मुंबई। कमल नंदी, बिजनैस हैड और एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट, गोदरेज एप्लायंसेस और प्रेसीडेंट - सीईएएमए के अनुसार अन्य वस्तुओं के साथ 32 इंच तक के टेलीविजन पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने के सरकार के कदम इस कैटेगरी के लिए मांग में और वृद्धि होगी।
उपभोक्ताओं की बदलती जीवन शैली और बढ़ते तापमान और प्रदूषण के कारण कंज्यूमर ड्यूरेबल्स आज हर भारतीय घर के लिए जरूरत बन गए हैं।
दुर्भाग्य से एयर कंडीशनर अब भी 28 प्रतिशत के उच्चतम टैक्स स्लैब में है, जबकि टैक्स स्लैब को कम करने से एयर कंडीशनर अधिक किफायती हो जाएंगे और बाजार में इनकी खपत बढाने में मदद मिलेगी, जो फिलहाल 4 प्रतिशत के मामूली स्तर पर है।
भारत में आज सबसे कड़े ऊर्जा दक्षता मानदंड अपनाए जा रहे हैं और इन्हें लगातार कड़ा किया जा रहा है। ऊर्जा दक्षता मानदंडों की अनुपालना करना उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है, क्योंकि इनके साथ आर एंड डी निवेश और निर्माण संबंधी सुविधाओं के उन्नयन का मामला भी जुडा है, जिसके कारण ऊर्जा कुशल एयर कंडीशनर की लागत बहुत बढ जाती है, जिसका असर आखिरकार ग्राहक पर ही पडता है। मुद्रा और कमोडिटी प्रभाव के अलावा आयात के लिए बुनियादी सीमा शुल्क में 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक की हालिया वृद्धि ने एयर कंडीशनर की कीमतों पर और असर डाला, जिसकी वजह से उत्सव के माहौल में भी उपभोक्ताओं को अपनी भावनाओं पर काबू रखना पडा।
जीएसटी दरों में संशोधन से कीमतों के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी और इस कैटेगरी के लिए मांग में बढ़ोतरी होगी, जिसमें इस साल गिरावट देखी गई थी।
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