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Sunday, October 7, 2018

कोंकण के अल्फोंसो आम को जीआई टैग मिला, सुरक्षित होगी विशेष पहचान

GI Tag for Alphonso from Konkan news in hindi

नई दिल्ली।महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पालघर, ठाणे और रायगढ़ जिलों में पैदा होने वाले अल्फोंसो आम को ‘भौगोलिक चिन्ह (जीआई) के तौर पर पंजीकृत किया गया है। भौगोलिक चिन्ह किसी भी उत्पाद के लिए एक चिन्ह होता है जो उसकी विशेष भौगोलिक उत्पत्ति, विशेष गुणवत्ता और पहचान के लिए दिया जाता है और यह सिर्फ उसकी उत्पत्ति के आधार पर होता है। ऐसा नाम उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशेषता को दर्शाता है। दार्जिलिंग चाय, महाबलेश्वर स्ट्रोबैरी, जयपुर की ब्लूपोटेरी, बनारसी साड़ी और तिरूपति के लड्डू कुछ ऐसे उदाहरण है जिन्हें जीआई टैग मिला हुआ है।
जीआई उत्पाद दूरदराज के क्षेत्रों में किसानों, बुनकरों शिल्पों और कलाकारों की आय को बढा कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हमारे कलाकारों के पास बेहतरीन हुनर, विशेष कौशल और पारंपरिक पद्धतियों और विधियों का ज्ञान है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहेता है और इसे सहेज कर रखने तथा बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इसे हापुस के नाम से जाना जाता है। इसके लजीज स्वाद, अनोखी खुशबू और चमकदार रंग के चलते इसकी भारत के अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में काफी मांग हैं। विश्व में यह काफी लंबे समय से मशहूर फल रहा है और इसे जापान, कोरिया तथा यूरोप को निर्यात किया जाता था। हाल ही में अमेरिका और आस्ट्रेलिया ने भी अपने बाजारों में इसके आयात को मंजूरी दी है। भारत में पहला जीआई टैग दार्जिलिंग चाय को 2004 में दिया गया था और देश में इस टैग को हासिल करने वाले कुल उत्पादों की संख्या 325 हैं। 

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