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Monday, December 9, 2019

सीमा वर्मा के साहित्य में झलकता है असमानता एवं अन्याय के विरुद्ध विवेकपूर्ण चिंतन




 Short stories and Poems by Smt. Seema Verma, wife of Shri A.N. Verma, ED (HR), NTPC Ltd.

हिंदी साहित्य के अनेक अनमोल रत्नों के जननी बिहार प्रांत की पुण्य धरा पर संभ्रांत कायस्थ कुल में जन्मी सुपरिचित लेखिका सीमा वर्मा का बाल्यकाल से ही हिंदी साहित्य के प्रति आत्मीय अनुराग रहा ।
अल्पायु से ही हिंदी साहित्य के शीर्षस्थ लेखक/ लेखिकाओं जैसे - शरतचंद्र, प्रेमचंद्र, रविंद्रनाथ टैगोर, महादेवी वर्मा आदि तथा बाद की पीढ़ी में उल्लेखनीय शिवानी की रचनाओं में रूचि ने भी इन्हें काफी प्रभावित किया । इन्होनें किशोरावस्था से ही समय - समय पर अपने अंदर उमड़ते विचारों तथा समाज और परिवार के बीच में उपलब्ध मानव जीवन के मूल्यों और स्वभाव की विचित्रताओं को कहानी, कविता अथवा संस्मरण के रूप में उकेरा ।
विवाहोपरांत भी लेखिका के यह साहित्यिक यात्रा अनवरत चलती रही । इसका श्रेय  इनके साहित्यानुरागी पति  अनरनाथ वर्मा (कार्यकारी निदेशक, एनटीपीसी) को जाता है । जिन्होंने इनकी इस प्रतिभा को भरपूर प्रोत्साहन दिया लेखिका का कहानियों और कविताओं के माध्यम से मानव जीवन के सामाजिक परिवेश एवं परिस्थितियों के वास्तविक रेखांकन के साथ ही असमानता एवं अन्याय के विरुद्ध विवेकपूर्ण चिंतन प्रशंसनीय है ।

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