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Wednesday, July 31, 2019

‘‘प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन राजस्थान‘‘ के सहयोग से प्लेक्सकॉन्सिल ने किया ‘‘निर्यात जागरूकता सेमिनार‘‘ का आयोजन




PLEXCONCIL in association with "Plastic Manufacturers Association Rajasthan" organized an "Export Awareness Seminar"





जयपुर। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद (प्लेक्सकॉन्सिल) ने शनिवार को जयपुर में प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन राजस्थान (पीएमएआर) के सहयोग से ‘‘निर्यात जागरूकता सेमिनार‘‘ का आयोजन किया। इस सेमिनार का मकसद राजस्थान से प्लास्टिक निर्यात को बढ़ावा देना था। संयुक्त महानिदेशक, विदेश व्यापार, जयपुर,  सी.के. मिश्रा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर प्लेक्सकॉन्सिल के रीजनल चेयरमैन  विक्रम भदौरिया, पीएमएआर के प्रेसीडेंट  सुमेर सिंह, प्लेक्सकॉन्सिल के बोर्ड मेंबर और पूर्व चेयरमैन  मनोज अग्रवाल और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, डीजीएफटी और ईसीजीसी लिमिटेड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इस सेमिनार का उद्देश्य राजस्थान में उत्पादित प्लास्टिक वस्तुओं के निर्यात पर विशेष जोर देने के साथ प्लास्टिक उद्योग की निर्यात क्षमता को उजागर करना और इस पर विस्तार से चर्चा करना था।

सेमिनार में वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और ईसीजीसी लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न नीतियों और योजनाओं पर रोशनी डाली गई।

प्लेक्सकॉन्सिल ने जयपुर और इसके आसपास उत्पादित प्लास्टिक वस्तुओं के निर्यात के लिए प्रमुख बाजारों की चर्चा करते हुए निर्यात के लिए वित्तीय सहायता और जयपुर में प्लास्टिक प्रोसेसर को निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिहाज से बुनियादी मार्गदर्शन देने की जरूरत बताई। प्लेक्सकॉन्सिल द्वारा विदेशों में आयोजित विभिन्न व्यापार मेलों के बारे में भी सेमिनार मंे जानकारी दी गई और साथ ही यह भी बताया गया कि मुंबई में होने वाली कैपइंडिया-2019 प्रदर्शनी के दौरान क्रेता-विक्रेता बैठक में काउंसिल द्वारा 35 से अधिक देशों से विदेशी खरीदारों को आमंत्रित किया जाएगा।

इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में प्लेक्सकॉन्सिल के रीजनल चेयरमैन विक्रम भदौरिया ने एक चुनौती भरे आर्थिक माहौल में निर्यात के महत्व पर जोर देते हुए सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए जा रहे विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों के तहत वैश्वीकरण और आयात कर्तव्यों में कमी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक अपना अस्तित्व कायम रखने के लिए संगठनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्लास्टिक के सामान के लिए निर्यात के बहुत अवसर हैं। प्लास्टिक का कुल वैश्विक आयात 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास है और इसमें हमारा हिस्सा 1 फीसदी से थोड़ा अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष देश से कुल
10.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्लास्टिक निर्यात किया गया। उन्होंने उपस्थित सभी प्लास्टिक प्रोसेसरों से आग्रह किया कि वे इस विशाल अवसर को लपकें और इस दिशा में उनकी सहायता के लिए प्लेक्सकॉन्सिल हर कदम पर उनके साथ है।

प्लेक्सकॉन्सिल के बोर्ड मेंबर और पूर्व चेयरमैन  मनोज अग्रवाल ने निर्यात में कामयाबी हासिल करने के लिए जरूरी बातों के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी। उन्होंने अपने स्वयं के संगठन के अनुभव की चर्चा करते हुए जानकारी दी कि अतिरिक्त अधिशेष उत्पादन का निर्यात करने की बजाय सीधे-सीधे निर्यात पर फोकस करने से किस तरह उनका संगठन पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है। उन्होंने बताया कि एफआईबीसी सेक्टर, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, किस तरह पहले अपने उत्पादन का निर्यात करने का प्रयास करता है और इसके बाद घरेलू बाजार की तरफ निगाह डालता है। उनके अनुसार निर्यात में कामयाबी के लिहाज से यह रणनीति बहुत सफल रही। उन्होंने कहा कि हमें वास्तव में अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा और निर्यात को अपनी प्रमुख गतिविधि के रूप में देखना होगा।

संयुक्त महानिदेशक, विदेश व्यापार, जयपुर, श्री सी.के. मिश्रा ने सरकार की एडवांस ऑथोराइजेशन स्कीम और एक्सपोर्ट प्रमोशन केपिटल गुड्स स्कीम (ईपीसीजी) पर प्रकाश डाला, जिसके तहत निर्यात उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल और पूंजीगत वस्तुओं को शुल्क मुक्त आधार पर आयात किया जा सकता है।

प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन राजस्थान के अध्यक्ष  सुमेर सिंह ने राजस्थान में प्लास्टिक उद्योग के सामने मौजूद कुछ मुद्दों पर प्रकाश डाला, साथ ही उन्होंने अपने एसोसिएशन के सदस्यों से निर्यात में प्रवेश करने पर गंभीरता से विचार करने और इस संबंध में प्लेक्सकॉन्सिल से मार्गदर्शन लेने का आग्रह किया।

स्ेमिनार में खरीदार द्वारा भुगतान में डिफॉल्ट करने के दौरान निर्यातक को बचाने के लिए ईसीजीसी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर भी प्रकाश डाला गया।


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