हजीरा, एस्सार पोर्ट्स के घटक, एस्सार बल्क टर्मिनल लिमिटेड (ईबीटीएल) ने बताया कि इसने पैसेंजर फेरी टर्मिनल का कार्य पूरा कर लिया है। इस टर्मिनल के पूरा हो जाने से, सूरत के हजीरा बंदरगाह से मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक के बीच आज से समुद्री मार्ग से यात्रियों हेतु जहाज सेवा शुरू हो जायेगी। हजीरा-स्थित इस टर्मिनल से भविष्य में अन्य मार्गों पर भी जहाज सेवा शुरू हो सकेगी, जिससे भारत में तटीय परिवहन में क्रांति आयेगी।
टर्मिनल प्रोजेक्ट का पहला चरण सूरत स्थित हजीरा से भारत की वित्तीय राजधानी, मुंबई के बीच यात्रियों के आवागमन पर केंद्रित होगा। जहाँ इस सेवा से सूरत और मुंबई सड़क, हवाई और रेल मार्ग के अलावा जल मार्ग से भी जुड़ जायेगा, वही इस सेवा को गुजरात के अन्य तटीय स्थानों तक बढ़ाने की योजना है, जिससे सड़कों पर परिवहन बोझ व वायु प्रदूषण कम होगा, और ईंधन की बचत होगी।
हजीरा पैसेंजर फेरी टर्मिनल, एस्सार कंपनी द्वारा बनाया गया अपने तरह का तीसरा टर्मिनल है।
एस्सार पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव अग्रवाल ने बताया, "हम सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं कि गुजरात में रो-रो फेरी प्रोजेक्ट में हमने अपना योगदान दिया, जिससे बाकी देश के लिए एक मिसाल कायम हुआ है। इसने हमारे माननीय प्रधानमंत्री के उस सागरमाला विजन को आकार दिया है जिसमें तटीय मार्गों से कुशलतापूर्वक माल और यात्री परिवहन शुरू करने का सपना है। यद्यपि हम वाणिज्यिक पोर्ट ऑपरेटर हैं, लेकिन इस पैसेंजर टर्मिनल प्रोजेक्ट के निर्माण की हमारी तीव्र इच्छा थी ताकि हम समाज के लिए व्यापक रूप से अपना योगदान दे सकें। इस जहाज सेवा से गुजरात में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। हमें आगे भी इस तरह के प्रोजेक्ट्स करने की प्रतीक्षा रहेगी जिससे देश के अंतरदेशीय जल मार्ग का उपयोग कर भारत में तटीय परिवहन की भारी संभावना का उपयोग हो सके।"
जीएमबी के साथ ईबीटीएल का करार
प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर, गुजरात मेरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) ने हजीरा में पैसेंजर फेरी टर्मिनल बनाने और उसे चलाने के लिए ईबीटीएल को अनुमति दी। हजीरा में, ईबीटीएल 50 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) ड्राइ बल्क कार्गो टर्मिनल का भी परिचालन करता है। ईबीटीएल ने इस टर्मिनल को डिजाइन करने और इसे बनाने का जिम्मा लिया, जिसमें मरीन संरचनाएँ जैसे लैंडिंग प्लेटफॉर्म, पैसेंजर वॉकवे व फ्लोटिंग पोंटून और तट-स्थित सुविधाएँ जैसे टर्मिनल बिल्डिंग, कैफेटेरिया व वाहन पार्किंग के लिए जगह दोनों ही शामिल रहा। एस्सार की इन-हाउस दक्षता एवं संसाधनों का उपयोग कर इस प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया। उदाहरण के लिए, एस्सार के अपने ड्रेजर्स का इस्तेमाल किया गया ताकि टर्मिनल के परिचालन हेति आवश्यक ड्राफ्ट सुनिश्चित हो सके।
ईबीटीएल के सीईओ, कैप्टेन सुभाष दास ने कहा, "मैं अपनी टीम को बधाई देता हूँ जिन्होंने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए जीएमबी की अनुमति मिलने के बाद मात्र आठ महीने में इस पैसेंजर टर्मिनल को बनाया। यह चुनौतीपूर्ण कार्य हमारी तकनीकी कुशलता और प्रोजेक्ट क्रियान्वयन क्षमताओं की कसौटी था। हमें गर्व है कि हमने रिकॉर्ड समय में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया और इस क्रांतिकारी फेरी सेवा की शुरुआत हेतु मार्ग प्रशस्त किया।"
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