नई दिल्ली। भारत के पहले सेक्टर कौशल परिषद ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेन्ट काउन्सिल ने नई दिल्ली में एएसडीसी पार्टनर्स फोरम 2019 का आयोजन किया। गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रोग्राम के माध्यम से उचित मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण के द्वारा चर्चा, ज्ञान साझा करने के अवसर प्रदान करना इस फोरम का मुख्य उद्देश्य था।
एक दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कौशल उद्योग के मौजूदा परिवेश, इस सेक्टर में मौजूद सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं, चुनौतियांें एवं इनके प्रासंगिक समाधानों पर चर्चा की गई। प्रवक्ताओं ने एएसडीसी एवं टीसीएस आईओएन के बीच साझेदारी पर रोशनी डाली, डिजिटल रूपान्तरण के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान करना इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य है। पांच प्रमुख क्षेत्रों में डिजिटलीकरण अपनी जगह बना रहा है- आधुनिक एएसडीसी कौशल प्रणाली, ऑटोमोटिव प्रणाली में कार्यबल का कौशल, जिसे टीसीएस आईओएन डिजिटल लर्निंग द्वारा सक्षम बनाया जाएगा, डिजिटलीकृत ऑटोमोटिव कौशल मूल्यांकन प्रक्रिया, टीसीएस आईओएन सर्ट-एन-ऐज के साथ डिजिटलीकृत ड्राइविंग मूल्यांकन तथा नौकरियों के लिए लिस्टिंग पोर्टल। डिजिटलीकरण की पूरी प्रक्रिया दूर-दराज के इलाकों के उम्मीदवारों की कौशल क्षमता को भी बढ़ाएगी, इससे सूचीबद्ध जॉब पोर्टल्स पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा उम्मीदवारों को ऑनलाईन माध्यमों से प्रशिक्षण एवं कौशल दिया जा सकेगा। इस तरह का डिजिटल रूपान्तरण पार्ट बी में हेरफेर में 100 फीसदी उन्मूलन को सुनिश्चित करेगा, इसके अलावा मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण प्रणाली को सुरक्षित एवं पारदर्शी बनाएगा तथा प्रशिक्षण साझेदारों को पाठ्यक्रम की मानकीकृत सामग्री एवं इसका समग्र दृष्टिकोण उपलब्ध कराएगा।
एक सत्र में, सबसे बड़ी पेशेवर सर्विस फर्मों में से एक ई एण्ड वाय ने ऑटोमोटिव कौशल अध्ययन में मौजूद खामियों पर रोशनी डाली। प्रवक्ता ने इस अंतराल का दूर करने के लिए ई एण्ड वाय द्वारा प्रक्रिया में किए गए बदलावों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
फोरम में हिस्सा लेने वाले उपस्थितगणों में एएसडीसी के प्रशिक्षण साझेदार- ऑटोमोबाइल ओईएम, ऑटोमोटिव कंपोनेन्ट निर्माता तथा व्यक्तिगत प्रशिक्षण साझेदार शामिल थे। कार्यक्रम केे दौरान एक पैनल चर्चा का आयोजन भी किया गया, जिसमें साझेदारों ने एएसडीसी प्रमाणित उम्मीदवारों से अपनी उम्मीदों को साझा किया।
कार्यक्रम का समापन करते हुए निकुंज संघी, चेयरमैन, एएसडीसी ने कहा, ‘‘मैं इस फोरम में हिस्सा लेने वाले हर साझेदार के प्रति आभारी हूँ, जिन्होंने ऑटोमोबाइल उद्योग में कौशल से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। हमारे लिए ज़रूरी है कि हम भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के परिवेश में सक्रिय बदलाव लाएं, जहां कौशल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमें उद्योग जगत के मानकों के अनुरूप कौशल पर विशेष ध्यान देना होगा। किंतु यह तभी संभव है जब पूरी प्रक्रिया में संशोधन किया जाए और सफल मेंटर्स के नेतृत्व में इसे अंजाम दिया जाए। ऐसा करके ही हम युवा पेशेवरों को उद्योग जगत की चुनौतियों एवं ज़रूरतों के लिए तैयार कर सकते हैं।’’
No comments:
Post a Comment