सफोला लाइफ ने करवाया अध्ययन , 67 प्रतिशत मोटे भारतीयों को है हृदय रोग का खतरा - Karobar Today

Breaking News

Home Top Ad

Post Top Ad

Friday, September 28, 2018

सफोला लाइफ ने करवाया अध्ययन , 67 प्रतिशत मोटे भारतीयों को है हृदय रोग का खतरा



Saffola World Heart Day
Saffola World Heart Day


1. 67 प्रतिशत भारतीयों, जिनके पेट पर चर्बी जमी है, को है हृदय रोग का खतरा
2. 83 प्रतिशत भारतीय जिनको पेट की चर्बी की वजह से हृदय रोग का खतरा है नहीं मानते की पेट की चर्बी है हृदय रोग का एक मुख्य कारण
3. 10 में से 6 भारतीयों को सामान्य वजन होने के बावजूद है पेट की चर्बी की वजह से हृदय रोग का खतरा
4. 35 वर्ष से कम आयु वाले 63 प्रतिशत भारतीयों को है पेट के मोटापे की वजह से हृदय रोग का खतरा
5. 67 प्रतिशत भारतीय जिनको हृदय रोग का खतरा है उनका कार्यकाल है अधिक लम्बा (8 घंटे प्रतिदिन से ज़्यादा)
6. 50 प्रतिशत भारतीय जिनको पेट की चर्बी की वजह से हृदय रोग का खतरा है सप्ताह में कम से कम एक दिन छोड़ देते है  नियमित भोजन
7. 68 प्रतिशत  वे लोग है जो 6 घंटे से कम नींद लेने के कारन हृदय रोग के खतरे से प्रभावित है
8. 61 प्रतिशत भारतीय जो पेट की चर्बी की वजह से हृदय रोग के खतरे में है नहीं करते नियमित व्यायाम
9. 77 प्रतिशत मुम्बईकर पेट की चर्बी अधिक होने से है हृदय रोग के खतरे के घेरे में, भारत में सर्वाधिक
नई दिल्ली। इस विश्व हृदय दिवस पर सफोला लाइफ ने अपने प्रमुख अध्ययन को प्रकाशित कर भारत में हृदय के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता लाने लेन का प्रयास किया।  इस अध्ययन से जो ख़ास बात सामने आयी वह ये है की पेट के मोटापे का हृदय के स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम होता है। सफोला लाइफ  2018 के अध्ययन के अनुसार पेट के मोटापे के शिकार 67 प्रतिशत भारतीयों को हृदय रोग का खतरा है।  यह अध्ययन उन बिन्दुओ को भी उजागर करता है जो पेट के मोटापे और उसके परिणाम स्वरूप होने वाले हृदय के खतरे के समान कारक है।
जीवनशैली की बढ़ती चुनौतियों के साथ, भारतीय कम उम्र में ही हृदय रोग के खतरे के घेरे में आ रहे है। ऑफिस के लम्बे कार्यकाल, काम का तनाव, अनियमित भोजन, नींद की कमी और गतिहीन दिनचर्या इसके कुछ प्रमुख कारण है। और इससे जीवनशैली से जुड़े रोगों जैसे हृदय रोग, मोटापा और डायबिटीज़ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
जब बीएमआई सामान्यकृत मोटापे को जांचने का शोध द्वारा सिद्ध उपाय है, फैट का विभाजन या केंद्रीकृत मोटापा, जिसे पेट की चर्बी कहते है, हृदय के खतरे का प्रमुख करक बन जाता है। जब भी बात पेट के मोटापे की आती है तो जानकारी के अभाव के चलते लोग उसे केवल सुंदरता से जोड़ते है बल्कि यह पेट का मोटापा हृदय के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसलिए इस मुद्दे पर और अधिक जागरूकता लाने के लिए सफोला लाइफ  अध्ययन 2018 को ‘‘पेट के मोटापे से हृदय स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभाव’’ पर व्याख्यित किया गया है। एक मुख्य बिंदु जो इस सर्वे से सामने आता है वह यह है अगर आप दुबले है परन्तु आपकी तोंद निकली हुई है तो आपका हृदय खतरे में है।
सफोला लाइफ और निल्सॉन ने पेट के मोटापे के शिकार लोगो पर एक देशव्यापी सर्वे यह जानने के लिए किया की उनका हृदय किस हद तक खतरे में है। यह सर्वेक्षण को देश के मुख्य शहरों जैसे दिल्ली मुंबई, लखनऊ, और हैदराबाद के 837 लोगो पर किया गया। इस सर्वे से कुछ चौकाने वाले तथ्य सामने आये जो की उम्र, लिंग, जीवनशैली से जुड़े थे और पेट के मोटापे के चलते हृदय के लिए खतरे पैदा कर रहे थे।
भारत में जहाँ पेट की चर्बी से ग्रसित 67 प्रतिशत लोगो का हृदय खतरे में है वहीं अभी भी 84 प्रतिशत भारतीय पेट के मोटापे को हृदय रोग के 3 प्रमुख कारक में से एक नहीं मानते है। पेट के मोटापे के शिकार भारतीयों की खानपान की आदतों में समानताएँ  है जैसे  सप्ताह में कम से कम एक बार बाहर का खाना खाना (81 प्रतिशत), रात में भारी भोजन करना (78 प्रतिशत) और जंक फ़ूड खाना (69 प्रतिशत)  पेट के मोटापे के शिकार भारतीयों की जीवनशैली भी समानता है जैसे पर्याप्त नींद न होना (58 प्रतिशत)और व्यायाम में अनियमितता (61 प्रतिशत)
अध्ययन के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए लीलावती हॉस्पिटल के एंडोक्रिनोलोजिस्ट पद्माश्री डॉ. शशांक जोशी कहते है  ‘‘यह अध्ययन बताता है की पेट के मोटापे के शिकार 67 प्रतिशत भारतीय के हृदय को खतरा है। साथ ही ये भी पता चला है कि अगर आपका बीएमआई सामान्य है परन्तु आपकी तोंद निकली हुई है तो भी आपके हृदय को खतरा है। इसलिए अपने हृदय का ख़ास ख्याल रखने के लिए आपको सक्रिय कदम उठाने होंगे। ’’
स्वस्थ हृदय के लिए जीवनशैली पर बताते हुए नूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने कहा  ‘‘सफोला लाइफ  अध्ययन ने पेट की चर्बी और हृदय रोग के आपसी सम्बन्ध को और भी पुख्ता कर दिया है, इसीलिए स्वस्थ्य जीवनशैली के लिए पेट के मोटापे को नियंत्रित रखना अत्यंत आवश्यक है। अत: मैं प्रत्येक जन से आग्रह करती हूँ कि अपनी जीवनशैली में छोटे परन्तु महत्वपूर्ण बदलाव करे जिससे की पेट के मोटापे को दूर किया जा सके। यह सही खाना खा कर, जंक फ़ूड को न कह कर, नियमित व्यायाम से, पर्याप्त नींद लेकर और तनाव कम कर किया जा सकता है। अपने हृदय का ख्याल रखना शुरू करे, ज़्यादा रेशे वाला खाना खाये, टहलने जाएं और आपके शरीर की आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त नींद लें।
आज के समय में, व्यस्ततम कार्य रेखा और गतिहीन दिनचर्या हम भारतीयों के हृदय के स्वास्थ को बहुत प्रभावित कर रही है। जबकि पेट का मोटापा बढऩे के अनेक कारण हमारे सामने है, हमे इस बात का ख्याल रखना होगा की इसके कई दुष्प्रभाव है जिसमे हृदय रोग का खतरा एक बड़ा और मुख्य दुष्प्रभाव है। और हमे इसी बात को ध्यान में रखते हुए हुए अपनी जीवन शैली में वांछित बदलाव लाने होंगे जिससे की हमारी जीवन शैली स्वास्थ्यवर्धक हो।



No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad