मोलबायो डायग्नोस्टिक्स टेस्टींग किट को इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च से मिली स्वीकृति - Karobar Today

Breaking News

Home Top Ad

Post Top Ad

Tuesday, April 7, 2020

मोलबायो डायग्नोस्टिक्स टेस्टींग किट को इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च से मिली स्वीकृति


Molbio Diagnostics' testing kit for COVID-19 approved by the Indian Council of Medical Research



मुंबई,  इंडिया हेल्थ फंड द्वारा समर्थित मोलबायो डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशंस (सीएचआरआई) के जरिए हाल ही में कोविड-19 के परीक्षण के लिए मरीजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने योग्य टेस्टींग किट - ट्रूनैट बीटा सीओवी टेस्ट के लिए इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से अनुमोदन प्राप्त किया है। इस किट को कोविड-19 के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा और टेस्ट के नतीजें घंटे भर में मिल सकते हैं। इससे एक ही दिन में परीक्षण करके नतीजें मिल सकते हैं और अगर जरुरत हो तो उसी दिन से मरीज को दूसरे लोगों से दूर रखने की अर्थात अलगाव की प्रक्रिया को शुरू किया जा  सकता है। इससे परीक्षण के नतीजों की प्रतीक्षा करने तक संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है। हर परीक्षण का खर्च 1350 रुपयों के नीचे होगा। ट्रूनैट बीटा सीओवी टेस्ट यह भारत में बनायी गयी दूसरी ऐसी सुविधा है जिसके उपयोग को आईसीएमआर द्वारा बहुत ही कम समय में अनुमोदित किया गया है।
2019 से इंडिया हेल्थ फंड के समर्थन ने मोलबायो डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और सीएचआरआई को उत्तर प्रदेश के जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में (जहां उन्हें शुरूआत में तैनात किया गया था) टीबी और रिफाम्पिसिन रेसिस्टेंस का निदान करने में ट्रूलैब के प्रभाव को दर्शाने में सक्षम बनाया।  अपनी ट्रूलैब रियल टाइम क्वांटिटेटिव माइक्रो पीसीआर सिस्टम के जरिए जहां मरीज हो वहां संक्रामक बिमारियों के लिए मोलिक्युलर डायग्नोस्टिक्स करने की क्षमता इस प्लेटफार्म में है। कोविड-19 के परीक्षण की क्षमता वह अतिरिक्त विशेषता है जिसे मोलबायो डायग्नोस्टिक्स द्वारा विकसित किए गए ट्रूलैब रियल टाइम क्वांटिटेटिव माइक्रो पीसीआर सिस्टम में जोड़ा गया है।
इंडिया हेल्थ फंड यह टाटा ट्रस्ट्स द्वारा शुरू किया गया संगठन है। भारत में संक्रामक बिमारियों के निर्मूलन में तेजी लाने में मदद कर सकते हैं ऐसे महत्वपूर्ण खोज करने वाले नवाचारों को पहचानकर उनका समर्थन करना इंडिया हेल्थ फंड का उद्देश्य है।  टीबी और मलेरिया के निदान, इलाज और प्रतिबंध में सुधार लाने के लिए तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोलिक्युलर डायग्नोस्टिक्स और उत्पाद रचना का लाभ लेने वाले इनोवेशंस के समर्थन पर इंडिया हेल्थ फंड ने अब तक ध्यान केंद्रीत किया है। मोलबायो डायग्नोस्टिक्स से ट्रूलैब इनमें से एक है। अब इंडिया हेल्थ फंड ने अपना ध्यान बढाकर आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता करोना विषाणु के निदान, इलाज, प्रतिबंध और निगरानी के लिए क्रांतिकारी इनोवेशंस की पहचान और समर्थन पर जुटाया है।  इंडिया हेल्थ फंड ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सेंट्रल टीबी डिवीज़न के साथ सहयोग किया है और द ग्लोबल फंड टू फाइट एड्स, टुबरक्युलोसिस एंड मलेरिया के साथ उनकी नीतिक साझेदारी है।
मोलबायो डायग्नॉस्टिक्स के लिए समर्थन और ट्रूनैट बीटा सीओवी टेस्ट को तेजी से मंजूरी यह इंडिया हेल्थ फंड की संक्रामक रोगों के खिलाफ लड़ाई में सहायता के लिए महत्वपूर्ण खोज करने वाले नवाचारों का समर्थन जारी रखने की प्रतिबद्धता के तगड़े उदहारण हैं।
मोलबायो डायग्नॉस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के चीफ टेक्निकल ऑफिसर डॉ. चंद्रशेखर नायर ने बताया, "मोलिक्युलर डायग्नोस्टिक्स की उपलब्धता को तेजी से बढ़ाना और उसके लिए आवश्यक वित्तीय सहायता होना आज सबसे ज्यादा जरुरी है, जिससे कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारियों को नियंत्रण में रखने के लिए तैयार होने में मदद मिल सकती है।" 
7 अप्रैल 2020 को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर इंडिया हेल्थ फंड भारत में टीबी, सांस से जुड़ी और हवा से फैलने वाली संक्रामक बिमारियों पर ध्यान केंद्रीत करने वाले क्रांतिकारी इनोवेशंस के लिए कॉल की घोषणा कर रहा है। संक्रामक बिमारियों के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल करने योग्य और आगे बढ़ाए जाने योग्य नयी सोच और नवीनतम प्लेटफार्म सोल्यूशंस को बढ़ावा देना इस कॉल का उद्देश्य है।
इंडिया हेल्थ फंड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर माधव जोशी ने कहा, "इंडिया हेल्थ फंड की पहल क्वेस्ट फॉर इनोवेशंस 2020 सभी उद्यमियों, इनोवेटर्स और सायंटिस्ट्स के लिए अपनी कल्पनाओं और सोल्यूशंस को लेकर आगे आने और उनके टूल्स और टेक्नोलॉजीज के विकास और इस्तेमाल में तेजी लाने के लिए इंडिया हेल्थ फंड के साथ सहयोग करने का एक अवसर है।"


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad