मुंबई। स्वास्थ्य देखभाल तक सार्वभौमिक पहुंच वाले भारत
सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप कदम बढ़ाते हुए पीरामल फाउंडेशन की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पहल
’पीरामल स्वास्थ्य मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट’ और ’रॉकफेलर फाउंडेशन’ ने आज एक रणनीतिक
साझेदारी की घोषणा की। प्रारंभिक चरणों में, साझेदारी का उद्देश्य डिजिटल तकनीक का लाभ उठाकर
’एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ या ’आंकाक्षी जिलों’ सहित आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली माताओं और बच्चों के
बीच रोकी जा सकने वाली मौतों की रोकथाम के लिए काम करना है।
पीरामल स्वास्थ्य और रॉकफेलर की टीमें सरकार के साथ मिलकर प्राथमिक स्वास्थ्य नवाचारों के निर्माण
और नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से उन्हें बढ़ाने पर काम कर रही हैं। साझेदारी साक्ष्य आधारित निर्णय
लेने के लिए कृ़त्रिम बुद्धिमत्ता जैसी प्रौद्योगिकियों को जोड़ते हुए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करेगी। यह
विचार, प्रभावी नीति निर्माण और केंद्रित हस्तक्षेपों को लागू करने के लिए उचित और समय पर अंतर्दृष्टि
प्रदान करके मातृ और बाल मृत्यु को बचाने के संदर्भ में आया है।
पीरामल-रॉकफेलर साझेदारी नीति आयोग की ओर से उल्लेखित 25 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में से पांच
जिलों पर केंद्रित है। यह जिले, भारत सरकार की ओर से तत्काल स्वास्थ्य और विकास की जरूरतों के
रूप में पहचाने गए 117 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में भी शामिल हैं। इन जिलों के कई निवासी जनजातीय
आबादी के सदस्य हैं, जिनके गैर-जनजातीय आबादी की तुलना में काफी खराब स्वास्थ्य परिणाम हैं। भारत
में मातृ मृत्यु दर प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 122 मृत्यु है, जबकि आदिवासी समुदायों में यह और भी
अधिक है। इसी तरह, अन्य स्वास्थ्य संकेतक जैसे कि शिशु मृत्यु दर, बाल कुपोषण दर, मलेरिया और
तपेदिक आदि के मामले भी आदिवासी समुदायों में सामान्य आबादी की तुलना में बहुत अधिक हैं।
शुरुआत में, पीरामल-रॉकफेलर साझेदारी अपने काम के लिए दो मुख्य धाराओं पर ध्यान केंद्रित करेगीः
डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग नए तरीकों की खोज और विकास - जिसमें मोबाइल संचार,
भविष्यवादी विश्लेषण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग शामिल हैं। तकनीक का उद्देश्य अधिक
कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से समुदायों में कमजोर लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान
करना है।
यह आकलन किया जाएगा कि डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य संबंधी
जरूरतों की बेहतर जानकारी को बेहतर तरीके से कैसे एकत्र किया जा सकता है और कैसे इसका
विश्लेषण किया जाए ताकि स्वास्थ्य संसाधनों को लक्षित करने के बारे में सरकार और अन्य लोगों
को सूचित किया जा सके।
पीरामल ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और पीरामल स्वास्थ्य की डायरेक्टर डॉ. स्वाति पीरामल ने
कहा, ’हम अपनी सामूहिक ताकत और अनुभवों का लाभ उठाने और भारत में न्यायसंगत प्राथमिक देखभाल
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परिवर्तनकारी समाधानों का सह-निर्माण करने के लिए द रॉकफेलर फाउंडेशन के
साथ साझेदारी करके खुश हैं। स्वास्थ्य सभी के लिए एक अधिकार होना चाहिए, कुछ के लिए विशेषाधिकार
नहीं।’
उन्होंने आगे कहा, ’भारत एक ऐतिहासिक सार्वजनिक स्वास्थ्य परिवर्तन के शिखर पर है और हम इस
बात से आशान्वित हैं कि इस साझेदारी से देश भर में स्वास्थ्य का लोकतंत्रीकरण करने के लिए सरकारी
लक्ष्यों को गति मिलेगी। इस साझेदारी के माध्यम से, हम भारत में सरकार की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा
पारिस्थितिकी तंत्र में एक साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की संस्कृति का निर्माण करने और इसे संस्थागत
बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीरामल स्वास्थ्य, प्राथमिक देखभाल के लिए एक टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म का
निर्माण भी कर रहा है जनता के लिए बहुत अच्छा रहेगा। यह प्लेटफार्म सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के मामलों की पहचान करने के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा। इसका
उद्देश्य सार्वजनिक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में सार्वजनिक रूप से एक प्रौद्योगिकी और साक्ष्य संचालित प्रणाली
का निर्माण करना है जो बेहतर प्रशासन, जवाबदेही और ज्ञान का भंडार बनाने में मदद करेगी।’
रॉकफेलर फाउंडेशन के प्रेसिडेंट डॉ. राजीव जे. शाह ने कहा, ’डिजिटल इनोवेशन अधिक लोगों को,
विशेष रूप से हमारे समुदायों में सबसे अधिक स्वास्थ्यप्रद गुणवत्ता प्रदान करने का बड़ा भरोसा दिलवाता
है। पीरामल स्वास्थ के साथ काम करके, हमारा उद्देश्य हेल्थ इक्विटी को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल
प्रौद्योगिकी का उपयोग कर भारत की प्रतिबद्धता में तेजी भरना है, यह दुनिया के लिए एक अनुकरणीय
उदाहरण के रूप में काम करेगा।’
कमजोर व वंचित लोगों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए सरकारों के साथ
सहयोग के एक मजबूत इतिहास सहित बेहतर परिणाम संचालित भागीदारी के रूप में पीरामल-रॉकफेलर
साझेदारी अभूतपूर्व परिणाम लाएगी। दोनों टीमें भारत सरकार के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के विजन का
पूरक बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह साझेदारी असरकारक समाधानों के सह-निर्माण की दिशा में काम
करेगी जो प्राथमिक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के स्थान में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे, इसी की
भारत को जरूरत भी है।
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