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Friday, April 24, 2020

अन्नामृत फाउंडेशन ने 79 लाख लोगों को प्रदान किया भोजन






Annamrita Foundation Provides Meals for 79 Lac+ Migrant & Poor Families impacted by the COVID-19 Pandemic

नई दिल्ली। पूर्व में इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन के रूप में पहचाने जाने वाले अन्नामृत फाउंडेशन ने कोविड- 19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की सहायता की है। फाउंडेशन ने लॉकडाउन के दौरान देशभर में प्रवासी कामगारों, दैनिक वेतन भोगियों, झुग्गी-झोपड़ियों और कच्ची बस्तियों मंे रहने वाले लोगों और सड़कों पर रहने वाले गरीबों को पौष्टिक और स्वच्छ भोजन प्रदान किया है। फाउंडेशन ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के बीच भूख के संकट से लड़ने के लिए ‘ऑपरेशन करुणा‘ की शुरुआत की। रिलायंस फाउंडेशन और अजय पीरामल की पिरामल फाउंडेशन लॉकडाउन अवधि के दौरान किराने का सामान और खाद्यान्नों की निर्बाध आपूर्ति का वादा किया है। बड़ी मात्रा में भोजन पकाने के लिए आवश्यक धन का इंतजाम रोटरी क्लब ऑफ बॉम्बे क्वीन्स नेकलेस ने किया।
25 मार्च 2020 को लागू किए गए लॉकडाउन के बाद से देशभर में भोजन के प्रतिदिन 3.2 लाख पैकेट के हिसाब से अब तक 79 लाख भोजन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। अन्नामृत फाउंडेशन ने इस दिशा में और अधिक परोपकारी, लोगों, कॉर्पोरेट्स और एनजीओ से आगे आने और अपनी श्रद्धा के अनुसार छोटा या बड़ा योगदान करने का आग्रह किया है, क्यांेकि अब भी बड़ी संख्या में ऐसे वंचित और जरूरतमंद लोग हैं, जिन्हें पर्याप्त सहायता की आवश्यकता है।
अन्नामृत रसोई में स्वच्छता और सुरक्षा के साथ भोजन तैयार करने के सख्त दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है। अपनी विशिष्ट आईएसओ प्रमाणित मास कुकिंग तकनीक का लाभ उठाते हुए, एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और औद्योगिक आकार की रसोई में बड़ी मात्रा में तैयार किए गए भोजन को साझेदार संगठनों और गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से कुशलतापूर्वक वितरित किया जाता है, जिन्होंने जरूरतमंद लोगों को, खासकर मलिन बस्तियों में डोर-टू-डोर डिलीवरी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली है। भोजन को तैयार करने में अब तक महाराष्ट्र में 81 टन चावल, 46 टन दाल, 14 टन खाना पकाने का तेल, 63.5 टन सब्जियां, 4 टन मसाले और 6 टन नमक का उपयोग किया गया है।
अन्नामृत फाउंडेशन के डॉ राधाकृष्ण दास ने कहा, ‘‘यह हमारे देश के लिए एक कठिन समय है। हमारे संस्थापक, उनके दिव्य अनुग्रह अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, हमारे साथी जीवित प्राणियों के प्रति दया के भाव से, हम उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अन्नामृत के कार्यकर्ता और स्वयंसेवक जो जरूरी है, वो काम कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। हम अपने साथी संगठनों से मिलने वाले समर्थन के लिए आभारी हैं, क्योंकि उनके सक्रिय सहयोग के कारण ही हम भोजन के सफल वितरण का एक लंबा रास्ता तय कर चुके हैं। हम और अधिक लोगों से उनके योगदान के माध्यम से इस पहल में शामिल होने का अनुरोध करते हैं ताकि हम कई और लोगों तक पहुंचने में सक्षम हों जो वर्तमान में भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं।‘‘
पार्टनर
दानदाताः उदार सहयोगी संगठनों, जिन्होंने धन का योगदान दिया है, इनमें शामिल हैं - रिलायंस  फाउंडेशन, अजय पीरामल की पिरामल फाउंडेशनए रोटरी क्लब ऑफ मुंबई क्वींस नेकलेस, ताजसैट्स, सिप्ला, भारत पेट्रोलियम, बजाज, थर्मैक्स, महानगर गैस लिमिटेड, जेएसडब्ल्यू, टीवीएस, मफतलाल, आईआईएफएल फाइनेंस, पिडिलाइट, महिको मोनसेंटो, बायर, प्राणिक हीलिंग, सहचरी फाउंडेशन और अन्य संगठन तथा उद्यमी।
डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्सः रोटरी क्लब ऑफ बॉम्बे क्वींस नेकलेस, जायंट्स परिवार, एनईएसएच 52 - नो वन एवर स्लीप्स हंग्री, आर्ट ऑफ लिविंग, वाईएमसीए, अरहम युवा सेवा ग्रुप, आईडीएफ और अन्य।
बड़े संगठनों के अलावा, बड़ी संख्या में व्यक्तियों और कॉर्पोरेट कर्मचारियों ने अपनी क्षमता के अनुसार 100 रुपए से लेकर करोड़ तक का योगदान किया है। लोगों के प्यार और समर्थन ने हमें प्रोत्साहित किया है। अन्नामृत फाउंडेशन देश भर में हजारों वंचितों को भोजन कराने के इस महत्वपूर्ण कार्य को आगे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
लॉकडाउन के दौरान अन्य पहल में शामिल हैंः-
नगरपालिका कर्मचारी फीडिंग कार्यक्रमः मुंबई के एमसीजीएम के म्युनिसिपल कमिश्नर के अनुरोध पर, अन्नमृता फाउंडेशन नगरपालिका के सभी समर्पित और मेहनती कर्मचारियों को आपातकालीन ड्यूटी पर भोजन पहुंचा रहा है। शहर के आसपास के 24 वॉर्ड्स के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, मेंटेनेंस, पब्लिक हेल्थ, एजुकेशन, सोशल जस्टिस, फायर, वाटर और डिजास्टर मैनेजमेंट जैसे विभागों के 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों को भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
अस्पताल स्टाफ फीडिंग प्रोग्रामः कोविड- 19 के खिलाफ असली लड़ाई डॉक्टरों और नर्सों और कई सहायक टीमों के साथ क्वारेंटाइन केंद्रों और अस्पतालों में लड़ी जा रही है। ये ऐसे लोग है। जो मरीजों को बीमारी से बचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। अन्नामृत फाउंडेशन मुंबई के इन अस्पतालों और क्वारेंटाइन केंद्रों में भोजन पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।


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