मुंबई, देश में सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी ऋणदाता बैंक ऑफ बड़ौदा ने कृषि क्षेत्र के लिए अनेक योजानाएं लॉन्च की हैं, ताकि महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की घरेलू और कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जा सके। बैंक ने फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ/एफपीसी) के लिए एक आपातकालीन क्रेडिट लाइन की घोषणा भी की। इसके माध्यम से कोविड- 19 के कारण उत्पन्न एफपीओ/एफपीसी के टेम्परेरी लिक्विडिटी मिसमैच को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
एसएचजी-कोविड- 19 योजना में अतिरिक्त आश्वासन के तहत, बैंक सीसी/ओडी/टीएल/डीएल के रूप में मौजूदा एसएचजी की सुविधाओं को सहायता प्रदान करेगा। योजना के तहत प्रति एसएचजी को न्यूनतम ऋण राशि 30,000 रुपए और प्रति सदस्य को अधिकतम ऋण राशि 1,00,000 लाख रुपए मंजूर की जाएगी और इस राशि को 24 महीनों में चुकाया जा सकेगा।
इस योजना का पुनर्भुगतान मासिक/त्रैमासिक आधार पर होगा और अधिस्थगन (मोरेटिरयम) संवितरण की तारीख से छह महीने की अवधि के लिए होगा।
एफपीओ/एफपीसी योजना के लिए बड़ौदा आपातकालीन क्रेडिट लाइन के तहत मुख्य उद्देश्य कोविड- 19 के कारण उत्पन्न एफपीओ/एफपीसी के टेम्परेरी लिक्विडिटी मिसमैच को पूरा करने का है। संयुक्त सीमा की 10 प्रतिशत राशि अधिकतम 5,00,000 रुपए 36 महीने की अवधि के साथ मंजूर किए जाएंगे। अधिस्थगन अवधि अधिकतम छह महीने के लिए है।
डेयरी, मत्स्य पालन आदि सहित मौजूदा कृषि निवेश ऋण उधारकर्ताओं के लिए बड़ौदा विशेष योजना के तहत, बैंक कृषि समुदाय के लिए तत्काल ऋण प्रदान करेगा, जो कि कोविड- 19 के कारण उत्पन्न हालात में कृषि रखरखाव और कृषि संबंधी अन्य गतिविधियों के लिए आवश्यक धनराशि की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसकी सीमा अन्य कृषि स्वीकृति सीमा की 10 प्रतिशत (यानी न्यूनतम 10,000 रुपए) और मौजूदा नियमित निवेश क्रेडिट कृषि खातों के लिए अधिकतम 50,000 रुपए होगी।
कोविड- 19 से प्रभावित मौजूदा फसल ऋण लेने वालों के लिए बड़ौदा विशेष योजना के तहत, कृषि संबंधी जरूरतें और संबंधित घरेलू उद्देश्य के लिए खेती के लिहाज से तत्काल ऋण के लिए एक योजना शुरू की गई है। मौजूदा नियमित केसीसी धारकों के लिए इस योजना की सीमा केसीसी अनुमोदन सीमा का 10 प्रतिशत है यानी न्यूनतम 10,000 रुपए और अधिकतम 50,000 रुपए।
बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विक्रमादित्य सिंह खिंची ने कहा, ‘‘बैंक ऑफ बड़ौदा में, हम महिला स्व-सहायता समूहों और कृषक समुदाय को वित्तीय सहायता देना चाहते हैं ताकि इन मुश्किल हालात के दौरान उनकी आकस्मिक राशि की जरूरतें आसानी से पूरी हो सकें। हम किसानों और महिलाओं के एसएचजी से आग्रह करते हैं कि वे कृषि रखरखाव, अन्य संबंधित गतिविधियों और घरेलू जरूरतों का समर्थन करने के लिए उपलब्ध तत्काल ऋण का लाभ उठाएं।‘‘
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