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Monday, December 3, 2018

फोर्टिस हॉस्पिटल, जयपुर ने एचआईवी पॉजिटिव बच्चोँ के साथ मनाया विश्व एड्स दिवस


World's Aids Day celebrate with HIV positive child in Fortis Hospital Jaipur
        
जयपुर। एचआईवी एड्स से पीडित मरीजोँखासतौर से बच्चोँ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढाते हुए फोर्टिस हॉस्पिटलजयपुर ने विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया जिसमें कई कार्यक्रम व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल थीं।
हॉस्पिटल ने एचआईवी पॉजिटिव बच्चोँ के लिए रजनीकांत और अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘2.0’की स्पेशल स्क्रीनिंग आइनॉक्स क्रिस्टल पॉम में कराया।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर के ज़ोनल डायरेक्टर श्रीविवान सिंह गिल ने कहा कि, “फोर्टिस हॉस्पिटल अपनी मेडिकल सेवाओँ के विस्तार के तहत अक्सर इस तरह के संचारात्मक कार्यक्रमोँ का आयोजन करता है। इसी का परिणाम है कि अब हम एचआईवी पॉजिटिव बच्चोँ के लिए छठेँ वर्ष कैम्पकार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रमोँ का आयोजन कर रहे हैं। इस तरह के कार्यक्रम न सिर्फ प्रभावित बच्चोँ का उत्साह बढाते हैं बल्कि इस बहाने से एचआईवी/एड्स के बारे में लोगोँ के बीच जागरूकता का प्रसार करने का अवसर भी मिलता है। यह सबसे खतरनाक बीमारियोँ में से एक है जो बच्चे में उनके माता या पिता से आती है और बिना उनकी किसी गलती के ही उन्हेँ इसको जीवन भर झेलना पडता है जिसकी परिणति मौत के रूप में सामने आती है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि माता-पिताहोने वाले माता-पिता अथवा वे लोग जो पैरेंट्स बनने की योजना बना रहे हैं उन्हेँ अपने बच्चोँ के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और एचआईवी/एड्स की जांच पहले अथवा बच्चा आने की प्रक्रिया के दौरान जरूर करानी चाहिए। “ वर्ष 2012 से अब तकफोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर हर साल विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में एचआईवी पॉजिटिव बच्चोँ के लिए तमाम कार्यक्रमोँ का आयोजन किया है जिनमेँ निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर,9वीँ कक्षा अथवा इससे बडी कक्षाओँ में पढने वाले बच्चोँ के लिए मानसिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा काउंसलिंग का आयोजनफन एक्टिविटीज जैसे कि स्पोर्ट्स डेआदि आयोजित कर रहा है। हॉस्पिटल सांस्कृतिक कार्यक्रमोँ को भी प्रोत्साहित करता है और इसके तहत एक संगीतमय शाम आयोजित की गई जिसमेँ जाने-माने ग़जल और पार्श्व गायक रूप कुमार राठौर ने अपनी प्रस्तुति दीइसके अलावा पपेट मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई है और सिनेमा की स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया जा रहा है।
राज्य स्तर की एक डिजीज बर्डेन रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में राजस्थान में 15 से 39 वर्ष आयुवर्ग के करीब 12.4 लोगोँ की मौत एचआईवी/एड्स की वजह से हुई थीराजस्थान उन 8 राज्योँ में से एक है जो एमपॉवर्ड एक्शन ग्रुप (ईएजी) राज्य की श्रेणी में शामिल हैं। यद्यपि,राजस्थान में होने वाली मृत्यु दर पूरे भारत के एवरेज दर से काफी कम हैदेश भर की औसत दर है प्रति एक लाख व्यक्तियोँ पर 7 जबकि राजस्थान में यह संख्या 5 है।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटलजयपुर के कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन डॉ. प्रवीण कनौजिया कहते हैं,एचआईवी पॉजिटिव होना और एड्स से पीडित होना एक बात नहीं है। ह्युमन इम्युनो डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) इम्यून सिस्टम की कोशिकाओँ को संक्रमित करता हैजिससे उनकी क्रियाशीलता या तो नष्ट हो जाती है अथवा कम हो जाती है। इस संक्रमण के परिणामस्वरूप व्यक्ति का इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे पूरी तरह से खराब हो जाता हैजिससे उन्हेँ इम्यून डेफिशिएंसी हो जाती है। दूसरी ओरएक्वायर्ड इम्युनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) एचआईवी संक्रमण की सबसे एडवांस स्टेज होती है। रोचक बात यह है कियह जरूरी नहीं है कि हर एचआईवी पीडित व्यक्ति को एड्स हो। यह संक्रमण मुख्यतः यौन सम्बंध बनाने से फैलता है;हालांकिसंक्रमित सीरिंज भी वायरस को फैला सकते हैं। इसके अलावाएक एचआईवी पॉजिटिव माँ से भी यह बीमारी अजन्मे बच्चे तक पहुंच सकती है। ऐसे मेंयह बेहद जरूरी है कि पूरी सावधानी बरती जाए और गर्भ धारण से पहले या गर्भावस्था के दौरान एचआईवी/एड्स की जांच अवश्य कराई जाए क्योंकि एक बार अगर एचआईवी संक्रमण हो जाता है तो यह ठीक नहीं होता। ऐसे में यह सलाह दी जाती है कि यौन सम्बंध बनाते समय हमेशा कॉन्डम का इस्तेमाल करेँ और इलाज कराने में शर्माएँ नहीँ।“ 
एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) लेकर एक एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी स्वस्थ्य और लम्बा जीवन जी सकता हैजो कि बेहद प्रभावी है और हर किसी के लिए उपलब्ध भी है। जल्द जांच होने से एचआईवी का इलाज जल्द शुरू करने में सहायता मिलती है जिससे बीमारी को आगे बढने से रोकना और मरीज को अधिक स्वस्थ्य व लम्बी आयु मिलना सम्भव होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्युएचओ) के अनुसारवर्ष 2017 में एचआईवी पीडित 52% बच्चोँ को लाइफलॉन्ग एंटीरेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) मिल रहा था। हालांकिआज भी एचआईवी/एड्स से लडने में जो सबसे बडी चुनौती है,वह है जागरूकता और जांच को लेकर शीघ्रता में कमी। यूएनएड्स के अनुमान के अनुसारदुनिया भर में करीब 9.4 मिलियन लोगोँ को यह मालूम ही नहीं है कि वे एचआईवी पॉजिटिव हैं। इस सालविश्व एड्स दिवस की थीम है “नो योर स्टेटस” यानि अपनी स्थिति के बारे में जानेँ। यह दिवस हर साल एक दिसम्बर को मनाया जाता है। इस बार की थीम के अनुसार लोगोँ को प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपनी स्थिति से अवगत होकर बीमारी से लडें।

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