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Wednesday, January 8, 2020

टाटा एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड ने लॉन्च किया टाटा क्वांट फंड





 Tata Mutual Fund launches Tata Quant Fund

मुंबई । टाटा म्यूचुअल फंड ने ’टाटा क्वांट फंड’ लॉन्च किया है जो कि एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) संचालित फंड है। यह फंड एक प्रॉपराइटरी क्वांट फ्रेमवर्क के साथ आता है जो निवेश पोर्टफोलियो बनाने के लिए कई रूल इंजन और पूर्वानुमान करने वाले मॉडल को साथ जोड़ कर चलता है। यह बाजार की ऊंचाइयों के दौरान रिटर्न को अधिकतम करने और बाजार में गिरावट के वक्त नुकसान कम करने के लिए है।
पोर्टफोलियो बनाने के लिए रूल इंजन बनाने के लिहाज से स्टॉक रिटर्न के व्यापक और निरंतर कारकों का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक रूल इंजन वैल्यू, क्वालिटी, मोमेंटम, साइज और इसी तरह के कॉम्बिनेशन के साथ एक केंद्रित पोर्टफोलियो बनाने के लिए स्कोरिंग का उपयोग करता है। इसके बाद मशीन लर्निंग से संचालित होने वाला प्रेडिक्टिव अल्गोरिद्म प्रचलित बाजार और मेक्रो-आर्थिक कंडीशन तय करते हैं, जिसके तहत  पोर्टफोलियो में अगले महीने के दौरान बेहतर प्रदर्शन की संभावना नजर आती है।
एल्गोरिद्म अगले महीने के लिए रिटर्न की निश्चित दिशा (सकारात्मक या नकारात्मक) की भी भविष्यवाणी करता है। चयनित पोर्टफोलियो में लंबी स्थिति केवल उन महीनों के लिए ली जाती है, जहां अनुमानित रिटर्न सकारात्मक है। उन महीनों के दौरान जहां रिटर्न के नकारात्मक होने का अनुमान लगाया गया है, सकल लंबी इक्विटी स्थिति को बचाए रखने के लिए रणनीतिक रूप से डेरिवेटिव का उपयोग किया जाता है। टाटा क्वांट फंड पोर्टफोलियो कम जोखिम पर बेहतर प्रदर्शन के लिए मासिक रूप से रिबैलेंस होते हैं।
पूर्वानुमानित इंजन छिपे हुए सूत्रों और पैटर्न का विश्लेषण करने के लिए पिछले 20 वर्षों के बाजार और मेक्रो-आर्थिक डेटा का उपयोग करते हैं। प्रचलित बाजार और फिर मेक्रो-आर्थिक डेटा के साथ ये सहसंबंध मासिक पूर्वानुमान बनाने के लिए इंजनों द्वारा उपयोग किए जाते हैं। इस प्रकार, फंड की निवेश संबंधी निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से मशीन संचालित है और इसमें मानव निर्णय का कोई दखल नहीं है।
पूर्वानुमान बताने वाला मॉडल, मशीन लर्निंग से नए और वृद्धिशील डेटा का उपयोग करके एक निश्चित आवधिकता पर पुनःसंग्रह और पुनःसंयोजन करता है। यह मॉडल को उभरते हुए पैटर्न और संबंधों में कारक बनाने में सक्षम बनाता है। इन एल्गोरिदम को डेटा विज्ञान विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम द्वारा विकसित और प्रबंधित किया जाता है। हम एक पॉकेट कैलकुलेटर का उपयोग करने से लेकर कंपनी की रिपोर्ट से इकट्ठा किए गए आंकड़ों का विश्लेषण करने में मशीनों का उपयोग करने तक का एक लंबा रास्ता तय कर चुके हैं जिसके आधार पर यह तय किया जाता है कि निवेश के लिए कौन से स्टॉक चुने जाएं।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के एमडी और सीईओ प्रथित भोबे ने कहा, ’मशीनों में बड़े पैमाने पर कम्प्यूटेशनल शक्ति होती है, जिसकी सहायता से हम व्यापक आंकड़ों को प्रोसेस कर सकते हैं, पैटर्न्स का पता लगा सकते हैं और सहसंबंधों को जान सकते हैं और इस तरह मानव पूर्वाग्रह के बिना तेजी से निर्णय ले सकते हैं। मौजूदा दौर में कंप्यूटर समस्याओं को हल करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं, बहुत सारा डेटा उपलब्ध है और हम एल्गोरिदम रोबोट के साथ संयोजन में इस डेटा का उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं।’
टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर शैलेश जैन कहते हैं, ’टाटा म्यूचुअल फंड ने दीर्घावधि के इक्विटी निवेशकों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन-ड्राइव रणनीतियों का विकास किया है। इस प्रक्रिया में टैक्नोलॉजी का लाभ उठाते हुए बड़ी संख्या में आंकड़ों को प्रोसेस किया जाता है और पैटर्न को पहचानने का प्रयास किया जाता है। निवेश का भविष्य क्वांट के उपयोग में है और एक नए दशक में प्रवेश करने के साथ, हमारा मानना है कि भारतीय बाजार अब तकनीक आधारित निवेश के लिए तैयार है।’
टाटा एसेट मैनेजमेंट में हेड- बिजनेस एनालिटिक्स उत्पल सरमा के अनुसार, ’सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड मानव बुद्धि से लाभान्वित होते हैं जो जटिल व्यवहार में विभिन्न बाजार चुनौतियों के बारे में सीखते हैं, समझते हैं, और उनका जवाब देते हैं। दूसरी ओर, निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड, नियम आधारित होते हैं और वे मानवीय निर्णय के साथ होने वाले पूर्वाग्रहों के नुकसान से बचते हैं। उनकी ताकत बढ़ी हुई निष्पक्षता और मानवीय त्रुटियों को खत्म करने में निहित है। इन पारंपरिक शैलियों के अपने नफा और नुकसान हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन-लर्निंग फंड मैनेजमेंट के लिए एक तीसरा आयाम जोड़ते हैं। वे अनुशासित नियम-आधारित निवेश के लाभों को बरकरार रखते हुए मशीनों को कुछ हद तक मानवीय निर्णय की नकल करने में सक्षम बनाते हैं। इस तरह के निर्माणों को नियोजित करने वाली निवेश रणनीतियां, पूर्वाग्रह जैसी त्रुटियों से बचते हुए बाजार के अवसरों का बेहतर लाभ उठाती हैं। आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समर्थन करने वाली तकनीकें काफी विकसित और मजबूत हैं। व्यवसायों में उनका व्यापक उपयोग उनकी क्षमता और बेहतरी का प्रमाण है। जहां धन प्रबंधन के लिए क्वांट स्ट्रेटेजी एंडवांस मार्केट में अधिक है, लेकिन यह केवल समय की बात है कि वे भारत में भी लोकप्रियता हासिल कर लेगी।’
इस फंड के लिए न्यूनतम आवेदन राशि 5,000/- और उसके बाद 1/- रुपए के गुणक में है। अतिरिक्त निवेश 1,000/- रुपए का और उसके बाद 1/- रुपए के गुणक में किया जा सकता है। फंड का प्रबंधन श्री शैलेष जैन कर रहे हैं।

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