मुंबई, देश की सबसे बड़ी विविधिकृत प्राकृतिक संसाधन कंपनी, वेदांता लिमिटेड की इकाई, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड ने नई दिल्ली में इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स के सम्मेलन “ब्लू प्रिंट: यूनाइटिंग द फ्यूचर ट्रांसफॉर्मर्स” आयोजित किया।
इस आयोजन में सीपीडब्ल्यूडी, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, एनबीसीसी, एएआई, इरकॉन व डीएमआरसी आदि प्रसिद्ध कंपनियों के शीर्ष इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स, सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ इस्पात क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम ने राष्ट्र के बुनियादी ढांचे के निर्माताओं और देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक संसाधन कंपनी- वेदांता के बीच बातचीत को प्रोत्साहित किया। वेदांता राष्ट्र के उत्तरोत्तर विकास के लिए परिवर्तनकारी तत्वों में विश्वास करता है।
इस मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (पीडब्ल्यूडी)-दिल्ली के इंजीनियर-इन-चीफ, पुनीत कुमार वत्स मौजूद रहे। अतिथि वक्ता के रूप में आईआईटी-दिल्ली के मशहूर प्रोफेसर, बिश्वजीत भट्टाचार्य उपस्थित थे, जिन्होंने 'कंक्रीट में गैल्वेनाइज्ड आयरन रेबर' विषय पर मौजूद सम्मानित लोगों को संबोधित किया।
इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन इंडिया के निदेशक राहुल शर्मा ने राष्ट्र निर्माताओं में जागरूकता पैदा करने के लिए सुदृढीकरण टीएमटी सलाखों के भविष्य पर एक विस्तृत सत्र व्याख्यान दिया।
राहुल शर्मा ने कहा, “इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए स्टील सबसे महत्वपूर्ण धातु है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में भारी लागत लगती है जिसे हमेशा उन सामग्रियों और डिज़ाइन के साथ बनाया जाना चाहिए जो लंबे समय तक चलें। इस प्रकार, यह महत्वपूर्ण है कि संरचनाओं को लंबे समय तक बनाये रखने और उन्हें जंग से बचाये रखने के लिए हमारे पास गैल्वेनाइज्ड स्टील हो। रखरखाव व मरम्मत कार्यों से अतिरिक्त समस्याएं पैदा होती हैं और यह हफ्तों तक - और कभी कभी तो वर्षों तक के लिए दैनिक गतिविधियों को बाधित करती है। एनएसीई के अनुसार, संक्षारण की वैश्विक सालाना लागत 2.5 ट्रिलियन डॉलर है, जो कि वैश्विक जीडीपी का लगभग 3-4 प्रतिशत और भारत के जीडीपी का लगभग 4 प्रतिशत है। इस दूरगामी समस्या का एक दीर्घकालिक उत्तर संरचना के प्रारंभिक निर्माण चरणों के दौरान जस्ता संरक्षित स्टील का उपयोग है, अर्थात् गैल्वेनाइजिंग।"
ईएसएल के मुख्य विपणन अधिकारी शाश्वत पचीसिया ने कहा, "इस सत्र का उद्देश्य कई पीढ़ियों की सेवा के लिए लंबे समय तक चलने वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे के निर्णयकर्ताओं के बीच "ज़िंक-लेपित टीएमटी सरियों " के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।"
वेदांता नई तकनीक और नवाचार के माध्यम से हासिल की गई विकास के अगले चरण की शुरुआत करते हुए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाता है - जो कंपनी के मुख्य स्तंभों में से एक भी है। इस विचार के साथ, ईएसएल ने सुदृढीकरण टीएमटी सरियों के भविष्य पर प्रकाश डाला। ये नये तरह के टीएमटी सरिये संरचना के जीवनकाल को बढ़ाएंगे और उत्पाद की लागत की तुलना में अधिक मूल्य प्रदान करेंगे।
इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड विनिर्माण संयंत्र ग्रीन-फिल्ड एकीकृत इस्पात संयंत्र है जो बोकारो, झारखंड, भारत के पास स्थित है, जिसकी वर्तमान क्षमता 1.5 मिलियन टन उच्च-गुणवत्ता युक्त स्टील इंटरमीडियरिज प्रतिवर्ष है। वर्तमान में, ईएसएल की उत्पाद श्रेणी में पिग आयरन, बिल्ट्स, टीएमटी बार्स, वायर रॉड्स और डक्टाइल आयरन पाइप शामिल हैं। कंपनी ने हाल ही में अपने मौजूदा उत्पादों डक्टाइल आयरन पाइप्स के लिए वी-ड्युसपाइप, टीएमटी सरियों के लिए वी-एक्सेगा और वायररॉड को वी-वायरो के रूप में पहली बार ब्रांड बनाया है।
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