मुंबई, देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक- बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘बड़ौदा कोविड इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन- बीसीईसीएल‘ की शुरुआत की है। कोविड -19 महामारी से प्रभावित मौजूदा एमएसएमई और कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं को शॉर्ट टर्म लोन/डिमांड लोन उपलब्ध कराने के लिए इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन की स्थापना की गई है।
इसके लिए बैंक ने मौजूदा फंड बेस्ड वर्किंग कैपिटल लिमिट्स (एफबीडब्ल्यूसी) को अधिकतम 10 प्रतिशत करने का निर्णय किया है, जो अधिकतम 200 करोड़ रुपए तक होगी। यह मौजूदा एडहॉक/एक्सेस/एसएलसी/गोल्ड कार्ड लिमिट के अतिरिक्त है।
कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के लिए ब्याज दर मानक प्रीमियम के बिना 8.15 प्रतिशत की 1-वर्षीय एमसीएलआर होगी और एमएसएमई के लिए ब्याज दर बड़ौदा रेपो लिंक्ड लेंडिंग दर 8.00 प्रतिशत होगी।
सभी मानक खाते जिन्हें 26 मार्च, 2020 तक एसएमए 01 या एसएमए 02 के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, मंजूरी की तारीख तक वे इस योजना के तहत ऋण के लिए पात्र हैं।
6 महीने (अधिकतम) के एक अधिस्थगन के साथ, ऋण राशि का 15 प्रतिशत हिस्सा मासिक/त्रैमासिक किस्तों में 6 महीनों में अदा करना होगा और शेष 85 प्रतिशत राशि अगले 12 महीनों में चुकाई जा सकेगी। जब, जैसा लागू हो, इस राशि पर ब्याज भी देय होगा।
प्रस्तावित सीमा का अस्सी प्रतिशत स्टॉक और प्राप्य के मूल्य से समर्थित होना चाहिए और 20 प्रतिशत क्लीन बेसिस पर दिया जा सकता है। आवश्यकता होने पर 3 महीने की अतिरिक्त कवर अवधि की अनुमति दी जानी चाहिए। यह अनुमति सुविधा के बंद होने तक वर्तमान में अनुमत अवधि से अधिक और इसके बाद प्राप्तियों के संबंध में लागू होगी।
बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विक्रमादित्य सिंह खिंची ने कहा, ‘‘बैंक ऑफ बड़ौदा में हमारा हमेशा से प्रमुख उद्देश्य रहा है कि हम अपने ग्राहकों के साथ खड़ा रहें, समय पर उनकी मदद कर सकें और अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से बदलने का प्रयास कर सकें। हमें उम्मीद है कि अतिरिक्त तरलता की सुविधा ‘बड़ौदा कोविड इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन- बीसीईसीएल‘ हमारे ग्राहकों को वित्तीय संकट से निपटने के लिए अपेक्षित सहयोग प्रदान करेगी।‘‘
बैंक ऑफ बड़ौदा सक्रिय रूप से एसेट्स की मार्केट लिक्विडिटी के बीच मिसमैच को कम करने और देनदारियों की तरलता के साथ कारोबारी समुदाय की मदद करने की दिशा में काम कर रहा है।
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