नई दिल्ली। अडानी फाउंडेशन द्वारा क्रियान्वित अडानी विल्मर के प्रोजेक्ट सुपोषण को प्रतिष्ठित स्कॉच पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार 19 सितंबर को कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित 53वें स्कॉच राज्य प्रशासन शिखर सम्मेलन, 2018 के दौरान दिया गया। सुपोषण, स्वच्छगृह और द लास्ट माइल प्रोजेक्ट्स को भी व्यक्तिगत रूप से स्कॉच ऑडर्स ऑफ मेरिट प्राप्त हुआ। अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अडानी ने कहा, ‘‘अपने विभिन्न पहलों के माध्यम से जिंदगियों को बदलने की दिशा में मुझे अडानी फाउंडेशन के अटल प्रयासों पर गर्व है। इस वजह से हमें इतनी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा पुरस्कृत किया गया है। अडानी फाउंडेशन लोगों को सशक्त बनाकर स्थाई बदलाव लाने में विश्वास करता है। सुपोषण, स्वच्छगृह और द लास्टक माइल जैसे प्रोजेक्ट एक बेहतर भारत बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’’
इस साल अडानी फाउंडेशन ने तीन श्रेणियों में नामांकन दिया था। प्रोजेक्ट ‘द लास्ट माइल’ को डिजास्टर रिलीफ एक्टिविटीज ’श्रेणी में नामित किया गया। प्रोजेक्ट ‘स्वच्छगृह’ को स्वच्छता की आदत विकसित करने के लियेए ‘ग्रीन एंड एन्वॉायरमेंटल स्टेवॉर्डशिप’ के तहत नामित किया गया। ‘सुपोषण’ प्रोजेक्ट को कुपोषण और रक्तअल्पता को कम करने के लिये ‘पब्लिक हेल्थ इनीशिएटिव’ के तहत नामित किया गया। नामांकन आवेदन भरने के बाद, सारी एंट्रीज बेहद कठिन परीक्षण प्रक्रिया से गुजरीं और तीन मापदंडों- पहले पहल करने वाले, जूरी का मूल्यांकन और लोकप्रिय वोट के आधार पर उन्हें अंक दिये गये और इसके अनुसार इन्होंने क्वालिफाई किया।
प्रोक्ट सुपोषण को अडानी विल्मर का सहयोग प्राप्त है और इसे अडानी फाडंडेशन ने क्रियान्वित किया है। सुपोषण ने 11 राज्यों के 2 लाख से ज्यादा घरों तक पहुंच बनाई है।
भारत के उन चुनिंदा क्षेत्रों में जहां लाइफ साइकल अप्रोच को अपनाया गया है, वहां कुपोषण और रक्त अल्पतता जैसे मुद्दों को सुलझाने के लिये सुपोषण एक कम्युनिटी आधारित पहल है। यह पहल मुख्य रूप से 0-5 साल की उम्र के बच्चों, किशोरियों, स्तनपान करा रही मांओं, गर्भवती महिलाओं और प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं पर केंद्रित है।
लास्ट माइल प्रोजेक्ट के जरिये, अडानी फाउंडेशन अगस्त 2017 में गुजरात में आई बाढ़ के दौरान 1,04,731 लोगों तक राहत कार्य पहुंचने में सक्षम हो पाया। इस राहत कार्य के तहत ना केवल राशन किट, तिरपाल और तंबू, कपड़े, पानी के पाउच, खाने के किट शामिल हैं, बल्कि मोबाइल हेल्थ केयर वैन के जरिये लोगों को मेडिकल ट्रीटमेंट भी प्रदान किया गया। स्कॉच पुरस्कार में द लास्ट माइल को डिजास्टर रिलीफ एक्टिविटीज श्रेणी में नामित किया गया था।
स्वच्छगृह को ‘ग्रीन एंड एन्वायरमेंटल स्टेवॉर्डशिप’ के तहत नामित किया गया था। युवा अग्रेताओं के माध्यम से स्वच्छगृह नागरिकों में स्वच्छता की आदतों और नागरिक चेतना को बढ़ावा देने पर ध्याान देता है। इसका लक्ष्य देश में लंबे समय तक बदलाव को लाना है, खासतौर से यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में साफ-सफाई से संबंधित समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है। स्वच्छगृह ने 17 राज्यों के 4000 से अधिक स्कूलों तक पहुंच बनाई है।
No comments:
Post a Comment