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Friday, March 29, 2019

अदाणी 200 एमएमटी कार्गो मूवमेंट दर्ज करने वाला पहला भारतीय पोर्ट ऑपरेटर बना






अहमदाबाद. गुरूवार 21 मार्च को भारत के पूर्वी एवं पश्चिमी समुद्री तटों के साथ 9 अलग-अलग बंदरगाहों से लगभग दो दर्जन मर्चेंट वेसेल्‍स के गुजरने के साथ यह एक सामान्‍य व्‍यावसायिक दिन था।

लेकिन उस दिन काम कर रहे हजारों लोगों को शायद ही इस बात का अंदाजा था कि वे इतिहास लिख रहे थे। यह वह दिन था, जब भारत की सबसे बड़ी निजी बंदरगाह परिचालक अदाणी पोर्ट्स एंड स्‍पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड), जो इन बंदरगाहों का परिचालन करती है, ने200 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) से अधिक का कार्गो मूवमेंट रिकॉर्ड किया। अदाणी इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पहली भारतीय बंदरगाह परिचालक बन गई है। य‍ह सफर आसान नहीं रहा है। कंपनी को अपने कर्मचारियों के चरित्र और दृढ़ विश्‍वास को मजबूत बनाने के लिये कई चुनौतियों से होकर गुजरना पड़ा है।

अदाणी पोर्ट्स ने 2001 में अपना सफर शुरू किया था, जब किसी ने पोर्ट सेक्‍टर में प्राइवेट कंपनियों को कदम रखने के बारे में सुना तक नहीं था। इसकी मांग तकनीकी और वित्‍तीय दोनों ही स्‍तर पर बहुत ज्‍यादा थी। अपने मजबूत दृढ़ विश्‍वास से प्रेरित होकर एपीएसईजेड ने एक बड़ी छलांग लगाई और एक अनजाने क्षेत्र में कदम रखा। दो दशक के समय में ही,एपीएसईजेड दुनिया में एक सबसे बड़ी बंदरगाह परिचालक बन गई है।

एपीएसईजेड के चीफ एक्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर करण अदाणी ने कहा, ''हमने सोचा था कि वर्ष 2020 तक हम इस उपलब्धि को हासिल कर लेंगे, लेकिन तकनीक-अभिप्रेरित परिचालनीय दक्षता और परिसंपत्तियों का बेहतर तरीके से इस्‍तेमाल करने की वजह से हमने समय से पहले ही यह उपलब्धि हासिल कर ली। हमारे अग्रणी बंदरगाहों जैसे कि धामरा और मूंदड़ा में क्षमता को बढ़ाने और साथ ही एन्‍नोर एवं कट्टुपल्‍ली जैसी नई इकाईयों के साथ दूर-दराज के क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति का दायरा बढ़ाने से इस सफर में काफी मदद मिली है।'' उन्‍होंने आगे कहा कि एक एकीकृत लॉजिस्टिक कंपनी के रूप में वैल्‍यू को शामिल करने पर फोकस और कोयले की कोस्‍टल शिपिंग से इस प्रक्रिया को बढ़ावा मिला है।

इसकी शुरूआत मूंदड़ा पोर्ट के साथ हुई थी, लेकिन बाद में इसके पोर्टफोलियो में और भी बंदरगाहों को शामिल किया गया। हजिरा, धामरा, दाहेज पर नॉन-मेजर पोर्ट्स को विकसित किया गया और कट्टुपल्‍ली में नया बंदरगाह बनाया गया। एन्‍नोर,कांडला, गोवा और विजाग में 2005 से लेकर 2018 तक देश के प्रमुख बंदरगाहों में टर्मिनल्‍स विकसित किये गये। मूंदड़ा पोर्ट सबसे महत्‍वपूर्ण बंदरगाह बना हुआ है, लेकिन 200 एमएमटी कार्गो को प्रबंधित करना किसी अकेले बंदरगाह के वश की बात नहीं थी। उत्‍तरी एवं पश्चिमी इलाकों से रेल/सड़क की निकटता एवं सम्‍पर्कशीलता, अत्‍याधुनिक बंदरगाह आधारभूत संरचना एवं उपकरण, जहाजों के लिये जीरो वेटिंग टाइम, प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना और प्रतिस्‍पर्धी कीमतों से अदाणी पोर्ट्स की इस जबरदस्‍त वृद्धि में योगदान मिला है।

यह उपलब्धि सिर्फ कार्गो की संख्‍या के नजरिये से ही महत्‍वपूर्ण नहीं रही है, बल्कि यह वृद्धि दक्षता, स्‍थायित्‍वपूर्णता, तकनीक और उच्‍च दक्षता की पेशकश करने के अन्‍य साधनों पर फोकस के साथ अहम भी रही है। बंदरगाह में और उसके आस-पास की स्‍थायित्‍वपूर्ण पहलों से समुदायों का उत्‍थान हुआ है और पोर्ट के आस-पास एक संतुलित इकोसिस्‍टम विकसित हुआ है। सुरक्षा एवं स्‍थायित्‍वपूर्णता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के माध्‍यम से एपीएसईजेडएल ने ईआरटीजी के विकास जैसी पहलें की हैं,जिसके बारे में भारत में अभी तक सुना नहीं गया था।

 करण अदाणी ने कहा, ''यह उपलब्धि भारत के आर्थिक रूपांतरण में पोर्ट सेक्‍टर्स के व्‍यापक योगदान को भी दर्शाता है। देश के कारोबार (वॉल्‍यूम द्वारा) का 90% समुद्र पर निर्भर करता है और ऐसे में यह उपलब्धि राष्‍ट्र-निर्माण की दिशा में हमारे प्रयासों का एक अन्‍य संकेतक है।'' उन्‍होंने आगे कहा कि कंपनी ने कुल मिलाकर एक लाख नौकरियां उत्‍पन्‍न की हैं, 25हजार से अधिक लोगों को शिक्षित किया है और 2 लाख से ज्‍यादा लोगों की जिंदगियां बदली हैं।

एपीएसईजेड ने भविष्‍य के लिये वर्ष 2015 तक वृद्धि को दोगुना करने के उद्देश्‍य के साथ ऊंचा लक्ष्‍य निर्धारित किया है। पारंपरिक व्‍यावसायिक प्रक्रियाओं को नये जमाने की डिजिटल तकनीकों के साथ एकीकृत करने के लिये तकनीक अभिप्रेरित नवाचारों को देखते हुये यह लक्ष्‍य मुश्किल नजर नहीं आ रहा है। फ्लीट एंड फ्यूल मैनेजमेंट, एसेट मॉनिटरिंग, प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण, मोबिलिटी, ऑपरेशनल इंटेलीजेंस और एप्‍लीकेशन्‍स के परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग के साथ एक साल पहले शुरू हुये सफर के फायदे मिलने भी शुरू हो गये हैं।
  करण अदाणी ने आगे कहा''निकट भविष्‍य में हमारा फोकस टर्नअराउंड टाइम को कम करने, संसाधनों को बढ़ाये बिना वॉल्‍यूम को बढ़ाने और अनुपयोगी यात्राओं को समाप्‍त कर इन-ट्रांजिट विजिबिलिटी के उपयोग में वृद्धि और अन्‍य लाभों पर रहेगा। डील की सबसे प्‍यारी बात हमारे ग्राहकों के लिये है, जिन्‍हें अपने लोकेशन्‍स पर बैठे हुये ही अपने परिचालनों की स्थिति का पता चल जायेगा।'' 

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