कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने महिलाओं को सम्मानित किया - Karobar Today

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Friday, March 6, 2020

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने महिलाओं को सम्मानित किया





 Skill India women day



नई दिल्ली, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के मद्देनज़र राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में उन महिलाओं को सम्मानित किया, जिन्होंने अपने सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद उपलब्धियां हासिल की हैं। डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय, माननीय केन्द्रीय मंत्री, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में सैंकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया, जिन्होंने विभिन्न चुनौतियों को पार करते हुए बहादुरी के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी और दिग्गज - प्रवीण कुमार, सचिव, एमएसडीई, मिस जुथिका पटंकर, एडिशनल सेक्रेटरी, एमएसडीई,  नीलम, शामी राव, डायरेक्टर जनरल डीजीटी, विनीता अग्रवाल, डीजी, एनएसडीए, मिस अनुराधा वेमुरी, संयुक्त सचिव एवं सीवीओ और डॉ मनीष कुमार, सीईओ एवं एमडी, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम भी शामिल थे, जिन्होंने महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया, जिन्होंने अपने प्रयासों से देश उद्यमिता प्रणाली पर अनूठी छाप छोड़ी है।
डॉ महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कई प्रतियोगिताओं की विजेताओं को प्रमाणपत्र दिए, खासतौर पर कौशल भारत मिशन के तहत आयोजित विभिन्न प्रोग्रामों में महिलाओं को सम्मानित किया गया। बेस्ट ऑफ वेस्ट, वेबपेज डिज़ाइनिंग, शॉर्ट वीडियो मेकिंग एवं डीबेट प्रतियोगिता आदि ऐसी श्रेणियांें में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। 
इन महिलाओं में शामिल हैं फाराह नवाज़, जन शिक्षा संस्थान से एक सौन्दर्य विशेषज्ञ, लता परमार, जिन्होंने राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण प्रस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा रानी जो बर्गर किंग में काम करती है। इन सभी महिलाओं ने अपने सामने आने वाली सभी चुनौतियों का सामना कर अपने लिए खास जगह बनाई। फाराह को उनके पति और ससुराल वालों ने छोड़ दिया था। उन्होंने ब्यूटीशियन का कोर्स किया और अब खुद अपना सैलून चला रही हैं। इसी तरह लता ने प्रशिक्षण पाने के बाद पीडब्ल्यूडी के एडीजी ऑफिस में पर्सनल सेक्रेटरी की नौकरी पा ली। रानी नेशनल एप्रेन्टिसशिप प्रोमोशन योजना की लाभर्थी हैं और बर्गर किंग की फुल टाईम कर्मचारी हैं।
इसी तरह की कहानी मनीषा पाल की भी है, जो एक फाइनैंशियल सर्विस फर्म में काम करती हैं। आरती जिन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया और इसके बाद उन्हें मैक्स हॉस्पिटल में नौकरी मिल गई। कार्यक्रम में मौजूद 700 लोग दिव्यांग महिलाओं सितारा और जानकी की कहानियों से बेहद प्रेरित हुए, जिन्होंने कई चुनौतियों को पार किया और आज गरिमा के साथ आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं।
महिला उद्यमियों की सराहना करते हुए डॉ महेन्द्रनाथ पाण्डेय, माननीय केन्द्रीय मंत्री, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने कहा, ‘‘मैं महिलाओं के ज़ज्बे को  सलाम करता हूं, जिन्होंने बहादुरी के साथ अपनी जीवन की सभी मुश्किलों का सामना किया और आज दूसरों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं। ये महिलाएं देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मुझे गर्व है कि आज मुझे इन प्रभिाशाली
महिलाओं के साथ यहां कार्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका मिला है, जो हमारी कौशल पहलों से न केवल अपने बल्कि दूसरों के जीवन को भी प्रभावित कर रही हैं। हमारे प्रोग्रामों के ज़रिए महिला पेशेवरों ने कार्यबल में अपने लिए विशेष जगह बनाई है, आज वे पुरूष प्रधान क्षेत्रों मंे काम कर रही हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि महिलाएं पारम्परिक बाधाओं को पार कर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में महिला चैम्पियन आगे आएंगी।’’
कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को कौशल भारत मिशन की विभिन्न पहलों तथा महिलाओं को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्रोग्रामों के बारे में जागरुक बनाया गया। प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के विभिन्न प्रोग्रामों के माध्यम से कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए तत्पर है। कौशल भारत मिशन महिलाओं को बाज़ार उन्मुख कौशल प्रदान करने तथा उद्यमशीलता के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।




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