बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सैनिटरी नैपकिन के अलावा स्टोन, मार्बल, राखी, लकड़ी के बने देवी देवताओं की मूर्ति और शखुआ के पत्ते को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। वहीं 1,000 रुपये तक के चप्पल पर जीएसटी की दर को घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है।
इसके साथ लिथियम आयन बैटरीज, वैक्यूम क्लीनर्स, फूड ग्राइंडर्स, मिक्सर्स, स्टोरेज वाटर हीटर, हेड ड्रायर्स, हैंड ड्रायर्स, पेंट, वाटर कूलर, मिल्क कूलर, आइसक्रीम कूलर्स, परफ्यूम्स, टॉयलेट स्प्रेज पर जीएसटी की दर को 28 फीसद से कम कर 18 फीसद कर दिया गया है। गोयल ने कहा कि जीएसटी काउंसिल अब रेवेन्यू कलेक्शन के अलावा रोजगार के मौके पैदा करने को लेकर भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में लिया गया फैसला 27 जुलाई से प्रभावी होगा।
विज्ञान भवन में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया, ''सैनिटरी नैपकिन और कुछ अन्य प्रॉडक्ट्स को अब जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है।'' जीएसटी काउंसिल ने कई अन्य वस्तुओं और सेवाओं को 28 फीसद वाले स्लैब से हटाकर 12 और 18 फीसद वाले स्लैब में डाल दिया है। इसके साथ ही पहले के मुकाबले रिटर्न फाइल करने की और आसान बना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अब पांच करोड़ रुपये या इससे ऊपर के टर्नओवर वाले कारोबारियों को हर महीने टैक्स रिटर्न भरना होगा जबकि इससे नीचे के टर्नओवर वालों हर तीन महीने में रिटर्न दाखिल करना होगा। काउंसिल ने बैंबू फ्लोरिंग पर जीएसटी की दर को घटाकर अब 12 फीसद कर दिया है। गौरतलब है कि पीयूष गोयल के वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद यह पहली काउंसिल की बैठक है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीमार होने की वजह से गोयल को प्रभारी वित्त मंत्री बनाया गया है।
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