नई दिल्ली। मोटरसाइकल्स और स्कूटर्स बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी, हीरो मोटोकॉर्प ने अपनी अद्भुत यात्रा में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है। कंपनी ने उत्तर भारत के पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड में स्थित हरिद्वार की अपनी उत्पादन सुविधा में संचयी उत्पादन में 25 मिलियन यूनिट्स का अनूठा आंकड़ा पार किया है।
इस उत्पादन सुविधा की शुरूआत अप्रैल 2008 में हुई थी और इसने परिचालन के लगभग 11 वर्षों में यह उपलब्धि हासिल की है- यह उद्योग जगत का एक रिकॉर्ड है। हीरो मोटोकॉर्प की हरिद्वार स्थित सुविधा विश्व का सबसे बड़ा दुपहिया उत्पादन संयंत्र भी है, जिसकी प्रतिदिन 9500 वाहनों का उत्पादन करने की क्षमता है।
इस अवसर पर हीरो मोटोकॉर्प के कार्यकारी निदेशक (परिचालन) एवं मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी विक्रम कस्बेकर ने कहा, ‘‘यह न केवल हरिद्वार में स्थित हमारे उत्पादन संयंत्र के लिये, बल्कि पूरी कंपनी के लिये एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हीरो मोटोकॉर्प में हम जिन उत्पादन पद्धतियों का अनुसरण करते हैं, वे हमेशा उद्योग में नये मापदण्ड स्थापित करती हैं। परिचालन की शुरूआत के बाद छोटी सी अवधि में हरिद्वार के संयंत्र में 25 मिलियन दुपहिया का उत्पादन हमारी टीम के समर्पण और सामर्थ्य का प्रमाण है। हम अपने सभी मूल्यवान ग्राहकों, भागीदारों, निवेशकों, उत्तराखण्ड सरकार और अन्य सभी साझीदारों के आभारी हैं, जिन्होंने हमें लगातार सहयोग दिया और हम पर विश्वास किया है।’’
हीरो मोटोकॉर्प का फोकस सस्टेनेबिलिटी पर रहता है और इसे ध्यान में रखते हुए, हरिद्वार स्थित उत्पादन सुविधा में विश्व का सबसे बड़ा ग्रीन-रूफ है, जो लगभग 4500 वर्गमीटर में फैला है। यह संयंत्र 1.95 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा करता है, इसका लिक्विड डिस्चार्ज शून्य है और यहाँ वर्षा जल संचयन के लिये तालाब है।
इस संयंत्र में हीरो मोटोकॉर्प की लोकप्रिय मोटरसाइकल्स - HF डीलक्स, स्प्लेंडर+, स्प्लेंडर आईस्मार्ट 110, पैशन प्रो और पैशन 110 का उत्पादन किया जाता है। एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के साथ, यह 75 प्रतिशत (मूल्य के लिहाज से) पार्ट्स उत्तराखण्ड के भीतर स्थित उद्योगों से मंगाता है।
वर्तमान में हीरो मोटोकॉर्प के पास वैश्विक मान्यता वाली सात उत्पादन सुविधाएं हैं, जिनमें से 5 भारत में और बांग्लादेश तथा कोलम्बिया में एक-एक हैं। भारत के संयंत्र हरियाणा के गुरूग्राम और दारूहेरा, राजस्थान में नीमराना, गुजरात में हलोल और उत्तराखंड के हरिद्वार में हैं। कंपनी की आठवीं उत्पादन सुविधा दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश के चित्तूर में आ रही है।
वर्तमान में हीरो मोटोकॉर्प की संयुक्त स्थापित वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग नौ मिलियन यूनिट्स की है।
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