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Wednesday, November 28, 2018

स्टार्टअप्स की लिस्टींग के लिए बीएसई एसएमई​ सेगमेन्ट में नये विभाग की शुरुआत



BSE SMS platform launch startup department for startup companies listing


मुंबई। स्टार्टअप्स की लिस्टींग शेयर बाज़ार में आकर्षिक बनी रहे इस हेतु बीएसई ने अपने एसएमई सेगमेन्ट में नए दौर की स्टार्टअप कंपनी के लिस्टींग हेतु नया विभाग की रचना की है।
इस प्लेटफोर्म के जरीए आईटी, आईटीईएस, बायो-टेक्नोलोजी एन्ड लाईफ सायन्स, 3डी प्रिन्टींग, स्पेस टेक्नोलोजी व ई-कोमर्स क्षेत्र की कंपनियों को लिस्टींग की सुविधा प्राप्त होगी
इसके अलावा यह मंच अन्य क्षेत्रों के बीच उच्च तकनीक रक्षा, ड्रोन, नेनो टेक्नोलोजी, आर्टिफ्शियल इन्टेलिजन्स, बीग डेटा, वर्च्युअल रियल्टी, ई-गेमिंग, रोबोटिक्स, जेनेटिक इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सूचीबद्ध होने में सहायता करेगा।
बीएसई ने परिपत्र में कहा है कि, स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए, एक्सचेंज मौजूदा एसएमई सेगमेंट में उप-डिवीजन बना के खुश है।
बीएसई स्टार्टअप प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग की योग्यता के बारे में, बीएसई ने कहा कि कंपनियां माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यमों या डिपार्टमेन्ट ओफ इन्डस्ट्रीयल पोलिसी एन्ड प्रमोशन में स्टार्टअप के रूप में पंजीकृत होनी चाहिए।
यदी कंपनियां स्टार्टअप के रूप में पंजीकृत न हो तो उनकी पेड-अप कैपिटल कम से कम एक करोड रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा कंपनी कम से कम दो साल से अस्तित्व में होनी चाहिए। बीएसई में ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने के समय कंपनी में क्वालिफाइ़ड इन्स्टिट्यूशनल बायर्स, एन्जल इन्वेस्टर या अन्य कोई एक्रिडेटेड इन्वेस्टर नें कम से कम दो वर्ष के लिए कंपनी में निवेश किया होना चाहिए।
कंपनी की नेटवर्थ सकारात्मक होनी चाहिए और कंपनी के किसी भी प्रमोटर या निदेशक पर किसी भी नियामक ने किसी भी प्रकार की पाबंदी लागु ना कि होनी चाहिए। कंपनी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल में किसी प्रकार का मुकदमा दायर नहीं होना चाहिए और एनसीटीए में कंपनी के खिलाफ वाइन्डिंग अप की याचिका दायर नहीं​ होनी चाहिए। 

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