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Friday, December 13, 2019

टाटा पावर को पेटा इंडिया ने दिया 'कम्पैशनट बिज़नेस अवार्ड'




PETA India honours Tata Power with the ‘Compassionate Business Award’ for bringing Humane Education to students


नई दिल्ली।महात्मा गांधीजी कहा करते थे, "किसी देश की महानता और नैतिक प्रगति का मूल्यमापन उस देश में प्राणियों के साथ किए जाने वाले बर्ताव से किया जा सकता है।" टाटा समूह के भूतपूर्व अध्यक्ष रतन टाटा जी को प्राणियों के प्रति कितना स्नेह और लगाव है और टाटा समूह ने आजतक प्राणियों के कल्याण के लिए कितना लक्षणीय योगदान दिया है यह बात तो सभी जानते हैं। इसी परंपरा का पालन करते हुए अपने 'क्लब एनर्जी' के तहत भारत के 250 स्कूलों के छात्रों को मानवीय शिक्षा प्रदान करने के लिए टाटा पावर को पेटा इंडिया की ओर से 'कम्पैशनट बिज़नेस अवार्ड' से सम्मानित किया गया है।
पेटा इंडिया की डायरेक्टर  पूर्वा जोशीपुरा ने यह पुरस्कार प्रदान किया। स्कूली छात्रों के मन और आचरण में प्राणियों के प्रति दया, करुणा और आदर यह सद्भाव निर्माण हो इसलिए टाटा पावर द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सम्मान इस पुरस्कार के माध्यम से किया गया है। 
शेयर द वर्ल्ड इस पेटा के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नवाजे जाने वाले मानवीय शिक्षा कार्यक्रम के यूएस संस्करण के आधार पर पेटा इंडिया द्वारा शुरू किए गए कम्पैशनट सिटीजन का यह एक हिस्सा है मानवीय शिक्षा कार्यक्रम। भाषा, कला, विज्ञानं और सामाजिक विज्ञान के जरिए, साथ ही पर्यावरण और मूल्यों के बारे में सिखाते हुए स्कूल के पाठ्यक्रम में इस कार्यक्रम को शामिल किया जा सकता है।  स्कूलों के पर्यावरण और पशुओं के अधिकार से संबंधित क्लब्स के लिए भी यह कार्यक्रम उपयुक्त है। 
टाटा पावर की कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस एंड सस्टेनेबिलिटी की चीफ  शालिनी सिंह ने बताया, "कई बच्चों को पशुओं के बारे में स्वाभाविक प्यार होता है लेकिन आसपड़ोस के समाज से बच्चें भी क्रूर बनने लगते हैं और उनके मन से स्वाभाविक दया नष्ट हो जाती है। अन्य जीवों के प्रति अनादर आगे चलकर मनुष्यों के प्रति असंवेदनशीलता और क्रूरता में परिवर्तित होता है। पेटा इंडिया के सहयोग से हम स्कूली बच्चों में दया, सहिष्णुता यह गुण निर्माण करने के लिए प्रयासशील हैं। यह बच्चें बड़े होकर संवेदनशील और सहिष्णु नागरिक बने यह हमारा उद्देश्य है।"
ऍनिमल वेल्फेअर बोर्ड ऑफ इंडिया, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एज्युकेशन और केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कॅम्पॅशनेट सिटीझन को समर्थन दिया है। 1.67 लाख स्कूलों ने इसका उपयोग करना शुरू किया है। भारत में करीबन 59 मिलियन बच्चों तक यह कार्यक्रम पहुंचा है। आंध्र प्रदेश, चंडीगढ, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरयाणा, केरळ, मध्य प्रदेश और तेलंगणा जैसे कई राज्यों ने परिपत्र जारी करते हुए स्कूलों को यह कार्यक्रम अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कहा है। 

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