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Thursday, October 17, 2019

एसटीईएम में अधिक से अधिक महिलाओं को आगे लाने के लिए डब्ल्यूआईटी समिट में भारतीय कॉर्पोरेट ने भरी हुंकार



The Royal Bank Of Scotland, India -  WomenInTechnology Growth Summit


नई दिल्ली,  आरबीएस इंडिया ने उद्योग जगत के प्रमुख दिग्गजों के साथ मिलकर  राजधानी में पहली ‘वूमेनइनटेक’ (डब्ल्यूआईटी) ग्रोथ समिट आयोजित की। सम्मेलन में 1000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया, इस दौरान 150 से अधिक लीडर्स की ओर से तैयार सैशन, मास्टरक्लास और मेंटरशिप क्लासेज लगाई गई थी। समिट 100 से अधिक एसटीईएम संगठनों की भागीदारी देखी गई, इसमें उन मुद्दों पर भी चर्चा की गई जो मौजूदा और आने वाले समय में उद्योग को अलग आकार दे सकते है और इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए अवसर पैदा कर सकते हैं।
सर्विसेज एंड फंक्शंस की एचआर डायरेक्टर लिन हाईवे ने कहा, ‘मैं डब्ल्यूआईटी ग्रोथ समिट जैसे आयोजनों में एसटीईएम कॅरियर में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध अन्य संगठनों के साथ आरबीएस की मजबूत भागीदारी देखकर गर्व महसूस कर रहा हूं। उद्योग में रणनीतिक हस्तक्षेप के साथ इन इवेंट्स के आयोजन से और अधिक महिलाएं कॅरियर के रूप में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ यानी एसटीईएम जैसे विषयों को अपनाएंगी और नेतृत्व के पदों पर आसीन होंगी।’
आरबीएस की मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड ऑफ इंटरनेशनल हब्स व डब्ल्यूआईटी की चेयरपर्सन अनुरंजिता कुमार ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी से संबंधित उद्योग में विभिन्न चुनौतियों के कारण महिलाओं से तीन गुना अधिक पुरुष इंजीनियर हैं। महिलाओं को एसटीईएम करियर में कामयाब करने के लिए इन बाधाओं को तोड़ने के लिए एक मिशन के साथ डब्ल्यूआईटी की स्थापना की गई थी। डब्ल्यूआईटी ने एक मजबूत भागीदार नेटवर्क की मदद से थोड़े समय में महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार कर लिए हैं जिसने इस साझा दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। मैं यह देख कर बहुत प्रसन्न हूं कि इस मूवमेंट को अगले स्तर पर ले जाने के लिए उद्योग किस तरह डब्ल्यूआईटी ग्रोथ समिट में एकजुट हुआ है।’
नेसकॉम के प्रेसिडेंट देबजानी घोष ने कहा, “जैसा कि भारत 5 ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है, एसटीईएम में इसकी ताकत सबसे महत्वपूर्ण है। आईटीपी-बीपीएम सेक्टर में 2025 तक 2.5-3 मिलियन नई नौकरियों की भविष्यवाणी की गई है, हमारी पूरी क्षमता का अनुकूलन करने के लिए प्रौद्योगिकी में महिला प्रतिभा का बढ़ना अनिवार्य है। प्रौद्योगिकी उद्योग की मजबूत भागीदारी और जीवंत प्रतिभा के साथ डब्ल्यूआईटी प्लेटफार्म की निरंतर सफलता, यह सुनिश्चित करेगी कि हम इस क्षेत्र में अधिक महिलाओं के विकास के लिए और अधिक समावेशी मंच तैयार कर सकें।’
समिट में डब्ल्यूआईटी कॅरियर मेले में 50 से अधिक एसटीईएम हायरिंग हुई।
आरबीएस इंडिया में एचआर डायरेक्टर समीर माथुर ने कहा, ‘पहले डब्ल्यूआइटी ग्रोथ समिट में भागीदारों, उद्योग के नेताओं और एसटीईएम टैलेंट्स की भागीदारी देखी गई। इसने एसटीईएम भूमिकाओं में टैलेंट को लेने जैसे प्रत्यक्ष परिणाम भी उत्पन्न किए हैं और टेक्नोलॉजी में अधिक महिलाओं के होने पर अधिक जोर दिया है, जो उद्योग के लिए शुद्ध सकारात्मक होगा।’
आईबीएम में वीपी और हेड एचआर चैतन्य श्रीनिवास ने कहा, ‘भारत को अपनी आबादी का एक बड़ा फायदा मिल सकता है। हालांकि, कार्यबल में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना यह लाभ नहीं

मिल सकता। हमने पहचान की है कि प्रौद्योगिकी से संबंधित भूमिकाओं में आगे बढ़ने और उसे बनाए रखने के लिए महिलाओं को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह इस तरह के प्लेटफार्म हैं जो एसटीईएम में और अधिक महिलाओं को प्रेरित करेंगे और इस देश के एक मजबूत भविष्य के निर्माण में मदद करेंगे।’
2018 में आरबीएस ने डब्ल्यूआईटी को संस्थागत बनाया - अमेजॅन, आईबीएम, नैटवेस्ट मार्केट, सैपिएंट, डेलोइट, अमेरिकन एक्सप्रेस, वोल्वो, जेसी पेनी, एएनजेड, उबेर और टीसीएस सहित आईआईटी और अशोका यूनिवर्सिटी जैसे अकादमियां, लिटरेसी इंडिया, अवतार, टाइमलेस लाइफ स्किल फाउंडेशन जैसे एनजीओ से सहयोग लेते हुए महिलाओं को एसटीईएम में करियर बनाने और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग भर से रणनीतिक हस्तक्षेप करने के लिए एक सहयोगी मंच के रूप में तैयार किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह व्यापक रूप से अपनाने और देशव्यापी प्रभाव के लिए स्केलेबल और दोहराने योग्य हो। 15 सदस्यों की एक फोरम से और 1,00,000 छात्राओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लक्ष्य से इसकी शुरुआत हुई थी। आज इस पहल में 150 से अधिक सदस्य हैं और पहले ही भारत में 2,20,000 महिलाओं को दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई के चैप्टर के साथ प्रभावित और प्रेरित किया जा चुका है।




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