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Saturday, December 21, 2019

यूटीआई एस्सेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने आईपीओ के लिए ऑफर डॉक्यूमेंट दाखिल किया


 UTI ASSET MANAGEMENT COMPANY LIMITED files Offer Document


मुंबई। यूटीआई एएमसी ने सेबी के यहां ऑफर डॉक्यूमेंट दाखिल किया है। इस ऑफर डॉक्यूमेंट में ‘‘कंपनी’’ के लिए  ₹ 10 अंकित मूल्य के 38,987,081 इक्विटी शेयर्स (‘‘इक्विटी शेयर्स’’) तक का आईपीओ है जो प्रति इक्विटी शेयर मूल्य पर है (प्रति इक्विटी शेयर शेयर प्रीमियम सहित) (‘‘ऑफर’’) जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (‘‘एसबीआई’’) के 10,459,949 इक्विटी शेयर्स, भारतीय जीवन बीमा निगम (‘‘एलआईसी’’) के 10,459,949 इक्विटी शेयर्स, बैंक ऑफ बड़ौदा (‘‘बीओबी’’) के 10,459,949 इक्विटी शेयर्स, पंजाब नेशनल बैंक (‘‘पीएनबी’’) के 3,803,617 इक्विटी शेयर्स और टी. रोव प्राइस इंटरनेशनल लिमिटेड (‘‘टीआरपी’’ और एसबीआई, एलआईसी, बीओबी व पीएनबी के साथ, ‘‘विक्रेता शेयरधारक’’) के 3,803,617 इक्विटी शेयर्स ऑफर फॉर सेल के जरिए हैं। इस ऑफर में पात्र कर्मचारियों (‘‘कर्मचारी आरक्षण हिस्सा’’) के लिए 200,000 इक्विटी शेयर्स आरक्षित हैं। कर्मचारी आरक्षण हिस्से के बाद बचे ऑफर को आगे ‘‘नेट ऑफर’’ कहा जायेगा। पोस्ट-ऑफर चुकता इक्विटी शेयर पूंजी में ऑफर और नेट ऑफर क्रमशः न्यूनतम 30.75 प्रतिशत और 30.59 प्रतिशत होंगे।   

कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, डीएसपी मेरिल लिंच लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, इस ऑफर के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (‘‘बीआरएलएम’’) हैं।

यूटीआई एएमसी और इसके पूर्ववर्ती (यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया) 55 वर्षों से अधिक समय से परिसंपत्ति प्रबंधन उद्योग में सक्रिय रहे हैं। इन्होंने भारत का पहला म्युचुअल फंड स्थापित किया था। क्रिसिल के अनुसार, 30 सितंबर, 2019 को तिमाही औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति की दृष्टि से, यूटीआई एएमसी भारत की सातवीं सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी है। 30 सितंबर, 2019 को, मासिक प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति में इसकी सबसे अधिक हिस्सेदारी भी थी और क्रिसिल के अनुसार, 31 मार्च, 2019 को तिमाही औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति की दृष्टि से, यह बी30 शहरों में शीर्ष दस भारतीय परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों में शामिल रहा। यह तरह-तरह के फंड्स व सेवाओं के जरिए व्यक्तिगत एवं संस्थागत निवेशकों के विभिन्न समूह की आवश्यकताएं पूरी करता है। 30 सितंबर, 2019 के आंकड़ों के अनुसार, यह 178 घरेलू म्युचुअल फंड स्कीम्स को प्रबंधित करता है, जिनमें इक्विटी, हाइब्रिड, इनकम, लिक्विड और मनी मार्केट फंड्स शामिल हैं। यह यूटीआई म्युचुअल फंड के घरेलू म्युचुअल फंड्स को प्रबंधित करता है, संस्थागत ग्राहकों व उच्च नेटवर्थ वाले लोगों (‘‘एचएनआई’’) को पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवाएं (‘‘पीएमएस’’) उपलब्ध कराता है, और रिटायरमेंट फंड्स, ऑफशोर फंड्स व अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स का प्रबंधन करता है। 30 सितंबर, 2019 को, हमारे घरेलू म्युचुअल फंड्स के लिए इसकी कुल तिमाही औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (‘‘घरेलू म्युचुअल फंड क्यूएएयूएम’’)  ₹ 1542.3 बिलियन थी, जबकि अन्य प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति  ₹ 6,254.7 बिलियन थी। घरेलू म्युचुअल फंड्स का प्रबंधन शुल्क 30 सितंबर, 2019 को समाप्त छमाही में हमारी कुल आय का 72.7 प्रतिशत रहा। क्रिसिल के अनुसार, 30 सितंबर, 2019 को 11.0 मिलियन लाइव फोलियोज के साथ, इसका ग्राहक आधार भारतीय म्युचुअल फंड इंडस्ट्री द्वारा प्रबंधित कुल लगभग 86 मिलियन फोलियोज का 12.8 प्रतिशत रहा। इसकी मौजूदगी देश भर में है और यह विभिन्न वितरण चैनल्स के जरिए हमारी स्कीम्स उपलब्ध कराता है। 30 सितंबर, 2019 को, इसके वितरण नेटवर्क में 163 यूटीआई फाइनेंशियल सेंटर्स (‘‘यूएफसी’’), 273 बिजनेस डेवलपमेंट एसोसिएट्स (‘‘बीडीए’’) और चीफ एजेंट्स (‘‘सीए’’) (जिनमें से 46 ऑफिशियल पॉइंट्स ऑफ एक्सेप्टेंस (‘‘ओपीए’’) चलाते हैं) और 33 अन्य ओपीए जिनमें से अधिकांश बी30 शहरों में हैं, शामिल रहे।l
30 सितंबर, 2019 और 30 सितंबर, 2018 को समाप्त छमाही में कंपनी की समेकितकुल आय क्रमशः ₹5.0 बिलियन और ₹5.2 बिलियन रही, और 31 मार्च, 2019, 2018 व 2017 को समाप्त वित्त वर्षों में क्रमशः ₹10.8 बिलियन, ₹11.6 बिलियन और ₹10.5 बिलियन रही। 30 सितंबर, 2019 व 30 सितंबर, 2018 को समाप्त छमाही में, इसका कर-पश्चात समेकित मुनाफा क्रमशः ₹2.1 बिलियन और ₹1.4 बिलियन रहा, जबकि 31 मार्च, 2019, 2018 और 2017 को समाप्त वित्त वर्षों में, इसका कर-पश्चात समेकित मुनाफा क्रमशः ₹3.5 बिलियन, ₹3.6 बिलियन और ₹4.0 बिलियन रहा।
ऑफर का उद्देश्य इक्विटी शेयर्स को स्टॉक एक्सचेंजेज पर सूचीबद्धता का लाभ हासिल करना और ऑफर के विक्रेता शेयरधारकों द्वारा 38,987,081 इक्विटी शेयर्स की बिक्री करना है। आगे, इक्विटी शेयर्स की लिस्टिंग से कंपनी का ब्रांड नेम बढ़ेगा और मौजूदा शेयरधारकों के लिए धन सुलभ हो सकेगा।
ये इक्विटी शेयर्स बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होंगे।



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