मुंबई. महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन (एमईआरसी) ने भारत की सबसे बड़ी एकीकृत पावर कंपनी टाटा पावर के डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस को इसकी उत्पादन इकाई के साथ एक पावर पर्चेज अरेंजमेंट (पीपीए) करने की अनुमति दे दी है। इसके पीपीए के अंतर्गत 1अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक पांच सालों की अवधि के लिये टाटा पावर के ट्रॉम्बे थर्मल एवं हाइड्रो प्लांट्स से 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जायेगी।
मुंबई में टाटा के ग्राहकों के लिये भरोसेमंद एवं लागत प्रभावी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये यथोचित् परिश्रम के बाद माननीय कमिश्नर ने 26 मार्च 2019 को अपने आदेश में अरेंजमेंट को स्वीकृत किया था।
टाटा पावर के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीर सिन्हा ने कहा, ''टाटा पावर द्वारा लगभग एक शताब्दी से मुंबई शहर को बिजली की आपूर्ति की जा रही है। कंपनी अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिये सर्वाधिक भरोसेमंद एवं प्रतिस्पर्धी कीमतों में बिजली की आपूर्ति जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध है।''
इससे पहले जनवरी 2019 में, माननीय कमिश्नर ने 677 मेगावाट की आपूर्ति करने के लिये बीईएसटी के साथ टाटा पावर की पावर पर्चेज एग्रीमेंट (पीपीए) पर मुहर लगाई थी।
विद्युत गठबंधन की प्रक्रिया पांच सालों की अवधि के लिये इसके ग्राहकों के लिये डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस द्वारा ली गई थी, जिसका शुरूआत 1 अप्रैल 2019 से हो रही है। मौजूदा विद्युत साझेदारी 31 मार्च 2019 को समाप्त हो रही है।
इससे मुंबई के ग्राहकों को सस्ती बिजली मिलना सुनिश्चित होगा और साथ ही सस्ती हाइड्रो पीकिंग पावर का लाभ भी मिलेगा। यह टाटा पावर थर्मल एवं हाइड्रो जेनरेशन स्टेशन्स से मुंबई के ग्राहकों के लिये निरंतर भरोसेमंद विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
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