नई दिल्ली, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशानिर्देशों के अनुरूप कोरोना (COVID-19) जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हमने भी अपने मंत्रालय के माध्यम से जनता को पूरा सहयोग प्रदान करने की तैयारी की है।कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने डेजिगनेटेड एवं ऑप्शनल ट्रेड के अंतर्गत आने वाले सभी प्रतिष्ठानों को सूचित किया है कि उनके यहां कार्यरत सभी प्रशिक्षुओं को लॉकडाउन की अवधि में पूर्ण छात्रवृत्ति दी जाये।मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि नेशनलअप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के अंतर्गत, लॉकडाउन की अवधि में प्रतिष्ठानों को छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति का भुगतान सरकार द्वारा NAPS के दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
अप्रेंटिसशिप अधिनियम 1961 के संदर्भ में वर्ष 2014 में किये गए संशोधनों तथा अप्रेंटिसशिप नियम 1992, एवं वर्ष 2019 में नियमों में किये गए संशोधनों के अंतर्गत नियम 7 के उप-नियम 2(बी) में कहा गया है किअगर किसी प्रतिष्ठान में हड़ताल, तालाबंदी या छंटनी के कारण प्रशिक्षु प्रशिक्षण की अवधि पूरी नहीं कर पाता है तो ऐसे में उनके प्रशिक्षण की अवधि को हड़ताल, तालाबंदी या छंटनी की अवधि के बराबर अनुपात में बढ़ाया जाएगा। ऐसी हालातों में 6 महीने या उससे कम चाहे जितने भी समय का लॉकआउट निर्धारित किया गया हो, प्रशिक्षुओं को उस पूर्ण अवधी की छात्रवृत्ति मिलती रहेगी।
केंद्रीय कौशल विकास एवंउद्यमशीलता मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेयने कहा” इस चुनौतीपूर्ण समय में हम सभी को आगे आने और एक दूसरे का पूरी तरह से समर्थन करने की आवश्यकता है। यहां तक कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी ऐसे संकट के समय में व्यवसायी वर्ग से सहानुभूति के साथ कार्य करने की अपील की है। प्रधानमंत्री जी की अपील एवं उनके दिशानिर्देशों का पालन करते हुए हमने तय किया है कि हम इस देश के युवाओं का मनोबल किसी भी कीमत पर कम नहीं होने देंगे।हम युवाओं का पूर्ण रूप से समथन करेंगे। हमने यह तय किया है कि इस देशव्यापी लॉकडाउन के समय में भी हमारे प्रशिक्षुओं को उनकी पूरी छात्रवृत्ति मिलती रहे। मैं आपको बताना चाहूँगा कि इस विषम परिस्थिति में भी सभी प्रतिष्ठानों ने इस संबंध में पूरी प्रतिबद्धता दिखाते हुए सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।”
पाण्डेय ने बताया कि युवाओं को स्कूल और कॉलेज के बाद काम के माहौल मं ढालने एवं एक ही समय में उद्योगों और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच संबंधों में सुधार करने की दिशा में अप्रेंटिसशिप को एक प्रभावी तरीके के रूप में मान्यता दी गई है।आज नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोग्रामभारत के वर्कफोर्स को पूरा करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह प्रोग्रामइम्पलॉयर, वर्कर्स और सरकार के बीच लागत साझा करनेऔर सरकार, इम्पलॉयर और वर्कर्स को एक साथ भागीदारी में शामिल करने का शानदार अवसर प्रदान कर रहा है। भविष्य में उद्योग और युवा वर्ग कुशल भारत-कौशल भारत के सपने को साकार करने के लिएएक साथ आगे आयेंगे, और यही अप्रेंटिसशिपप्रोग्राम की जीत होगी।
गौरतलब है कि जनवरी में चीन के वुहान से शुरू हुईइस कोरोना वायरस नाम की महामारी ने देश में अबतक 26 लोगों की जान ले ली है, जबकि लगभग 1045 नागरिक इससे संक्रमित हैं। वैश्विक रूप सेलाखों लोगों को संक्रमित करने वाली यह महामारी दुनियाभर में अबतक लगभग 27,000 मौतों का कारण बन चुकी है।
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