दीर्घकालिक रोजगार निर्माण करने के लिए स्थानीय संस्कृति और आदिवासियों की परम्पराओं का गौरव
मुंबई, ताज सफारीज के 'वॉक विथ द पारधीज' - पारधियों के साथ वॉक यह इस प्रकार का पहला, अनूठा जंगल अनुभव है, जिसे मध्य प्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क के स्थानीय पारधी आदिवासियों के साथ आयोजित किया जाता है। स्थानीय शिकारी आदिवासी पारधियों के प्रशिक्षण में ताज सफारीज द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है, पारधियों के स्वाभाविक, पारम्परिक ट्रैकिंग गुण नेशनल पार्क घूमने के लिए आने वाले लोगों को जंगल का बेहतरीन अनुभव कराने के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
पन्ना नेशनल पार्क एक वन्यजीव अभयारण्य होने के बावजूद अवैध शिकार के विनाशकारी प्रभावों का सामना इसे करना पड़ा। पारधी आदिवासियों को जंगल के बारे में पूरी जानकारी होने की वजह से गैरकानूनी हरकतों में उनका इस्तेमाल किया जाता था। अवैध शिकार विरोधी कानून सख्त किए जाने से बाघों की संख्या बढ़ रही है लेकिन अब पारधियों को आजीविका के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है। इस पहल से पारधियों को आजीविका का नया विकल्प मिलेगा जो उनकी आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी होगा।
ताज सफ़ारी, लास्ट वाइल्डरनेस फ़ाउंडेशन और पन्ना वन विभाग ने मिलकर स्थायी पर्यटन पहल शुरू की जो भारत में इस तरह की पहली पहल है। पारधियों को जंगल गाइड के रूप में आजीविका प्रदान करने के साथ-साथ जंगल के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी यह पहल अत्यंत उपयुक्त है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागियों को गाइडिंग की नई और सही तकनीकों के बारे में अवगत कराया जाता है, जैव-विविधता और जंगल के बारे में उनके स्वाभाविक और परंपरागत ज्ञान को आजीविका के साधन के रूप में परिवर्तित करने के लिए उन्हें सक्षम बनाया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत से पारधी युवाओं के दो बॅचेस ताज सफारीज के साथ जुड़े हुए हैं, इनमें 16 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। क्षेत्र के पर्यटन इको-सिस्टम में भी कई और पारधी जुड़े हुए हैं।
ताज सफ़ारी के क्षेत्र निदेशक नागेंद्र सिंह हाड़ा ने कहा, “सफल दीर्घकालिक और पर्यावरणपूरक पहल चलाने के लिए हमने तीन टी - टाइगर, ट्राइब्स और टूरिज़म अर्थात बाघ, आदिवासी और पर्यटन को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है। जंगल के बारे में पारधियों के ज्ञान का ताज सफारीज द्वारा सम्मान किया जाता है और इसी ज्ञान के जरिए वो उनके मौल्यवान जंगलों की रक्षा कर सके, अपने आप के लिए आजीविका निर्माण कर सके इसलिए हम उनकी मदद कर रहे हैं। पारधी आदिवासियों को इन जंगलों के बारे में पूरी जानकारी होती हैं, उनका ज्ञान इन जंगलों की तरह ही गहरा है, उनके साथ जंगल की सैर करना यहां आने वाले लोगों के लिए यक़ीनन एक संस्मरणीय अनुभव होगा।"
मध्य प्रदेश में ताज सफारीज में 70% स्थानीय कर्मचारियों को रोजगार दिए जाते हैं; इस तरह से वे पर्यटन के माध्यम से कुशल मानव संसाधन को आजीविका के लिए सक्षम बना रहे हैं। उनकी मुख्य कंपनी द इंडिया होटल्स कंपनी लिमिटेड के सामाजिक समावेश के मूल्यों और सीएसआर में टाटा अफर्मेशन एक्शन से यह पहल जुड़ी हुई है।
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