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Tuesday, October 22, 2019

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट कौंसिल (एएसडीसी) के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की









बेंगलुरु :भारत में कौशल विकास मिशन के तहत लगातार किए जाने वाले योगदान और प्रयासों के तहत टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड ने आज ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट कौंसिल (एएसडीसी) के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की। यह साझेदारी टोयोटा के मिशन का भाग है ताकि भारतीय वाहन उद्योग में काम करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण दिया जा सके। यह पहल आईटीआई और उद्योग की आवश्यकता के बीच के अंतर को पाटने के लिए है। 
इस मेमोरेनडम पर ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट कौंसिल के सीईओ  अरिनदम लाहिरी और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर  एन राजा और ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट कौंसिल के चेयरमैन  निकुन्ज संघी ने टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दस्तखत किए। इन अधिकारियों में  वेद प्रकाश तिवारी, वाइस प्रेसिडेंट और तदाओ किडोकोरो प्रबंध संयोजक मौजूद थे।
इस पहल को आईटीआई और डिपलोमा छात्रों को लक्ष्य कर पेश किया गया है और इसका मकसद योग्य मानवशक्ति तैयार करना है जो डीलरशिप पर सेवा स्तर को बेहतर करने के परिणाम के रूप में सामने आएगा। पहले चरण में टीकेएम अपने एएसडीसी संबंध का विस्तार पहले से ही जुड़े 49 आईटीआई / डिप्लोमा  टीटीईपी इंस्टीट्यूट तक करेगा। यह छात्रों के कौशल स्तर का विकास करने और भविष्य के उद्यमियों को प्रेरित करने की टोयोटा की अवधारणा के तालमेल में है। इसका लक्ष्य ऑटोमोटिव उद्योग के लिए सुप्रशिक्षित, सक्षम कार्यबल मुहैया कराना है।टी-टीईपी एक अग्रणी प्रशिक्षण मोडयूल तैयार करेगा। उम्मीदवार को ऑटोमोटिव सिस्टम के भिन्न पहलुओं में शिक्षित और मेनटॉर करेगा तथा अपने डीलरशिप पर काम के साथ प्रशिक्षण देगा। इस दौरान हासिल प्रशिक्षण के आधार पर एएसडीसी छात्रों को प्रमाणित करेगा और इस तरह उन्हें काम पर रखने की योग्यता बढ़ेगी।

दूसरे चरण में देश के प्रमुख मेट्रो शहरों में टोयोटा की डीलरशिप के जरिए फैले हुए टोयोटा सेंट्रलाइज्ड ट्रेनिंग सेंटर (डीसीटीसी) महीने भर के क्रैश कोर्स की पेशकश करेंगे। स्थानीय छात्र टोयोटा के मानकों, साधनों, इंजन कंपोजिशन आदि के संबंध मे सीधे अनुभव और विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं। भिन्न डीलरशिप में ऐसे केंद्र स्थापित करने का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले कौशल स्तर का प्रदर्शन करना है और उम्मीदवारों को भविष्य के लिए तैयार करना है। इसके लिए उन्हें एक्सपर्ट प्रशिक्षण, सुविधाएं, उन्नत पाठ्यक्रम और उपकरण  मुहैया कराए जाएंगे। क्रैश कोर्स के अंत में डीलरशिप के लिए काम करने का मौका मिलेगा। 
इस पहल पर टीकेएम से साझेदारी करके गर्व महसूस करने वाले ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट कौंसिल के चेयरमैन निकुंज संघी ने कहाहम कौशल विकास की पहल में अग्रणी रहने वाले टोयोटा के साथ जुड़कर खुश हैं। हम ओईएम के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि ऑटोमोटिव उद्योग में कौशल विकास की एक स्थायी व्यवस्था विकसित की जा सके। ग्राहकों की लगातार बदलती आवश्यकतओं, गतिशील नियामक माहौल, प्रौद्योगिकी की उभरती प्रवृत्तियां जैसे विद्युतिकृत, ऑटोमेटेड, कनेक्टेड, शेयर टेक्नालॉजी  आदि से उन्नतस्तर के कौशल की मांग रहती है। यह महत्वपूर्ण है कि सुविज्ञ प्रशिक्षण मुहैया कराने के लिए हम ऐसे मौकेदें, अप्रेंटिसशिप के मौके और गुणवत्ता सुविधाएं मुहैया कराएं ताकि कामगारों को उद्योग के लिए  तैय़ार करें। हम उम्मीद करते हैं कि उद्योग के सभी स्टेकधारक एक एकीकृत ढंग से आगे आएंगे ताकि वाहन उद्योग में कौशल की कम को पूरा करने के लिए कम कर सकें।
इस गठजोड़ पर अपने विचार साझा करते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर राजा ने कहा, कौशल विकास की अपनी व्यापक पहल पर एएसडीसी के साथ साझेदारी करके हमें खुशी है। जैसा कि रपटों से अनुमान लगता है, वाहन उद्योग में कुशल मानवशक्ति की कमी हो सकती है और 2022 तक आवश्यक कौशल के अनुसार 45.6% युवा ही नौकरी पर रखने लायक होंगे। ऑटोमोटिव मिशन प्लान (एएमपी) 2016-26 का लक्ष्य इस क्षेत्र को स्किल इंडिया प्रोग्राम का एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता और भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार बनाने वाले सबसे बड़े इंजन में से एक बनाना है। हम अपने कौशल विकास पहल को निखारने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और इसमें तेजी से बदलती टेक्नालॉजी प्रवृत्त्तियों तथा उद्योग की उभरती आवश्यकताओं के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलना शामिल है।
एएसडीसी का आकलन और प्रमाणन आईटीआई के छात्रों की सक्षमता और प्रतिस्पर्धिता को बेहतर करने में सहायता करेगा। अच्छी कारें, उच्च गुणवत्ता वाली कारें – अच्छे लोगों और अच्छा काम जानने वाले लोगों का परिणाम होती हैं जो एक स्थायी तरीके से सोचते हैं। एक जिम्मेदार वाहन निर्माता के रूप में हमलोगों ने स्थायी कौशल विकास को प्राथमिकता दी है ताकि विश्वस्तर के कार्यबल तैयार कर सकें। यह पहल युवाओं के कौशल बढ़ाने और उन्हें नौकरी पर रखने की योग्यता बढ़ाने के भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन के क्रम में है।
टोयोटा टेक्निकल एजुकेशन प्रोग्राम (टी-टीईपी) की शुरुआत भारत में 2006 में हुई थी। यह टोयोटा की कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) गतिविधियों का भाग है और कौशल निखारने की परियोजनाओं के क्रम में है जो टीकेएम चलाता रहा है। इसका मकसद भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में कौशल कीकमी को पूरा करना है। (टी-टीईपी) की स्थापना देश भर में औद्योगिक और तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों के बीच साझेदारी के परिणामस्वरूप हुई है और इसका मकसद ऑटोमोटिव ट्रेनिंग देना है। इसमें सामान्य मरम्मत, वाहनी की बॉडी की मरम्मत, पेंट ठीक करना शामिल है और इस तरह बेहद कुशल तकनीकी कार्यबल तैयार होता है जिसे उद्योग में कैरियर बनाने कि लिए अच्छे मौके उपलब्ध हैं। इस प्रोग्राम से टीकेएम लोगों के कौशल निखारने में सक्षम हो पाया है और इस तरह आईटीआई के छात्रों को नौकरी पर रखने की योग्यता बढ़ गई है। अब वे ऑटोमोटिव रीपेयर की नवनीतम तकनालाजी से वाकिफ हैं और उन्हें आस-पास की टोयोटा डीलरशिप पर ऑन द जॉब यानी काम के दौरान प्रशिक्षण मिला है। 

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