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Thursday, October 24, 2019

चीन की 996 संस्कृति देश में भी लोकप्रिय- गोदरेज इंटीरियो ‘मेक स्पेस फॉर लाइफ’ सर्वे



Godrej Interio :: China's 996 culture catching up in India, reveals Godrej Interio's 'Make Space For Life' survey


मुंबई: गोदरेज इंटीरियो ‘मेक स्पेस फॉर लाइफ’के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक जब परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने की बात आती है तो भारतीय कामकाजी पेशेवरों में तीन में एक से अधिक (34%) काम के दबाव के चलते अपने बच्चों के लिए पर्याप्त समय निकालने में सक्षम नहीं हैं। इस हल्के फुल्के सर्वे में ये भी पाया गया है कि ज़्यादातर भारतीयों ने परिवार, दोस्तों और अपने जुनून के लिए संतुलन बनाने और समय निकालने में विफल होने की बात मानी है।

सर्वे से प्राप्‍त आंकड़े यह भी बताते हैं कि चाइनीज़ काम करने की पद्धति ‘996’ अब भारत में भी ज़ोर पकड़ रही है। इस संख्या का मतलब है सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक सप्ताह के 6 दिन काम करना और कहा जाता है कि चीन की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों और, स्टार्ट-अप्स में इसे काफी सामान्य माना जाता है।

गोदरेज इंटीरियो के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, अनिल माथुर का कहना है, “डिमांडिंग प्रोफेशनल लाइफ के दबाव के चलते आज के कामकाजी पेशेवर मज़बूत पारिवारिक संबंधों के निर्माण या दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने के मामले में पिछड़ रहे हैं। हमारे सर्वे के निष्कर्षों के मुताबिक, काम के अत्यधिक दबाव के कारण परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ाव मजबूत करने के लिए भारतीयों को कम समय मिल पाता है। इस मान्यता के विपरीत कि टेक्नोलॉजी चीज़ें सुविधाजनक कर देती है, नए दौर की टेक्नोलॉजी इस ट्रेंड को और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इस तरह की जानकारियां भारतीयों के जीवन में काम और ज़िंदगी के बीच संतुलन बनाने की डायनैमिक्‍स को भी प्रस्‍तुत करती हैं। एक ब्रांड के तौर पर, गोदरेज इंटीरियो अपनी नई-नई फर्नीचर डिज़ाइनों के ज़रिए घरों में जान डालने का जागरुक प्रयास करता है और कामकाजी पेशेवरों को याद दिलाता है कि जीवन के अजीबो गरीब तनावों के बावजूद हमें अपने घर पर परिवार, दोस्तों और अपने जुनून के लिए स्पेस बनानी चाहिए।”

इस अध्ययन में पता चला है कि कार्य के तनाव के कारण 64% प्रतिसादियों को लोगों को लगता है कि वे अपने परिवार के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं जबकि 28% अपने जीवनसाथी के साथ गुणवत्तापूर्ण समय नहीं बिता पा रहे हैं। इसी तरह  21.2% प्रतिसादियों को यह महसूस होता है कि वे अपने दोस्तों के साथ पर्याप्‍त समय नहीं निकाल पा रहे हैं। वहीं सर्वे में शामिल 16.2% उत्‍तरदाताओं को लगता है कि वे अपने माता-पिता के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं।

ये सर्वे चंड़ीगढ़, मुंबई, जयपुर, पटना, कोयंबटूर, पुणे, लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और कानपुर सहित 13 शहरों में रहने वाले 1300 भारतीयों के साथ संचालित किया गया था।

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