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Saturday, April 18, 2020

परिपत्र संख्या 133 का वास्‍ता रिफंड आवेदन के साथ एचएसएन/एसएसी कोड देने की आवश्यकता से है: सीबीआईसी


The Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) said that it is fully committed to help the GST taxpayers in the present COVID-19 situation.




‘जीएसटी कानून में कुछ श्रेणियों में सेवाओं और पूंजीगत सामान पर प्राप्त क्रेडिट को रिफंड करने की अनुमति नहीं है’

नई दिल्ली।केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि वह कोविड-19 की मौजूदा परिस्थितियों में जीएसटी करदाताओं की मदद करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 
सीबीआईसी ने 30 मार्च 2020 से लेकर अब तक 5,575 करोड़ रुपये के दावों वाले 12,923 रिफंड आवेदनों की प्रोसेसिंग की है। अकेले पिछले सप्ताह ही सीबीआईसी ने 3854 करोड़ रुपये के दावों वाले 7,873 आवेदनों की प्रोसेसिंग की है। 
सीबीआईसी ने कहा कि उसने एक व्यापार और कारोबार अनुकूल उपाय (इसके परिपत्र, संख्या 133 दिनांक 31.03.2020, को देखें) किया है, ताकि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों को आईटीसी रिफंड जल्‍द हो सके और इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित सूचना के अभाव में गलत आईटीसी दावों की प्रोसेसिंग न हो जाए, लेकिन इसके बारे में सोशल मीडिया और अन्य मीडिया के कुछ विशेष वर्गों में गलत ढंग से समझाते हुए बताया गया है कि इससे कोविड-19 जैसी स्थिति में करदाताओं को परेशानी हो रही है।
सीबीआईसी ने बताया कि 14 मार्च, 2020 को आयोजित की गई जीएसटी परिषद की 39वीं बैठक में मंजूरी मिलने के साथ ही यह उपाय लागू हो गया, ताकि करदाताओं को आईटीसी रिफंड में हो रही देरी को कम किया जा सके और इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित सूचना के अभाव में फर्जी आईटीसी दावों की प्रोसेसिंग न हो जाए। यह करदाताओं सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा जीएसटीसी के संज्ञान में लाया गया था। यह देखा गया कि इस तरह के सत्यापन में काफी समय लग जाता है कि क्या रिफंड दावों के लिए कुछ श्रेणियों में सेवाओं और / या पूंजीगत सामान पर क्रेडिट लिया गया था।
सीबीआईसी ने कहा कि दावे की प्रोसेसिंग के समय इस डेटा को प्रदान करने में व्यापारियों को हो रही कठिनाई, जिससे देरी होती है और अनुपालन लागत बढ़ जाती है, को दूर करने के लिए जीएसटी परिषद की बैठक में वर्गीकरण कोड की घोषणा को स्‍वयं आवेदन का ही एक हिस्सा बनाने का निर्णय लिया गया। जीएसटी परिषद की इसी बैठक में निर्यातकों के रिफंड दावे में सहूलियत के लिए विभिन्‍न वित्तीय वर्षों में कर अवधि का समूह बनाने की अनुमति देने का निर्णय भी लिया गया है। यह 31 मार्च 2020 के बाद प्रस्‍तुत किए गए आवेदनों पर लागू होगा। यह भी उल्‍लेखनीय है कि इस तरह के आवेदनों की अंतिम तिथि‍, जो पहले 20 मार्च 2020 और 29 जून 2020 के दौरान निर्धारित थी, को बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया है।
सीबीआईसी ने स्पष्ट किया कि परिपत्र संख्या 133 (दिनांक 31.03.2020) का वास्‍ता रिफंड आवेदन के साथ एचएसएन/एसएसी कोड देने की आवश्यकता से है। जीएसटी कानून में कुछ श्रेणियों में सेवाओं और / या पूंजीगत सामान (कैपिटल गुड्स) पर प्राप्त क्रेडिट को रिफंड करने की अनुमति नहीं दी गई है। उदाहरण के लिए, कैपिटल गुड्स आईटीसी रिफंड निर्यात और अन्य शून्य-रेटिंग वाली आपूर्ति के कारण आईटीसी रिफंड के लिए स्वीकार्य नहीं है। इसके अलावा, सेवाओं और पूंजीगत सामान पर प्राप्‍त आईटीसी को प्रतिलोमित शुल्‍क (इन्‍वर्टेड ड्यूटी) संरचना वाली रिफंड श्रेणी में रिफंड करने की अनुमति नहीं है।

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