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Wednesday, August 28, 2019

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कर्नाटक के और भी गांवों में पीने का साफ व सुरक्षित पानी पेश किया







Toyota kirloskar motors provide clean water facility in the the rural village of karnatak

मगडी, अगस्त 2019 – स्थानीय समुदाय में स्वास्थ्य, सैनिटेशन, हाईजीन (स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक साफ-सफाई) में वृद्धि करने के अपने मिशन के तहत स्थायी प्रतिबद्धता के क्रम में, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने आज समुदाय आधारित जल शुद्धिकरण इकाइयों का उद्घाटन किया। ये इकाइयां मगदी क्षेत्र के सिदगनहल्ली, बायचपुरा, होसाहल्ली, शंभूदेवनाहल्ली और थिम्मासंद्रा में हैं। इन्हें मिलाकर ऐसी इकाइयों की कुल सख्या 37 हो गई है।

इसे मिलाकर, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने 2012 से अब तक कुल 37 जल इकाइयों की स्थापना की है। [इनमें एक वाराणसी में, एक वैशाली में और बाकी बैंगलोर, मंड्या तथा रामनगर जिले में फैले हुए हैं] जो कुल मिलाकर करीब 2,38,000 लाभार्थियों की सेवा करते हैं। 

नई स्थापित इकाई की क्षमता 1,000 लीटर पानी प्रति घंटा है और इसके साथ न्यूनतम छह चरणों की शुद्धिकरण प्रक्रिया है। इस तरह, हर दिन यह करीब 5,000 से 6,000 लीटर पानी की सप्लाई करती है। अब तक की पहली और उन्नत खासियत के साथ – जल गुणवत्ता मानक और खपत आंकड़ा प्रदर्शन के साथ ग्राहक जहां हो वहीं से यह अनुमान आसानी से लगा सकता है कि पानी के फिल्टर होने के गुणवत्ता मानक क्या हैं [टीडीएस, पीएच आदि] और इसके लिए उसे मौके पर जाने की जरूरत भी नहीं है और समाज के लोगों कोउच्च स्तर का शुद्द जल मुहैया होता रहेगा। इसके अलावा, उन्नत ऐप्प आधारित फिल्टरेशन सिस्टम दैनिक आधार पर पानी की खपत का आंकड़ा देगा और यह सुनिश्चित होगा कि प्रभावित लोगों तक साफ पानी पहुंच रहा है। 

इसके अलावा, स्थापित इकाई सौर प्रणाली, पावर बैक अप, अपशिष्ट जल प्रबंध से युक्त होती है। इस प्रक्रिया में तैयार होने वाला अपशिष्ट जल एक रीचार्ज सोक पिट में डिस्चार्ज होगा और इससे पहले अपशिष्ट जल गुणवत्ता मानक अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस तरह, यह सुनिश्चित होगा कि अपशिष्ट जल में ऐसा कुछ न हो जिससे एक्वीफायर की कार्यकुशलता से रीचार्ज करने में कोई परेशानी हो। इस पहल की खासियत यह है कि पानी शुद्ध करने वाली इकाई ऐसी जगह लगाई गई है और लगाने का आकलन किया गया है जहां घरेलू काम के लिए ऐसी इकाई लगाने का कार्य कोई नहीं करता है। पर साथ ही यह हेस्थ केयर सेंटर में बीमार मरीजों के लिए भी खासतौर से काम आता है जिसकी पानी की आवश्यकता सामान्य से ज्यादा होगी। यह पानी चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए खास होता है ताकि मरीज स्वस्थ हो और आगे उसे जल जनित बीमारियों से सुरक्षा मिले।     

उन्नत टेक्नालॉजी “निगेटिव आयॉन वाटर” जल इकाई के पास स्थित डिसपेंसर अस्पताल की खास आवश्यकताओं की पूर्ति करता है और मुख्य रूप से उन मरीजों को फायदा पहुंचाता है जिन्हें शरीर की एसिडिटी को न्यूट्रलाइज करने के लिए अलकलाइन जल की आवश्यकता होती है। इस तरह, स्वस्थ रीकवरी के लिए आवश्यक शरीर के लिए महत्वपूर्ण खनिज को फिर से बहाल करने में मदद करता है। पानी में इस तरह के मिनरल रिजर्व शरीर के प्रतिरक्षण को मजबूत करते हैं और बीमारियों को रोकते हैं। यही नहीं, अस्पताल में पानी की खपत की लागत न्यूनतम हो जाएगी जबकि अभी तक ये पानी बहुत महंगी कीमत पर खरीद रहे थे और औसतन यह करीब 150 रुपए से लेकर 300 रुपए प्रति लीटर पड़ती थी। अब ऐसा पानी टोयोटा की लगाई पानी साफ करने की इकाई से प्राप्त हो सकती है और इसकी लागत सिर्फ एक रुपए प्रति लीटर बैठेगी। यह अस्पताल द्वारा ऐसे मानक वाले पानी पर किए जाने वाले खर्च का सिर्फ 2% है। टोयोटा ने पानी की आवश्यक मात्रा और गुणवत्ता को किफायती बनाने में प्रभावी ढंग से कामयाब रही है और इसके लिए दूसरे विक्रेताओं से प्राप्त किए जाने वाले पानी की कुल कीमत को 98% तक कम करने में योगदान किया है। 

इस पहल पर अपने विचार बताते हुए मगडी चुनाव क्षेत्र के विधायक ए मंजूनाथ ने कहा, “समाज के लिए अच्छा स्वास्थ्य और संपन्नता सुनिश्चित करने में पीने के साफ और सुरक्षित पानी तथा सैनिटेशन तक पहुंच की अहम भूमिका होती है। हमें खुशी है कि टोयोटा किर्लोस्कर मोटर जैसे जिम्मेदार कॉरपोरेट संगठन ग्रामीण समाज में सुरक्षित और किफायती पेय जल की जटिल आवश्यकता की पूर्ति सक्रियता से कर रहे हैं। स्थायी परियोजनाएं मुहैया कराने में कंपनियों से इस तरह की समर्पित सहायता से साफ पानी की नियमित आपूर्ति की आवश्यकता पूरी होगी और जलजनित बीमारियां खत्म भी होंगी।”

नई इकाइयां पेश किए जाने पर टिप्पणी करते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस प्रेसिडेंट नवीन सोनी ने कहा, “भारत में सुरक्षित और किफायती पेयजल तक उपयुक्त पहुंच भारत में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है खासकर अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में। भारी प्रदूषण, सीवर के अपशिष्ट की डंपिंग और नदियों में गंदगी डालने – बहाने से पानी के स्रोत उपयोग के लिहाज से अनुपयुक्त हो गए हैं। खराब हाईजीन और असुरक्षित पानी दुनिया भर में डायरिया से होने वाली मौतों में 90 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं। यह एक वास्तविक चुनौती है और टोयोटा एक जिम्मेदार कॉरपोरेट होने के नाते कोशिश कर रहा है कि पीने के सुरक्षित और किफायती पानी की आवश्यकता पूरी करे और इसके लिए भिन्न क्षेत्रों में वाटर डिसपेंसिंग इकाइयां लगाई जा रही हैं। इसका मकसद समाज के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और हाईजीन मुहैया कराना है। 

पीने का सुरक्षित पानी मुहैया कराने की हमारी हेल्थ और हाईजीन परियोजनाओं के अलावा, हमलोगों ने इस खास पहल के जरिए अपने हस्तक्षेप को बेहतर किया है और इसके लिए समाज की संभावित आवश्यकताओं का सावधानी से आकलन किया है और यह पानी की अपेक्षित मात्रा तथा गुणवत्ता के संबंध में है ताकि ऐसी स्थापित इकाइयों की पसंद के जरिए खपत की भिन्न शैली की पूर्ति हो सके और इसमें घरेलू उपयोग से लेकर मेडिकल सेंटर तक हर तरह की आवश्यकता शामिल है। टोयोटा में हमारा लक्ष्य इन भिन्न एकीकृत और स्थायी रुख के जरिए अपने सामाजिक योगदान की अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करना है ताकि अंतर लाया जा सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना संभव हो।”

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने पूर्व में पानी शुद्ध करने वाली इकाइयां बायरामंगला, रमनाहल्ली, बिडाडी, मनचनयाकना हल्ली और हरोहल्ली ग्राम पंचायत में लगाए हैं जो बिडाडी क्षेत्र में है। इसके अलावा बिडाडी और वैशाली में भी एक-एक इकाई लगाई गई है ताकि गांवों की पीने की पानी की आवश्यकता पूरी हो सके। 

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