नई दिल्ली। स्नैपडील ने इस साल अपने प्लेटफॉर्म पर 5000 नए मैनुफैक्चरर्स-सैलर्स शामिल करने की योजना बनाई है।
पिछले 1 साल में रोज़मर्रा में काम आने वाले उत्पादों जैसे स्टील और कॉपर के बर्तन, किचन गैजेट्स जैसे ज्यूसर, आटा डो मेकर और फैशन एक्सेसरीज़ जैसे घड़ियां वॉलेट के मैनुफैचरर्स ने होलसेलर एवं रीटेलर के ज़रिए परम्परिक बिक्री से हटकर सीधे स्नैपडील पर ऑनलाईन बिक्री शुरू की।
खासतौर पर छोटे शहरों में ऑनलाईन मार्केट के विकास के चलते इन मैनुफैचरर्स को बड़ी संख्या में उपभेाक्ताओं के साथ जुड़ने का मौका मिल रहा है, जो पारम्परिक रीटेल संरचना में संभव नहीं है।
उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष रूप से अपने उत्पाद बेचने पर प्रोड्यूसर का मुनाफ़ा बढ़ता है, क्योंकि रीटेल चेन में मौजूद कई लिंक हट जाते हैं। इसके अलावा प्रोड्यूसर को कई अन्य फायदे भी होते हैं जैसे पारम्परिक चैनल, लेयर्ड फिज़िकल चैनल की तरह यहां स्टॉक मल्टीपल पॉइन्ट्स पर बंद नहीं पड़ता, और स्टॉक का बेहतर प्रवाह बना रहता है।
साथ ही सीधे उपभोक्ता को सामान बेचने पर, प्रोड्यूसर को उससे तुरंत फीडबैक मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप वे भावी मांग एवं रूझानों को ध्यान में रखते हुए सही फैसला ले सकते हैं।
स्नैपडील ने अगले 12 महीनों में अपने प्लेटफॉर्म पर 5000 नए मैनुफैचरर्स-सैलर्स शामिल करने की योजना बनाई है। कंपनी को उम्मीद है कि भारत के प्रोडक्शन हब्स जैसे मेरठ, लुधियाना, तिरूपुर, जयपुर, पानीपत, सूरत, राजकोट आदि से बड़ी संख्या में मैनुफैक्चरर्स स्नैपडील के प्लेटफॉर्म पर जुड़ेंगे। इसके परिणामस्वरूप बर्तन, लैदर के उत्पाद, खिलौने, बैडशीट्स और कंबल, लेडीज़ फैशन (कुर्ती, साड़ी, होज़री गारमेन्ट्स और निटवियर) आदि आसानी से उपभोक्ताओं की पहुंच में आएंगे।
स्नैपडील के एक प्रवक्ता के अनुसार ‘‘ई-कॉमर्स में दक्षता और पहुंच बढ़ाकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपार क्षमता है। घरेलू मांग और घरेलू उत्पादन के बीच इस तरह लिंक बनाकर, हम लघु एवं मध्यम उद्यमों तथा उपभोक्ताओं को लाभान्वित करना चाहते हैं।’’
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