‘‘सरकार की डिजिटल इंडिया पहल ने कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव को प्रेरित किया है। बैंकों द्वारा क्रेडिट या डेबिट कार्ड ग्राहकों को दिए जाने वाले कई लाभों के साथ, यह संगठित आभूषण क्षेत्र के लिए एक वरदान है। यह कदम रत्न और आभूषण उद्योग को बढ़ावा देते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक नई राह प्रशस्त करता है। इसके साथ ही अनिवार्य बीआईएस हॉलमार्किंग संबंधी घोषणा को ऐतिहासिक माना जा सकता है, क्योंकि इस अनिवार्यता से उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा करते हुए दायित्वपूर्ण कारोबारी प्रथाओं को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
नए बजट में, अगर सरकार सोने के आयात शुल्क की मौजूदा दर 12 प्रतिशत में कमी की घोषणा करती है या व्यक्तिगत आय कर में किसी भी तरह की कटौती करती है, तो लोगों के पास खर्च करने की अधिक क्षमता होगी और इस तरह आभूषण सैक्टर की विकास की गति में और तेजी आ सकती है।‘‘
- टी एस कल्याणरमन, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, कल्याण ज्वैलर्स
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