एकजुट हो गया है। खुशी और भावुकता भरी आवाज में गुंजा कहती है, ‘‘नारायण सेवा संस्थान ने पहले पोलियो के उपचार में मेरी मदद की, और अब इसके 33 वें शाही सामूहिक विवाह समारोह के माध्यम से मुझे अपने जीवनसाथी से मिला दिया है।‘‘
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