भुवनेश्वर, सड़क सुरक्षा के लिए अभियान चलाने वाले टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज भारत में अपना 13वां “टोयोटा ड्राइविंग स्कूल” शुरू किया। “टोयोटा ड्राइविंग स्कूल” देश में अपनी तरह का अकेला है और कंपनी के सुरक्षा मिशन, सेफेस्ट कार विद सेफेस्ट ड्राइवर (सबसे सुरक्षित चालक के साथ सबसे सुरक्षित कार से ताल-मेल में है और इसका लक्ष्य प्रत्येक छात्र को एक जिम्मेदार और सुरक्षित ड्राइवर बनाना है। इस प्रबंध भुवनेश्वर में टोयोटा के डीलर पार्टनर - एसप्रिट टोयोटा द्वारा किया जाएगा। यह उड़ीशा राज्य में कंपनी का पहला ड्राइविंग स्कूल है।
ड्राइविंग स्कूल के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि उड़ीशा के परिवहन आयुक्त संजीब पांडा, एसप्रिट टोयोटा, भुवनेश्वर के प्रबंध निदेशक सुनील तनेजा और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर एन राजा के साथ एसप्रिट टोयोटा और टीकेएम के विशिष्ट लोग मौजूद थे।
भारत में भविष्य में सड़कों पर मौत की संख्या शून्य हो जाए इस उम्मीद में टीकेएम (टोयोटा किर्लोस्कर मोटर) ने देश भर बारह अन्य ड्राइविंग स्कूल खोले हैं जो कोच्चि, लखनऊ, हैदराबाद (दो ड्राइविंग स्कूल), चेन्नई (दो ड्राइविंग स्कूल), कोलकता, फरीदाबाद, विजयवाडा, सूरत, मुंबई औरपलक्कड में हैं तथा आज की तारीख तक यहां 8500 छात्रों का नामांकन हो चुका है। कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में 50 टोयोटा ड्राइविंग स्कूल खोलने का है। इससे वह अपनी यातायात सुरक्षा प्रतिबद्धता को और जोरदार तरीके से पेश करना है।
प्रशिक्षण मोड्यूल में तकनीकी सुविज्ञता
एकीकृत है। इसके साथ ही यह व्यवहार संबंधी कौशल निखारता है और देश भर में सुरक्षा को लेकर जागरूकता पैदा करता है। पाठ्यक्रम एक व्यापक चालक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो उच्च गुणवत्ता वाले व्यावहारिक और भविष्य के प्रशिक्षण मॉडल को आगे बढ़ाता है।
भुवनेश्वर में टोयोटा ड्राइविंग
स्कूल की शुरुआत पर अपने विचार रखते हुए सुनील तनेजा, प्रबंध निदेशक, एसप्रिट टोयोटा ने कहा, “देश में सुरक्षित वाहनचालन की स्थितियां बनाने के निरंतर प्रयासों के तहत टोयोटा किर्लोस्कर मोटर से साझेदारी करते हुए हमें गर्व हो रहा है। राज्य की राजधानी और पूर्व भारत के आर्थिक, शैक्षिक तथा सांस्कृतिक महत्व का केंद्र होने के नाते भुवनेश्वर अपने साथ बढ़ती आबादी और वाहनों के बढ़ते घनत्व के मुद्दे से जुड़ा हुआ है और इस तरह सड़क सुरक्षा एक चुनौती है। टोयोटा के लिए सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कंपनी ने उद्योग के लिए एक मानक तय किया है। सभी मॉडल और ग्रेड में दोहरे एसआरएस एयरबैग्स, ईबीडी के साथ एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) को मानकीकृत करने वाले हम पहले निर्माता है। हमें यकीन है कि सड़क सुरक्षा में टोयोटा की सुविज्ञता, पेशेवर प्रशिक्षक और व्यापक पाठ्यक्रम के साथ हम अपने शहर के लोगों में एक जिम्मेदार वाहन चालन व्यवहार का विकास कर सकेंगे। इससे हमें चालक की गलती के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी लाने में मदद मिलेगी।”
सुरक्षा मिशन के प्रति टोयोटा किर्लोस्कर
मोटर की प्रतिबदधता के बारे में अपने विचार साझा करते हुए श्री एन राजा - डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कहा, “सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी होने के नाते सबसे सुरक्षित चालकों के साथ सबसे सुरक्षित कार सुनिश्चित करना हमारा प्राथमिक मिशन है ताकि देश में सड़क दुर्घटनाएं कम हों। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल 1,50,000 लोग सड़क दुर्घटनाओ में मारे जाते हैं। इसका मतलब हुआ रोज करीब 400 घातक दुर्घटनाएं होती हैं। यह अमेरिका जैसे विकसित ऑटो बाजार के मुकाबले बहुत ज्यादा है। सरकारी रिकॉर्ड के मुकाबले उड़ीशा में दुर्घटनाओं में होने वाली मौत के मामले 2019 में पिछले साल की इसकी अवधि के मुकाबले (जनवरी – मई) में 13 प्रतिशत बढ़ गए हैं। कुल सड़क दुर्घटनाओं में चालक की गलती 75 प्रतिशत से ज्यादा होती है। तेज चलना, शराब पीकर चलाना, हेलमेट नहीं पहनना, सीट बेल्ट नहीं लगाना, लेन का अनुशासन नहीं मानना सड़क दुर्घटना के बहुत आम कारणों में है। अब यहां भुवनेश्वर में पहले टोयोटा ड्राइविंग स्कूल की शुरुआत होने से हम उच्च गुणवत्ता वाले वाहन चाल का एक मानक स्थापित करना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हरेक छात्र सुरक्षा के ब्रांड एम्बैसडर के रूप में पेश किया जाए ताकि पूरे शहर में सुरक्षा की संस्कृति को समृद्ध किया जा सके।”
उन्होंने आगे कहा, “हम अपने डीलर पार्टनर एसप्रिट टोयोटा को धन्यवाद करना चाहेंगे जिन्होंने
हमारे साथ मिलकर भुवनेश्वर में अपने किस्म का अनूठा यह ड्राइविंग स्कूल स्थापित किया है। हम भिन्न स्टेकधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि एक ऐसा समाज बना सकें जहां आवाजाही सुरक्षित हो।”
टीकेएम की अनूठी पहल, टोयोटा ड्राइविंग
स्कल प्रत्येक छात्र को जिम्मेदार और सुरक्षित चालक बनाने पर फोकस करता है और इसके लिए भविष्य उन्मुख प्रशिक्षण मोड्यूल का उपयोग किया जाता है और इसके साथ विश्व स्तर की टेक्नालॉजी है जिसकी पेशकश पेशेवर प्रशिक्षक करते हैं। इसमें सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल होता है।
शिक्षण कार्यक्रम
का एक मुख्य हिस्सा सिमुलेटर है। इससे हाथो-हाथ अनुभव मुहैया कराया जाना अपेक्षित है। सीखने वाले इससे सभी कार कंट्रोल की प्रैक्टिस कर सकते हैं। इनमें स्टीयरिंग, एक्सीलरेटर, ब्रेक, और गीयर शिफ्ट शामिल है। यह सब वास्तविक वाहन को लेकर सड़क पर उतरने से पहले किया जाता है। सिमुलेटर से सड़क और मौसम की भिन्न स्थितियां तैयार की जा सकती हैं। इनमें कुहासा, कम रोशनी, चढञाई और ढलान वाले क्षेत्र सब शामिल हैं। वैसे तो नए लोगों के लिए एक स्टैंडर्ड लर्निंग पैकेज होगा पर टोयोटा ड्राइविंग स्कूल अतिरिक्त लर्निग मोड्यूल का लचीलापन भी पेश करेगा। इससे सीखने वाले अपनी पसंद का पाठ्यक्रम डिजाइन कर पाएंगे।
यही नहीं, सिमुलेटरको कई श्रेय हैं। यह भारत में पहला कार सिमुलेटर है जिसमें हाई डेफिनिशन कंप्यूटर ग्राफिक्स है और एक इमर्सिव कर्व्ड प्रोजेक्शन माहौल भी। भारत में यह पहला सिमुलेटर है जिसमें पूरी कार का वास्तविक केबिन है
और कार के वास्तविक गीयर आदि। इसके अलावा प्रभावी प्रशिक्षण तथा नए और अनुभवी ड्राइवर को आगे की जानकारी देने के लिए यह सघन सत्र चलाता है।
गहरी जड़ों वाले अपने सुरक्षा मिशन के अनुपालन में टोयोटा किर्लोस्कर
मोटर 2005 से भिन्न अखिल भारतीय अभियान के जरिए सड़क सुरक्षा पहल का आयोजन करता रहा है। सबसे सुरक्षित कारें बनाने की प्रतिबद्धता के अलावा कंपनी के पास एक सब शामिल सुरक्षा प्रोग्राम है ताकि भारत में सड़क सुरक्षा की चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके। सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते टोयोटा ने टोयोटा सेफ्टी एजुकेशन प्रोग्राम (टीएसईपी) की शुरुआत 2007 में की। इसका मकसद स्कूली बच्चों और शिक्षकों को शिक्षित करना होता है और यह सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चरण वार रुख से होता है और आखिरकार सीख को आम जनता को दे दिया जाता है। “टोयोटा सेफ्टी एजुकेशन प्रोग्राम” के भाग के रूप में टोयोटा ने अभी तक 7,10,000 से ज्यादा स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा के संबंध में शिक्षित किया है।
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