आईडीबीआई बैंक नये रूप में - Karobar Today

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Wednesday, March 13, 2019

आईडीबीआई बैंक नये रूप में





IDBI Bank on a Turn Around Path



मुंबई। आईडीबीआई बैंक और इसके महत्वपूर्ण शेयरधारक, भारतीय जीवन बीमा निगम अपनी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए भारतीय बैंकिंग जगत में ‘अपने तरह के अनूठे’ वित्तीय समूह का निर्माण करेंगे। आईडीबीआई बैंक आवश्यक बिजनेस एनेब्लर्स की मदद ले रहा है, ताकि अपने सभी ग्राहकों के लिए एक ही जगह बैंकिंग एवं बीमा सेवाएं उपलब्ध करा सके। इन रणनीतिक पहलों से परिचालन और वित्त बेहतर हो सकेगा, जिससे भारतीय जीवन बीमा निगम और भारत सरकार सहित इसके सभी शेयरधारकों की संपत्ति महत्तम हो सकेगी।

बैंक, अपने बोर्ड को प्रोफेशनल बनाने और इसके आधार का विस्तार करने की दिशा में काम कर रहा है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन को बैंक का गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया है। बैंक, अपने वर्तमान प्रबंध निदेशक, श्री राकेश शर्मा को आगामी तीन वर्षों तक आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्ति पर विचार कर रहा है। साथ ही, बैंक पहले ही बोर्ड में दो नये विख्यात प्रोफेशनल स्वतंत्र निदेशक (इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर और भारतीय रिजर्व बैंक के सेवानिवृत्त कार्यकारी निदेशक) शामिल कर चुका है। नये बोर्ड को बैंक के लिए नई विकास रणनीति तैयार करने और कॉर्पोरेट गवर्नेंस संरचना को नया रूप देने की जिम्मेवारी सौंपी जायेगी, ताकि सर्वोत्तम कोटि की व्यावसायिक पद्धतियां सुनिश्चित की जा सके। बैंक ने कंसल्टेंट्स की मदद से अपनी सभी नीतियों की समीक्षा भी शुरू कर दी है, जैसे-ऋण, निवेश और इसकी आंतरिक प्रक्रियाएं, जोखिम प्रबंधन विधियां आदि। बैंक ने दो नये उप-प्रबंध निदेशकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी पहले ही शुरू कर दी है, जो बाजार से खुली प्रतिक्रिया के जरिए होगी।

बैंक के कर्मचारियों के लिए भारी अवसर उभरकर आयेंगे, चूंकि यह बैंक कारोबारी वृद्धि के जरिए अपने फाइनेंशियल्स को मजबूत कर रहा है। आगे, बैंक ने अपने परफॉर्मेंस मेजरमेंट सिस्टम (पीएमएस) - आईडीबीआई परफॉर्मेंस एसेसमेंट ऐंड कंटिनिअस इवेल्यूएशन (आई-पेस) को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है, ताकि इसे अधिक उद्देश्यपूर्ण और सिस्टम-आधारित बनाया जा सके।
आईडीबीआई बैंक और एलआईसी अपनी शाखाओं, कार्यालयों एवं कार्यबल के सामूहिक नेटवर्क के जरिए ने अपने म्युचुअल बिजनेस सहक्रियाओं का प्रभावी तरीके से उपयोग करना शुरू कर दिया है। आसन्न दीर्घ काल के लिए चिन्हित सहक्रिया के प्रमुख क्षेत्र आईडीबीआई बैंक की शाखाओं के जरिए एलआईसी पॉलिसीज की बिक्री, नकद प्रबंधन और बैंक की शाखाओं के जरिए एलआईसी के अन्य प्रीमियम रिसिप्ट्स के लिए है। बैंक और एलआईसी के डिजिटल समाधान एलआईसी के पॉलिसीधारकों और आईडीबीआई के ग्राहकों दोनों के लिए ही उपलब्ध है। इस हेतु, बैंक के बोर्ड ने बैंकेश्योरेंस के तहत कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में एलआईसी की नियुक्ति को स्वीकृति दे दी है।
दीर्घकालिक रणनीति में सामान्य निवेश रणनीति, रियल इस्टेट, कॉमर्शियल एवं आवासीय क्षेत्र में अन्य संसाधनों, आईडीबीआई बैंक की शाखाओं, परिसर एवं एटीएम, डिजिटल मार्केटिंग, म्युचुअल फंड्स में सामान्य अनुषंगियों का तार्किकीकरण, जीवन बीमा आदि का उपयोग शामिल है।
इस रणनीतिक गठबंधन के साथ, बैंक को भारी लाभ पहुंचने वाला है, चूंकि इससे इसका रिटेल बिजनेस बढ़ सकेगा, जिससे इसके बिजनेस पोर्टफोलियो को जोखिम कम हो सकेगा और अन्य आय/परिचालन लाभ, एनआईएम और कासा में महत्वपूर्ण वृद्धि सुनिश्चित हो सकेगी। 31 दिसंबर 2018 को, बैंक पहले ही कासा अनुपात में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज करा दी है, जो बढ़कर 38 प्रतिशत हो गया है। ,
इन कारोबारी सहक्रियाओं से पैदा होने वाली पूर्ण क्षमताओं के उपयोग हेतु, संयुक्त टास्क फोर्स बनाया जा चुका है, जिसके चेयरमैन आईडीबीआई बैंक एवं एलआईसी का वरिष्ठ प्रबंधन है, ताकि बैंक और संबद्ध कंपनियों दोनों के लिए भावी योजना बनाई जा सके। इसके अलावा, सहक्रिया के लिए चिन्हित पहलों को आगे बढ़ाने और प्रबंधन स्तर लिये गये निर्णयों को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने हेतु वर्किंग ग्रुप बनाया गया है।
एलआईसी और आईडीबीआई बैंक सभी शेयरधारकों के हित की पूर्ति के लिए वचनबद्ध रहा है।



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