जयपुर। जयपुर आधारित हाउसिंग फाइनेंस कंपनी आवास फाईनेंशियर्स लिमिटेड द्वारा कारोबारी विस्तार के लिए आईपीओ लाया जा रहा है। कंपनी का आईपीओ 25 सितम्बर को खुलकर 27 सितम्बर को बंद होगा। हालांकि कुछ कारणों के चलते कंपनी के आईपीओ से निवेशकों को दूर रहने में ही भलाई नजर आ रही है।
बढती प्रतिस्पर्धा : हाउसिंग फाईनेंस सेक्टर में एलआईसी, पीएनबी हाउसिंग, हुडको, एचडीएफसी, इंडियाबुल्स इत्यादि बहुत सी फाईनेंस कंपनियां कार्यरत हैं , हालांकि इनका फोकस प्रमुख शहरों तक ही सीमित है और आवास फाईनेंशियर्स लिमिटेड को अपना अधिकत्तर बिजनेस टीयर-2 और टीयर-3 सिटी से हासिल हो रहा है। लेकिन आने वाले समय में ग्रोथ हासिल करने के लिए ये कंपनियां भी अपना विस्तार टीयर-2 और टीयर-3 सिटी के साथ गांव-कस्बों में भी करेंगी । आवास फाईनेंशियर्स जैसी कंपनियां जहां 11 से 18 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर पर ऋण देती हैं वहीं अन्य फाईनेंस कंपनियां अपेक्षाकृत काफी कम ब्याज दरों पर आवास ऋण मुहैया करवा रही हैं। इसके अलावा देश में तेजी से पांव पसारते स्माॅल फाईनेंस बैंक भी आने वाले समय में ग्रोथ के लिए होम लोन की ओर तेजी से बढेंगे। वहीं कई प्रकार की अन्य वित्तीय संस्थाएं भी आवास ऋण को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर रही हैं। ऐसे माहौल में निवेशकों को सबसे प्रमुख और विस्तृत लोनबुक वाली हाउसिंग कंपनियों के साथ बने रहने की हिदायत है।
प्रवर्तक अल्प शेयर धारक: कंपनी के मुख्य प्रवर्तक का चेहरा सुशील अग्रवाल का है लेकिन उनके पास कंपनी में सिर्फ 7.50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं अन्य प्रवर्तक संजय अग्रवाल के पास भी कंपनी की केवल 7.50 हिस्सेदारी है। इन्होंने ही कंपनी शुरू की थी। लेकिन आज ये कंपनी में अल्प शेयर धारक हैं। कंपनी में मुख्य प्रवर्तक केडारा केपिटल की कंपनी लेक डिस्ट्रिक है जिसके पास प्री आॅफर कंपनी के 35261756 यानि की 49.84 प्रतिशत हिस्सेदारी है वहीं अन्य प्रमुख प्रवर्तक कंपनी ईएससीएल कंपनी है, जिसके पास प्री आॅफर कंपनी के 17127627 शेयर यानि की 24.21 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अभी सुशील अग्रवाल कंपनी के सीईओ हैं। भविष्य में कंपनी पर किसी प्रकार प्रकार का कंट्रोल शेयर धारकों के हित पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
वर्तमान बाजार हालत और मंहगा वेल्यूशनः वित्त वर्ष 2018 की कंसालिडेटेड आय और पोस्ट इशू इक्विटी को देखते हुए करीब 55 का पीई मल्टीपल और 202 बुक वैल्यू के आधार पर 4.6 गुना प्राईस टु बुक का होना पहली नजर में शेयर का मंहगा होना दर्शा रहा है। कंपनी द्वारा करीब 6 माह पूर्व ही 428 रुपये पर शेयर जारी किये थे और इतने कम समय में 818-821 रुपये का आईपीओ प्राईस गैर व्यवहारिक लग रहा है। हाल में जिस प्रकार से फाइनांसियल कंपनियों के शेयरों में बडी भारी गिरावट आई है उससे बाजार में फाइनांसियल शेयरों के प्रति नकारात्मक माहौल रहने की आशंका है। इससे कंपनी के आईपीओ में भी दिक्कत आ सकती है।
इतना सब कुछ होते हुए भी कंपनी निवेश के लिए अच्छी है और दीर्धावधि के लिए पोर्टफोलियो में रखने लायक है। ऐसे में निवेशकों को अगर आईपीओ के बाद किसी बुरी स्थिति में कंपनी का शेयर 300 से 400 रुपये के स्तर पर मिलता है तो कंपनी में निवेश करना चाहिए।
No comments:
Post a Comment