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Tuesday, March 31, 2020

टाटा पावर के जॉर्जिया के जॉइंट वेंचर शुआखवी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में व्यावसायिक उत्पादन शुरू



 Tata Power’s JV Shuakhevi Hydro Power Project in Georgia Commences Commercial Production


मुंबई,  टाटा पावर, नॉर्वे की क्लीन एनर्जी इन्वेस्टमेंट (सीईआई) और इंटरनेशनल फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन (आईएफसी) का संयुक्त उद्यम, ऍडजरिस्ट्सकली जॉर्जिया एलएलसी ने  178 मेगावैट के शुआखवी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (एचपीपी) का व्यावसायिक संचालन शुरू होने की घोषणा की। यह जल विद्युत् परियोजना दक्षिण पश्चिम जॉर्जिया में स्थित है। इसके अलावा, एजीएल जल्द ही                   9 मेगावैट की स्खलता हाइड्रो पावर परियोजना शुरू करने जा रहा है, जो शुआखवी जल विद्युत् परियोजना का एक हिस्सा है।
शुआखवी जल विद्युत् परियोजना जॉर्जिया के ऊर्जा क्षेत्र की एकमात्र ऐसी परियोजना है जिसे तीन सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों जैसे यूरोपियन बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (ईबीआरडी), एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और विश्व बैंक समूह के सदस्य आईएफसी द्वारा फंडिंग किया गया है।
इस परियोजना से करीबन 450 जीडब्ल्यूएच शुद्ध ऊर्जा बनायीं जाएगी, जिससे सालाना 200,000 टन से ज्यादा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम किया जाएगा। यह परियोजना सफलतापूर्वक पूरी होना और उसके व्यावसायिक संचालन की शुरूआत जॉर्जिया की अखंडता, सुरक्षा और ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए  महत्वपूर्ण माना जा रहा है।  इस परियोजना में बनायीं जाने वाली बिजली सिर्फ जॉर्जिया में सर्दियों के दौरान बेची जाएगी, सर्दियों में जॉर्जिया में बिजली की कमी सहनी पड़ती है।
टाटा पावर के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीर सिन्हा ने कहा, “शुआखवी एचपीपी का व्यावसायिक संचालन टाटा पावर और हमारे सहयोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। शुआखवी एचपीपी पिछले 70 वर्षों में बनायीं गयी सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली ऊर्जा परियोजना है। जॉर्जिया में अखंडता, सुरक्षा और ऊर्जा की स्वतंत्रता की दृष्टी से 178 मेगावैट की शुआखवी एचपीपी की सफलता महत्वपूर्ण है।"
ऍडजरिस्ट्सकली जॉर्जिया एलएलसी यह टाटा पावर, नॉर्वे के क्लीन एनर्जी इनवेस्टमेंट और इंटरनेशनल फायनांशियल कॉर्पोरेशन - आईएफसी (विश्व बैंक समूह का सदस्य) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। पूरी परियोजना की लागत करीबन 500 मिलियन यूएस डॉलर्स है।
टाटा पावर की स्थापित जल विद्युत् क्षमता करीबन 500 मेगावैट है।  महाराष्ट्र में उनकी तीन परियोजनाएं हैं। यह बिजली देश के भीतर ही इस्तेमाल की जाती है।  टाटा पावर ने देश का पहला जल विद्युत् उत्पादन केंद्र (40 मेगावैट क्षमता) सौ साल पहले महाराष्ट्र के खोपोली में शुरू किया।


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