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Saturday, June 22, 2019

व्‍यापार लागत में कटौती से भारत एवं लैटिन अमरीका के बीच व्‍यापार बढ़ सकता है 16 बिलियन यू एस डॉलर से ज्यादा


Reduction in trade cost can increase trade between India and LAC by more than US$ 16 billion: Exim Bank of India and Inter-American Development Bank's joint study

भारतीय एक्‍ज़ि‍‍म बैंक एवं इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक का संयुक्‍त अध्‍ययन

मुंबई। फिक्‍की तथा आई डी बी द्वारा नई दिल्‍ली, भारत में ''भारत-लैक व्‍यापार एवं निवेश'' पर एक उद्योग परिचर्चा सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार के दौरान भारतीय निर्यात-आयात बैंक तथा इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक द्वारा मिलकर किए गए शोध अध्‍ययन ''भारत तथा लैटिन अमेरिका के बीच संबंध- सुदृढ़ आर्थिक सहयोग के लिए नीति विकल्‍प'' का विमोचन जी.वी. श्रीनिवास, संयुक्‍त सचिव (लैक), भारत सरकार, विदेश मंत्रालय; जेम्‍स स्‍क्रि‍वेन, सीईओ ऑफ आई डी बी इन्‍वेस्‍ट; तथा देबाशिस मल्लिक, उप प्रबंध निदेशक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक द्वारा किया गया। इस अवसर पर फिक्‍की के वरि‍ष्‍ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

यह अध्‍ययन भारत और लैक क्षेत्र दोनों के लिए व्‍यापार, निवेश और पारस्‍परिक सहयोग क्षेत्रों में मौजूद असीमित अवसरों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। इसमें यह रेखांकिया किया गया है कि क्षेत्रों के बीच वर्तमान द्विपक्षीय व्‍यापार, जिसमें पिछले कुछ दशकों में बीस गुना वृद्धि हुई है और जो 2018 में लगभग 40 बिलियन यू एस डॉलर तक पहुंच चुका है, केवल कुछ उत्‍पादों एवं कुछ देशों में ही केंद्रित है।     

अध्‍ययन में उल्‍लेख कि‍या गया है कि लैक क्षेत्र और भारत के बीच वस्‍तुओं की व्‍यापार लागत एक बाधा है जिसे आर्थिक संबंधों और व्‍यापार लाभ को बढ़ाने के लिए कम करने की जरूरत है। व्‍यापार लागत टैरिफ, गैर-टैरिफ बाधाओं (एन टी बी) और परिवहन और लॉजिस्टिक सहित अक्षमताओं से प्रेरित है। यह अनुमान है कि मध्‍यम अवधि में व्‍यापार लागत में कमी के साथ भारत को लैक क्षेत्र का नि‍र्यात 42 प्रतिशत बढ़ सकता है, जबकि लैक क्षेत्र को भारतीय निर्यात 46 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वर्तमान मूल्‍य के संदर्भ में इसका मतलब है कि लैक द्वारा 7.6 बिलियन यू एस डॉलर और भारत द्वारा 8.6 बिलियन यू एस डॉलर के नि‍र्यात में वृद्धि हो सकती है।   

अध्‍ययन में बताया गया है कि मशीनरी और यांत्रि‍क उपकरणों, विद्युत मशीनरी और उपकरण, प्लास्टिक और इससे बने सामान, परिवहन वाहन, दवा उत्‍पाद आदि जैसे महत्‍वपूर्ण उत्‍पादों में भारतीय निर्यातकों के लिए काफी अवसर हैं। ये उत्‍पाद लैक क्षेत्र में अपनी उच्‍च आयात मांग के कारण भारत के लिए अवसर प्रदान करती हैं।  

व्‍यापार और निवेश करारों का दायरा बढ़ाना, कारोबार सुगमता उपायों में वृद्धि, सक्रिय और लक्षित व्‍यापार संवर्द्धन गतिविधियों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा देना और लॉजिस्टिक क्षेत्र में सुधारों को बढ़ावा देना आदि कुछ प्रमुख सुझाव भारत और लैक के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार संबंधों को बेहतर बनाने के लिए नीतिगत सुझावों के रूप में चिह्नित किए गए हैं।  

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